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महाराजगंज के गांव में महज औपचारिकता बनी क्वारंटीन

महाराजगंज के गांव में बाहर से आए लोगों को ग्राम पंचायतें क्वारंटाइन तो कर रही हैं मगर नाम के लिए. स्कूलों में लोगों को रोका गया है जहां न उनकी जांच होती है और न ही उनके खाने-पीने के इंतजाम हैं. कुछ लोग तो बाहर भी मजे से घूम रहे हैं.

महाराजगंज के गांव में महज औपचारिकता बनी क्वारंटीन
महाराजगंज के गांव में महज औपचारिकता बनी क्वारंटीन
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Published : Apr 2, 2020, 8:46 PM IST

महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज में बाहर से घर आए लोगों को ग्राम पंचायतें क्वारंटाइन कर रही हैं. इस दौरान कहीं तो ग्राम प्रधान क्वारंटाइन किये गये लोगों को बेहतर सुविधाएं दे रही हैं तो कहीं पर महज औपचारिकताएं ही पूरी हो रही हैं. ग्राम पंचायतें विद्यालयों में बाहर से आए लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन पर रख रहे हैं. सरकार ने सख्त निर्देश दिये हैं कि क्वारंटाइन में रखे गये लोगों की समय-समय पर जांच की जाए और रहने और खाने पीने की पूरी व्यवस्था की जाए लेकिन महाराजगंज जिले में जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

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महाराजगंज के गांव में महज औपचारिकता बनी क्वारंटीन

जिले के पनियरा ब्लॉक के ग्राम सभा राज मंदिर में ग्राम प्रधान अजय पटेल ने बाहर से आए लोगों को रहने और खाने-पीने की सुविधाएं तो दी लेकिन स्वास्थ्य जांच नहीं की गई. पनियरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत गेहूंअना में दिल्ली सहित अन्य शहरों से आकर लोग गांव में घूम रहे हैं. जिला प्रशासन ने भी ऐसे लोगों को चिन्हित नहीं किया है. गांव के मात्र तीन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. इन्हें ग्राम पंचायत न तो खाने-पीने को कुछ दे रही है और ना ही इनके सोने की व्यवस्था है. विद्यालय की फटी चटाई सोने के लिए मिली है.

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क्वॉरंटाइन में रखे गए लोगों ने बताया कि लोग अपने अपने घरों से ही खाना मंगा कर खाने को मजबूर हैं. ऐसे में कैसे कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाया जाएगा. ये अपने आप में जांच का विषय है.

महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज में बाहर से घर आए लोगों को ग्राम पंचायतें क्वारंटाइन कर रही हैं. इस दौरान कहीं तो ग्राम प्रधान क्वारंटाइन किये गये लोगों को बेहतर सुविधाएं दे रही हैं तो कहीं पर महज औपचारिकताएं ही पूरी हो रही हैं. ग्राम पंचायतें विद्यालयों में बाहर से आए लोगों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन पर रख रहे हैं. सरकार ने सख्त निर्देश दिये हैं कि क्वारंटाइन में रखे गये लोगों की समय-समय पर जांच की जाए और रहने और खाने पीने की पूरी व्यवस्था की जाए लेकिन महाराजगंज जिले में जमीनी हकीकत कुछ और ही है.

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जिले के पनियरा ब्लॉक के ग्राम सभा राज मंदिर में ग्राम प्रधान अजय पटेल ने बाहर से आए लोगों को रहने और खाने-पीने की सुविधाएं तो दी लेकिन स्वास्थ्य जांच नहीं की गई. पनियरा ब्लॉक की ग्राम पंचायत गेहूंअना में दिल्ली सहित अन्य शहरों से आकर लोग गांव में घूम रहे हैं. जिला प्रशासन ने भी ऐसे लोगों को चिन्हित नहीं किया है. गांव के मात्र तीन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है. इन्हें ग्राम पंचायत न तो खाने-पीने को कुछ दे रही है और ना ही इनके सोने की व्यवस्था है. विद्यालय की फटी चटाई सोने के लिए मिली है.

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क्वॉरंटाइन में रखे गए लोगों ने बताया कि लोग अपने अपने घरों से ही खाना मंगा कर खाने को मजबूर हैं. ऐसे में कैसे कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाया जाएगा. ये अपने आप में जांच का विषय है.

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