लखनऊः राजधानी में स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पिछले सात दिनों से जारी राजस्थान के बेरोजगारों की आवाज आखिरकार राजस्थान सरकार तक पहुंच गई है. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की शनिवार को शाम चार बजे राजस्थान सरकार से वार्ता होगी. सरकार की इस पहल के बाद लखनऊ में चल रहे अनशन को समाप्त कर सभी बेरोजगार राजस्थान वापस लौट गए हैं.
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर पिछले सात दिन से लखनऊ कांग्रेस कार्यालय के बाहर उनका आंदोलन जारी था. इसके अलावा राजस्थान के शहीद स्मारक पर 51 दिन से आंदोलन जारी था. राज्य सरकार की तरफ से पूर्व बीज निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ की मध्यस्था में लिखित में वार्ता का न्योता मिला है. शनिवार शाम चार बजे सचिवालय में मुख्यमंत्री प्रमुख शासन सचिव सहित अन्य अधिकारियों से मीटिंग होगी और उसके बाद मुख्यमंत्री से वार्ता होगी.
उपेन ने बताया कि पूर्व बीज निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने विश्वास दिलाया है कि बेरोजगारों की विभिन्न मांगों को राजस्थान सरकार जल्द पूरा करके न्याय प्रदान करेगी. उपेन ने बताया कि इसके बाद लखनऊ में जारी आंदोलन को स्थगित करते हुए सभी बेरोजगार राजस्थान वापस लौट गए हैं. उपेन यादव ने बताया कि यदि सरकार बेरोजगारों की मांगें नहीं मानती है और वार्ता के बाद धोखा करती है तो फिर से उत्तर प्रदेश कूच करेंगे.
इसे भी पढ़ें-कांग्रेस कार्यालय पर जिद पर अड़े अनशनकारी, कांग्रेस की गांधीगिरी भी नहीं स्वीकारी
गौरतलब है कि 27 नवंबर को राजस्थान के बेरोजगार लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर धरना देने आए थे. बेरोजगारों की मांग थी कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी से मुलाकात कराई जाए. प्रियंका गांधी उनकी समस्याओं का समाधान करा सकती हैं. प्रियंका से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई तो सभी बेरोजगार कांग्रेस कार्यालय के बाहर ही बैठ गए और अनशन शुरू कर दिया. अनशन के दौरान कई महिलाओं की तबीयत भी बिगड़ी. अब शनिवार को आखिरकार राजस्थान सरकार पिघली और बेरोजगारों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप