लखनऊ : भारतीय रेलवे ने कोरोना काल के दौरान कई ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था. इनमें मेमू ट्रेनों भी शामिल हैं. ये लखनऊ से कानपुर, हरदोई, बाराबंकी, शाहजहांपुर, प्रतापगढ़ और रायबरेली के बीच चलती थी. रोजाना चलने वाले यात्रियों के लिए मेमू लाइफ लाइन मानी जाती रही है. रोजाना काफी संख्या में यात्रा इनमें सफर करते थे. अब जब सक कुछ सामान्य हो चुका है. इसके बावजूद रेलवे इन ट्रेनों को नहीं चला रहा है. रेलवे प्रशासन की तरफ से लगातार तारीख पर तारीख दी जा रही है. जबकि दो साल से यात्री परेशान हैं. एक तरह से अफसर मेमू को चलाना भूल बैठे हैं.

महंगा टिकट लेकर बसों में सफर की मजबूरी : रेलवे ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद जब ट्रेनों का संचालन बहाल किया तो धीरे-धीरे मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को पटरी पर उतारा गया, लेकिन मेमू ट्रेनों का संचालन अब तक शुरू नहीं किया. इससे दैनिक यात्रियों को परेशानी हो रही है. यात्रियों को बस का महंगा टिकट लेकर सफर करना पड़ रहा है. रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए एमएसटी की सेवा शुरू की, लेकिन यात्रियों को इससे सहूलियत नहीं मिली. इसके बाद उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल ने लखनऊ से कानपुर के बीच मेमू ट्रेन को अनारक्षित स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन बनाकर इसी साल 13 मार्च से संचालन शुरू कर दिया. इस ट्रेन का रैक मेमू का है. इसके चलने से जनरल यात्रियों को थोड़ा आराम मिल गया.
लखनऊ और कानपुर के बीच चल रही एक्सप्रेस ट्रेन : उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि लखनऊ और कानपुर के बीच संचालित होने वाली मेमू ट्रेन को एक्सप्रेस बनाकर संचालन कराया जा रहा है. ट्रेन में सभी 12 मेमू के कोच जनरल कोच के ही रूप में हैं. ट्रेन का न्यूनतम किराया 45 रुपये है. सप्ताह में शनिवार और रविवार छोड़कर ये ट्रेन पांच दिन चलाई जा रही है. ट्रेन नंबर 04298 कानपुर से दोपहर 12:10 बजे चलकर 02:15 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचती है. वापसी में ट्रेन नंबर 04295 लखनऊ के चारबाग स्टेशन से दोपहर 02:30 बजे चलकर कानपुर सेंट्रल शाम 04:25 बजे पहुंचती है. ट्रेन मानकनगर, अमौसी, पिपरसंड, हरौनी, जैतीपुर, कुसुंभी, अजगैन, सोनिक, उन्नाव जंक्शन, मगरवारा, कानपुर पुल बायां किनारे पर ठहरती है. लखनऊ से कानपुर के बीच 30,000 से ज्यादा दैनिक यात्रियों की आवाजाही होती है.
मेमू और बस के किराए में चार से पांच गुना अंतर : लखनऊ से कानपुर का किराया ट्रेन से 45 रुपये है, जबकि बस से 140 रुपये है. लखनऊ से बाराबंकी तक ट्रेन का किराया 45 रुपये है, जबकि बस से 55 रुपये है. लखनऊ से रायबरेली तक ट्रेन का किराया 45 रुपये है, जबकि बस से 92 रुपये है. लखनऊ से सुलतानपुर तक ट्रेन का किराया 45 रुपये है, जबकि बस से 172 रुपये है. इसी तरह लखनऊ से प्रतापगढ़ का ट्रेन से किराया 45 रुपये है, जबकि बस से 191 रुपये है.

मांगों पर विचार नहीं कर रहा रेलवे : दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल का कहना है कि लखनऊ से कानपुर के बीच सबसे ज्यादा दैनिक यात्री सफर करते हैं. ऐसे ही लखनऊ से प्रतापगढ़, बाराबंकी, शाहजहांपुर, हरदोई के बीच भी मेमू ट्रेनें चलती रही हैं. इनसे 45 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते थे, लेकिन मेमू बंद होने से यात्रियों को बस के महंगे टिकट पर यात्रा करनी पड़ रही है. लखनऊ से कानपुर की तरह ही बाराबंकी, रायबरेली, प्रतापगढ़ और सुलतानपुर रूट पर भी मेमू को अनारक्षित स्पेशल बनाकर संचालित करने की मांग की गई थी. इस पर अभी तक विचार नहीं किया जा रहा है. इन रूटों पर मेमू संचालित होने से हजारों यात्रियों को आराम हो जाएगा.

क्या कहते हैं महाप्रबंधक : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी ने ईटीवी भारत को बताया कि अब धीरे-धीरे ट्रेनों में जनरल डिब्बे खत्म किए जा रहे हैं. ट्रेनों में दो जनरल कोच लगते थे, अब एक हो गया है. अब हम यात्रियों को बेहतर सुविधा दे रहे हैं, इसलिए ट्रेनों में धीरे-धीरे स्लीपर भी खत्म किया जा रहा है. पूरी ट्रेन एसी में कन्वर्ट की जा रही है. जनरल यात्री भी एसी में सफर करेंगे. मेमू को कानपुर रूट पर एक्सप्रेस बनाकर चलाया गया है. अन्य रूटों पर भी अब जनरल कोच को स्लीपर में ही बदल दिया गया है. मेमू चलाने का अब प्लान नहीं है.
डीआरएम बोले- कम किए जा रहे जनरल कोच : उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक डॉ. मनीष थपल्याल का कहना है कि कानपुर रूट पर मेमू को अनारक्षित स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाने से दैनिक यात्रियों की दिक्कत कम हो गई है. अब धीरे धीरे जनरल कोच कम किए जा रहे हैं. स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. मेमू को चलाने के बारे में फिलहाल अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है. वहीं यात्रियों का कहना है कि मेमू ट्रेनों में से सिर्फ एक ट्रेन को संचालित किया गया, उसे भी मेमू के रूप में नहीं चलाया जा रहा है. यात्रियों से मेमू की तुलना में न्यूनतम चार गुना से ज्यादा किराया वसूल किया जा रहा है. पहले न्यूनतम किराया 10 रुपए था, अब यह 45 रुपए है.
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