लखनऊ : राजा महमूदाबाद और उनके रिश्तेदारों की संपत्तियों को अब सीलिंग से बाहर रखा जाएगा. गाटों का मिलान कर खातों को सीलिंग से अलग करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. गृह मंत्रालय ने सीलिंग घोषित जमीनों में से शत्रु संपत्तियों को अलग करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए प्रशासन को एक पत्र भेजा गया है.
सरकार के खाते में दर्ज कराने का दिया था आदेश
राजा महमूदाबाद के 3 जिलों में सीतापुर, बाराबंकी और लखीमपुर खीरी में शत्रु संपत्तियों को सीलिंग एक्ट में शामिल करने पर विवाद खड़ा हो गया था. 26 दिसंबर 2020 को एडीएम प्रशासन लखनऊ कोर्ट ने तीनों जिलों में राजा मोहम्मद अमीर मोहम्मद खान सहित अन्य स्वामित्व में दर्ज 421 करोड़ों रुपये की 422 हेक्टेयर जमीन की सीलिंग में घोषित करते हुए राज्य सरकार के खाते में दर्ज कराने का आदेश दिया था.
प्रशासन को भेजा गया पत्र
अपर जिलाधिकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने सीलिंग घोषित जमीनों में से शत्रु संपत्तियों को अलग करने के निर्देश दिए हैं. सहायक अभिलक्षक शत्रु संपत्ति की ओर से इस बाबत पत्र प्रशासन को भेजा गया है. कोर्ट ने अमर आमद कराकर अभिलेखों में दर्ज भूमि को कब्जे में लेने को कहा था. जारी पत्र में कहा गया है कि शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 विधिमान्य करण और संशोधन 2017 की धारा 18 बी में प्रावधान है कि शत्रु संपत्तियों के संबंध में सिविल न्यायालय या प्राधिकरण को केंद्रीय सरकार या अभिरक्षक द्वारा की गई किसी कार्रवाई के संबंध में कोई भी वाद या अन्य कार्रवाई करने का अधिकार नहीं होगा.