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पुष्कर सिंह धामी का लखनऊ यूनिवर्सिटी से गहरा नाता, यहीं सीखी थी राजनीति की एबीसीडी

पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री होंगे. भारतीय जनता पार्टी ने इस पर मुहर लगा दी है. यह सिर्फ धामी के लिए ही नहीं बल्कि लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व की बात है.

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पुष्कर सिंह धामी
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Published : Mar 22, 2022, 8:03 PM IST

लखनऊ. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री होंगे. भारतीय जनता पार्टी ने इस पर मुहर लगा दी है. यह सिर्फ धामी के लिए ही नहीं बल्कि लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व की बात है. असल में पुष्कर धामी का लखनऊ और लखनऊ विश्वविद्यालय से गहरा नाता है. लखनऊ विश्वविद्यालय ही वो जगह है जहां पुष्कर सिंह धामी ने राजनीति की एबीसीडी सीखी थी.

लखनऊ विश्वविद्यालय से पुष्कर सिंह धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में पीजी डिग्री पूरी की. यहीं से उन्होंने यूजी और एलएलबी करने के साथ डिप्लोमा इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स भी किया. उनके पुराने मित्र कहते हैं कि छात्र जीवन में भी उनकी कुछ ऐसी पहचान रही कि अपरिचित भी कुछ ही क्षणों में उनके मुरीद हो जाते थे.

लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन ने बताया कि पुष्कर सिंह धामी ने सन 1994 में बीए में प्रवेश लिया. वह नरेंद्र देव छात्रावास में रहते थे. एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष होने के नाते छात्रों से जुड़े मुद्दों को धामी ने खूब उठाया.

छात्रावासों की समस्याओं, फीस के मुद्दे, दाखिले, नतीजों में देरी जैसे प्रकरणों पर खूब आंदोलन किए. 1994 से 1997 तक स्नातक, फिर एमबीए एचआर की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद 1997 में एलएलबी में प्रवेश लिया. पूर्व छात्र नेता अनिल सिंह वीरू बताते हैं कि पुष्कर सिंह धामी ने जब 1994 में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया, उस समय सपा और एबीवीपी ही छात्रसंघ की सक्रिय राजनीति में थी. उन्होंने एबीवीपी को छात्रों तक पहुंचाने का काम किया. वह खुद हर कमरे में जाकर लड़कों से मिला करते थे.

पढ़ेंः प्रोटेम स्पीकर के लिए राजभवन भेजे गए वरिष्ठ विधायकों के नाम, राज्यपाल करेंगी अंतिम फैसला

डॉ. नीरज जैन ने बताया कि कुछ वर्षों पहले आई उत्तराखंड आपदा में लखनऊ विश्वविद्यालय से तीन ट्रक सामान लेकर उनकी एक टीम उत्तराखंड गई थी. पुष्कर धामी को जैसे ही टीम के वहां पहुंचने का पता चला, वह खुद उनसे आकर मिले. खास बात यह है कि हम लोग लखनऊ से व्यवस्था लेकर गए थे लेकिन हमारी वहां सारी जिम्मेदारी खुद पुष्कर धामी ने उठाई. वे बताते हैं कि छात्र राजनीति में छोटे-छोटे मुद्दों को उठाने वाले धामी, दोस्तों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

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लखनऊ. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री होंगे. भारतीय जनता पार्टी ने इस पर मुहर लगा दी है. यह सिर्फ धामी के लिए ही नहीं बल्कि लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व की बात है. असल में पुष्कर धामी का लखनऊ और लखनऊ विश्वविद्यालय से गहरा नाता है. लखनऊ विश्वविद्यालय ही वो जगह है जहां पुष्कर सिंह धामी ने राजनीति की एबीसीडी सीखी थी.

लखनऊ विश्वविद्यालय से पुष्कर सिंह धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में पीजी डिग्री पूरी की. यहीं से उन्होंने यूजी और एलएलबी करने के साथ डिप्लोमा इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स भी किया. उनके पुराने मित्र कहते हैं कि छात्र जीवन में भी उनकी कुछ ऐसी पहचान रही कि अपरिचित भी कुछ ही क्षणों में उनके मुरीद हो जाते थे.

लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. नीरज जैन ने बताया कि पुष्कर सिंह धामी ने सन 1994 में बीए में प्रवेश लिया. वह नरेंद्र देव छात्रावास में रहते थे. एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष होने के नाते छात्रों से जुड़े मुद्दों को धामी ने खूब उठाया.

छात्रावासों की समस्याओं, फीस के मुद्दे, दाखिले, नतीजों में देरी जैसे प्रकरणों पर खूब आंदोलन किए. 1994 से 1997 तक स्नातक, फिर एमबीए एचआर की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद 1997 में एलएलबी में प्रवेश लिया. पूर्व छात्र नेता अनिल सिंह वीरू बताते हैं कि पुष्कर सिंह धामी ने जब 1994 में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया, उस समय सपा और एबीवीपी ही छात्रसंघ की सक्रिय राजनीति में थी. उन्होंने एबीवीपी को छात्रों तक पहुंचाने का काम किया. वह खुद हर कमरे में जाकर लड़कों से मिला करते थे.

पढ़ेंः प्रोटेम स्पीकर के लिए राजभवन भेजे गए वरिष्ठ विधायकों के नाम, राज्यपाल करेंगी अंतिम फैसला

डॉ. नीरज जैन ने बताया कि कुछ वर्षों पहले आई उत्तराखंड आपदा में लखनऊ विश्वविद्यालय से तीन ट्रक सामान लेकर उनकी एक टीम उत्तराखंड गई थी. पुष्कर धामी को जैसे ही टीम के वहां पहुंचने का पता चला, वह खुद उनसे आकर मिले. खास बात यह है कि हम लोग लखनऊ से व्यवस्था लेकर गए थे लेकिन हमारी वहां सारी जिम्मेदारी खुद पुष्कर धामी ने उठाई. वे बताते हैं कि छात्र राजनीति में छोटे-छोटे मुद्दों को उठाने वाले धामी, दोस्तों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

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