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CAA प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई का मुद्दा विधान परिषद में गूंजा

विधान परिषद में शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा.

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नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन
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Published : Feb 15, 2020, 3:49 AM IST

लखनऊ: विधान परिषद में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई का मामला गूंजा. समाजवादी पार्टी के सदस्यों और नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने सरकार पर आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को भी सरकार करने नहीं दे रही है. लोकतंत्र की आवाज दबाई जा रही है, यह तानाशाही रवैया है.

नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने किए सरकार पर तीखे सवाल.

पुलिस कार्रवाई पर हंगामा
शुक्रवार को विधान परिषद में शून्यकाल में चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया. नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने आरोप लगाया कि सरकार उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों को रोक रही है. पुलिस महिलाओं के साथ बर्बर तरीके से पेश आ रही है, जो महिला प्रदर्शनकारी हैं उनका कंबल तक पुलिस ने छीन लिया.

सरकार ने दिया जवाब
इस पर नेता सदन डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि जो लोग केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को देखकर निराश हो चुके हैं कि अब उन्हें सत्ता में वापस आने का मौका नहीं मिलेगा. अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर, अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों के निराकरण के बाद जनता का भरोसा भाजपा पर बढ़ा है. इससे हताश और निराश लोगों ने ही सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों को भड़काने का काम किया है. जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है, वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए. जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां हिंसा का सहारा लिया गया.

इसे भी पढ़ें - लखनऊ: वकील पर अज्ञात बदमाशों ने की फायरिंग, बाल-बाल बचे

समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने इसका विरोध किया. दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप के दौरान सदस्य बेल तक भी आ गए. अंत में पीठ ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जो आरोप लगा रहे हैं कि निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की गई है तो वह ऐसी कोई सूची हो तो उसे सरकार को सौंप देंगे और सरकार निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं करेगी.

लखनऊ: विधान परिषद में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई का मामला गूंजा. समाजवादी पार्टी के सदस्यों और नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने सरकार पर आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को भी सरकार करने नहीं दे रही है. लोकतंत्र की आवाज दबाई जा रही है, यह तानाशाही रवैया है.

नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने किए सरकार पर तीखे सवाल.

पुलिस कार्रवाई पर हंगामा
शुक्रवार को विधान परिषद में शून्यकाल में चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया. नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने आरोप लगाया कि सरकार उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वालों को रोक रही है. पुलिस महिलाओं के साथ बर्बर तरीके से पेश आ रही है, जो महिला प्रदर्शनकारी हैं उनका कंबल तक पुलिस ने छीन लिया.

सरकार ने दिया जवाब
इस पर नेता सदन डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि जो लोग केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को देखकर निराश हो चुके हैं कि अब उन्हें सत्ता में वापस आने का मौका नहीं मिलेगा. अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर, अनुच्छेद 370 जैसे मुद्दों के निराकरण के बाद जनता का भरोसा भाजपा पर बढ़ा है. इससे हताश और निराश लोगों ने ही सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों को भड़काने का काम किया है. जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है, वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए. जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां हिंसा का सहारा लिया गया.

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समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने इसका विरोध किया. दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप के दौरान सदस्य बेल तक भी आ गए. अंत में पीठ ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जो आरोप लगा रहे हैं कि निर्दोष लोगों पर कार्रवाई की गई है तो वह ऐसी कोई सूची हो तो उसे सरकार को सौंप देंगे और सरकार निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं करेगी.

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