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लखनऊ: रेलकर्मियों ने स्टेशन पर फूंका निजीकरण का पुतला, चक्का जाम की दी चेतावनी - लखनऊ में रेलकर्मियों ने किया प्रदर्शन

राजधानी में रेलकर्मियों ने बुधवार को चारबाग रेलवे स्टेशन पर निजीकरण के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. रेलकर्मियों का कहना है कि अगर निजीकरण रोका न गया तो रेल का चक्का जाम किया जाएगा.

रेल कर्मियों ने निजीकरण का फूंका पुतला
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Published : Oct 23, 2019, 11:39 PM IST

लखनऊ: निजीकरण के विरोध में बुधवार देर शाम चारबाग रेलवे स्टेशन पर रेलकर्मियों ने नार्थ रेलवे मजदूर यूनियन के नेतृत्व में निजीकरण का पुतला फूंका और साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

रेल के निजीकरण के खिलाफ किया प्रदर्शन
बुधवार को राजधानी में नार्थ रेलवे मजदूर यूनियन के नेतृत्व में रेलकर्मियों ने चारबाग रेलवे स्टेशन पर निजीकरण के खिलाफ सरकार पर जमकर नारेबाजी की और निजीकरण का पुतला फूंका. रेलकर्मियों का कहना है कि हम लोग निजीकरण का विरोध पूरे देश में कर रहे हैं. भारत सरकार को ये मैसेज जा रहा है कि निजीकरण हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.

रेल कर्मियों ने निजीकरण का फूंका पुतला.

आईआरसीटीसी ने अभी एक साइट खोली है, जिस पर लोग बुकिंग क्लर्क के लिए अप्लाई करें. उन्होंने इसके लिए एक नोटिस निकाल दी है. भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कहते हैं कि निजीकरण नहीं होगा, लेकिन यह उनकी झूठी बात है, इसीलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.

प्राइवेट कंपनियों की तरफ है सरकार का रुझान
भारत सरकार की जो कर्मचारी नीतियां हैं, हम उसका लगातार विरोध कर रहे हैं. लगातार प्राइवेट की तरफ सरकार का रुझान है और हम इसका विरोध करेंगे. अगर रेल का चक्का जाम करने की नौबत आती है तो हम चक्का जाम कर देंगे. हम निजीकरण नहीं होने देंगे.

इसे भी पढ़ें:- कमलेश तिवारी हत्याकांड: हिंदूवादी नेताओं ने सीएम योगी की कार्यशैली पर उठाए सवाल

150 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने का प्लान
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भारत सरकार की नीतियां मजदूर विरोधी हैं. तेजस में ड्राइवर हमारा जाएगा, मेंटेनेंस रेल करेगा, लेकिन फायदा निजी प्राइवेट को जाएगा, पूंजीपतियों को जाएगा. उसी तरीके से जैसे हमारे छोटे कर्मचारियों को पहले हटा दिया गया. गवर्नमेंट हम लोगों को रेल का चक्का जाम करने को बाध्य कर रही है. अभी पता चला है कि 50 स्टेशनों को प्राइवेट में देंगे, 150 और गाड़ियां प्राइवेट चलाएंगे तो यह बताया जाए कि जब रेल घाटे में है तो फिर आप कैसे इतनी गाड़ियां प्राइवेट सेक्टर को दे रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- चुनावी दौर में शिलापट्ट लगे बेधड़क, आज भी नहीं बनी वादों की सड़क

लखनऊ: निजीकरण के विरोध में बुधवार देर शाम चारबाग रेलवे स्टेशन पर रेलकर्मियों ने नार्थ रेलवे मजदूर यूनियन के नेतृत्व में निजीकरण का पुतला फूंका और साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

रेल के निजीकरण के खिलाफ किया प्रदर्शन
बुधवार को राजधानी में नार्थ रेलवे मजदूर यूनियन के नेतृत्व में रेलकर्मियों ने चारबाग रेलवे स्टेशन पर निजीकरण के खिलाफ सरकार पर जमकर नारेबाजी की और निजीकरण का पुतला फूंका. रेलकर्मियों का कहना है कि हम लोग निजीकरण का विरोध पूरे देश में कर रहे हैं. भारत सरकार को ये मैसेज जा रहा है कि निजीकरण हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.

रेल कर्मियों ने निजीकरण का फूंका पुतला.

आईआरसीटीसी ने अभी एक साइट खोली है, जिस पर लोग बुकिंग क्लर्क के लिए अप्लाई करें. उन्होंने इसके लिए एक नोटिस निकाल दी है. भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कहते हैं कि निजीकरण नहीं होगा, लेकिन यह उनकी झूठी बात है, इसीलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.

प्राइवेट कंपनियों की तरफ है सरकार का रुझान
भारत सरकार की जो कर्मचारी नीतियां हैं, हम उसका लगातार विरोध कर रहे हैं. लगातार प्राइवेट की तरफ सरकार का रुझान है और हम इसका विरोध करेंगे. अगर रेल का चक्का जाम करने की नौबत आती है तो हम चक्का जाम कर देंगे. हम निजीकरण नहीं होने देंगे.

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150 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने का प्लान
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भारत सरकार की नीतियां मजदूर विरोधी हैं. तेजस में ड्राइवर हमारा जाएगा, मेंटेनेंस रेल करेगा, लेकिन फायदा निजी प्राइवेट को जाएगा, पूंजीपतियों को जाएगा. उसी तरीके से जैसे हमारे छोटे कर्मचारियों को पहले हटा दिया गया. गवर्नमेंट हम लोगों को रेल का चक्का जाम करने को बाध्य कर रही है. अभी पता चला है कि 50 स्टेशनों को प्राइवेट में देंगे, 150 और गाड़ियां प्राइवेट चलाएंगे तो यह बताया जाए कि जब रेल घाटे में है तो फिर आप कैसे इतनी गाड़ियां प्राइवेट सेक्टर को दे रहे हैं.

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Intro:रेलकर्मियों ने फूंका निजीकरण का पुतला, केंद्र सरकार को दी चक्का जाम की चेतावनी

लखनऊ। रेलवे में लगातार बढ़ रहे निजीकरण के खिलाफ रेल कर्मचारियों का गुस्सा भड़कने लगा है। रेल कर्मियों का साफ कहना है कि सरकार लगातार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। पहले तेजस ट्रेन और अब 50 रेलवे स्टेशनों और 150 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने का प्लान है। इसका रेलकर्मी जमकर विरोध करेंगे, चाहे रेल का चक्का जाम ही क्यों ना करना पड़े। निजीकरण के विरोध में आज देर शाम चारबाग रेलवे स्टेशन पर रेल कर्मियों ने नार्थ रेलवे मजदूर यूनियन के नेतृत्व में निजीकरण का पुतला फूंका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।





Body:हम लोग निजीकरण का विरोध पूरे देश में कर रहे हैं। भारत सरकार को ये मैसेज जा रहा है कि निजीकरण हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। आईआरसीटीसी ने अभी एक साइट खोली है जिस पर लोग बुकिंग क्लर्क के लिए अप्लाई करें उन्होंने इसके लिए एक नोटिस निकाल दी है। भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कहते हैं कि निजीकरण नहीं होगा लेकिन यह उनकी झूठी बात है। इसीलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं। उस दिन कृषक डिरेल हो गई थी पिट लाइन में तो 6 घंटे बाद आई जिससे तेजस लेट हुई। तेजस लेट होने पर हमारे कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया। लोको सेंटर को सस्पेंड किया गया हमारे पॉइंट्स मैन को सस्पेंड किया गया। यह सारा खेल उनको तरजीह देने के लिए है। तेजस को चलाने के लिए सारी गाड़ियों को रोका जा रहा है नॉर्मल पैसेंजर को कोई तरजीह नहीं दी जा रही है। हम हर हद तक निजीकरण का विरोध करेंगे।

बाइट: अजय कुमार वर्मा: मंडल मंत्री, नरमू

भारत सरकार की जो कर्मचारी नीतियां हैं हम उसका लगातार विरोध कर रहे हैं। लगातार प्राइवेट की तरफ उनका रुझान है हम इसका विरोध करेंगे। अगर रेल का चक्का जाम करने की नौबत आती है तो हम चक्का जाम कर देंगे। हम निजीकरण नहीं होने देंगे।

बाइट: आरएन गर्ग: शाखा मंडल मंत्री, नरमू




Conclusion:भारत सरकार की जो भी नीतियां है वह मजदूर विरोधी हैं क्योंकि जिस तरीके से प्राइवेट निजीकरण हो रहा है अभी तेजस चली। तेजस में ड्राइवर हमारा जाएगा मेंटेनेंस रेल करेगा लेकिन फायदा निजी प्राइवेट को जाएगा, पूंजीपतियों को जाएगा। उसी तरीके से जैसे हमारे छोटे कर्मचारियों को पहले हटा दिया गया। गवर्नमेंट हम लोग को रेल का चक्का जाम करने को बाध्य कर रही है। अभी पता चला है 50 स्टेशनों को प्राइवेट में देंगे, 150 और गाड़ियां प्राइवेट चलाएंगे तो यह बताया जाए कि जब रेल घाटे में है तो फिर आप कैसे इतनी गाड़ियां प्राइवेट सेक्टर को दे रहे हैं। वह पैसा प्राइवेट सेक्टर ले रहा है रेलवे नहीं ले रहा है। अगर सरकार को यही करना था तो सबसे पहले मेंटेनेंस, रेल की पटरियां और यह सब व्यवस्था करनी चाहिए थी अलग से।

बाइट: एके रावत: शाखा मंत्री आउटडोर

ट्रैक हमारे हैं, मेंटेनर हमारे हैं लेकिन इनकम प्राइवेट की है। यह दोहरी नीति नहीं चलेगी। अगर उनको रेल का निजीकरण करना है तो वह भी हमारे मुकाबले में आएं। वह अपनी लाइनें बिछाएं। अपना मेंटेन करें। यह नहीं मेहनत हम करें मलाई वो खाएं। इसी का हम लगातार विरोध कर रहे हैं। प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को चेतावनी दी जा रही है लेकिन दिन प्रतिदिन वह निजीकरण की तरफ बढ़ रहे हैं। जैसे सफाई व्यवस्था और बुकिंग पूरी निजी हाथों में चली गई। कहीं कहीं तो गार्ड ड्राइवर भी प्राइवेट करने की तैयारी चल रही है। हम लोग की चेतावनी के बाद भी कई स्टेशनों को बेचने का काम कर दिया है। 50 रेलवे स्टेशन, डेढ़ सौ गाड़ियों का निजीकरण करने की तैयारी है। हम लोग इसका जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। अगर हम लोग को चक्का जाम करना पड़ता है तो हम जरूर करेंगे। रेल का चक्का जाम नहीं करेंगे तो लग रहा है यह लोग नहीं सुधरेंगे।

बाइट: संदीप कुमार: मंडल उपाध्यक्ष, नरमू


अखिल पाण्डेय, संवाददाता, ई टीवी भारत,
09336864096


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