लखनऊ: योगी सरकार का अपराधियों पर लगातार डंडा चल रहा है. इसी अभियान के तहत कमिश्नरेट पुलिस ने असामाजिक तत्वों के घर में मौजूद होने की सूचना पर बसपा के पूर्व सांसद दाउद अहमद के गोलागंज और रिवर बैंक कॉलोनी आवास पर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने पूर्व सांसद के घर की सघन तलाशी भी ली. तसल्ली न मिलने पर पुलिस पूर्व सांसद दाउद अहमद को वजीरगंज थाने ले आई और तीन घंटे थाना थाने में बैठाकर रखा. बाद में उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
पुराने आवास में किया सर्च, नहीं मिले दाउद
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार रात ढाई बजे वजीरगंज, अमीनाबाद चौक और ठाकुरगंज थाने की पुलिस फोर्स बसपा के पूर्व सांसद दाउद अहमद के गोलागंज स्थित आवास पर पहुंची. पुलिस ने आवास को चारों तरफ से घेर लिया. पुलिस ने दरवाजा खुलवाया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. अचानक हुई इस कार्रवाई से पूर्व सांसद के परिवार में हड़कंप मच गया.
बदमाशों के छिपे होने की आशंका पर छापेमारी
सांसद के घर वालों के पूछने पर पुलिस ने बताया कि उन्हें पूर्व सांसद के आवास में कुछ बदमाशों के छिपे होने की आशंका है. काफी देर पूछताछ के बाद पता चला कि दाउद रिवर बैंक कॉलोनी स्थित एक अपार्टमेंट में परिवार सहित रहते हैं. पुलिस फोर्स रिवर बैंक कॉलोनी की ओर रवाना हो गई. पुलिस ने वहां भी फ्लैट में काफी देर सर्च किया. हालांकि, पुलिस को वहां से कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली. उसके बाद पुलिस पूर्व सांसद दाउद अहमद को वजीरगंज थाने ले आई. सुबह तीन से छह बजे तक दाउद अहमद को थाने में ही बिठाए रखा, उसके बाद उसे छोड़ दिया. इस बाबत डीसीपी वेस्ट देवेश पांडे से बात की गई तो पहले तो काफी देर फोन नहीं उठाया. थोड़ी देर में फोन उठाया भी तो छापेमारी की बात स्वीकारी लेकिन कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
बसपा के बड़े नेता रहे दाउद
आज भले ही दाउद अहमद बसपा में न हों लेकिन कभी वह बसपा के लिए तुरुप का इक्का रहे हैं. शाहाबाद से सांसद और हरदोई की पिहानी विधानसभा सीट से विधायक रहे बसपा नेता दाउद अहमद को बसपा से निकाल दिया गया था. उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा था. बसपा हर बार दाउद अहमद पर दांव खेलती थी लेकिन पिछले एक दशक से वह कोई भी चुनाव जीत नहीं पाए. पिछले एक दशक से वह खीरी की दोनों लोकसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. उनकी पत्नी ने गोला विधानसभा से विधायकी का चुनाव लड़ा था. वह भी हार गई थी. दाउद अहमद 1999 से 2004 तक शाहाबाद के बसपा सांसद रहे. 2007 से 2012 तक पिहानी हरदोई से वह विधायक रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में वह मोहम्मदी से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, पर हार गए थे.