लखनऊ: शुक्रवार को यूपी कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे पंजाब सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने किसान सुधार बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि किसान विरोधी बिल को लेकर पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी. उन्होंने महंगे डीजल, प्याज की कीमतों के साथ ही किसानों के अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार किसानों की हितैषी कभी नहीं हो सकती. यूपी के किसानों का करोड़ों रुपये सरकार पर बकाया है. मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि देश में हर एक घंटे में 24 किसान आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार को किसानों पर रहम नहीं आ रहा है. मुझे इस बात पर शर्मिंदगी हो रही है.
मोदी सरकार नहीं दे रही एक्साइज ड्यूटी
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर एक्साइज ड्यूटी बढ़ती है, तो 42 फीसदी ड्यूटी राज्य की होती है. जब से मोदी सरकार आई है, तब से एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई जा रही है, लेकिन उसे स्पेशल एक्साइज ड्यूटी बोलकर राज्यों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार को कॉरपोरेट टैक्स माफ करना था, तो पहले राज्यों से सलाह लेनी चाहिए थी. जब उन्हें एक लाख 45 हजार करोड़ रुपये कॉरपोरेट टैक्स माफ करना था, तो पंजाब से भी पूछना चाहिए था और यूपी से भी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार लगातार औद्योगिक घरानों को बढ़ावा दे रही है.
पीएम फसल बीमा योजना सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में लागू हुई
उन्होंने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना सिर्फ भाजपा शासित राज्यों में लागू हुई है. हमने पंजाब में लागू नहीं किया और जो घाटा होता है. वह सरकार खुद देती है. मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि अभी जो तीन बिल पारित हुए हैं, इस पर सभी को ऐतराज है. सरकार जो बिल लेकर आई है, उसके तहत कोई भी व्यापारी बिना लाइसेंस के कारोबार कर सकता है. अब किसान से कोई भी चीज खरीद कर ले गया और अगर उसके पैसे नहीं दिए, तो किसान क्या करेगा? उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे होगी? उसके पास तो लाइसेंस भी नहीं है कि उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा. सरकार को ही पता नहीं होगा कि यह लाइसेंस किसके नाम है.
मंडी यार्ड में जो फसल की बिक्री होती थी. मंडी के बाहर नहीं बिक सकती थी. उन्होंने कहा कि नए कानून के तहत इसमें यह भी दर्ज है कि मंडी में लाने की जरूरत नहीं है. अगर मंडी में नहीं आएगी तो प्राइस डिस्कवरी क्या होगी? हिंदुस्तान में किसानों की हैसियत नहीं है कि वह इस पर बहस कर सकें. हमें इस पर भी ऐतराज है कि कॉरपोरेट घरानों को कोई मंडी फीस भी नहीं देनी होगी. मंडी शेड में आएंगे काम कर कर चले जाएंगे. हमने पंजाब के हर कोने को मंडी घोषित कर दिया है. हमारे यहां कोई भी व्यापारी पर्ची बिना कटाए कारोबार नहीं कर सकेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एमएसपी को पूरी तरह खत्म करना चाहती है.
किसानों को बिल पर मूर्ख न बनाए सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार एक आदमी को एक माह में पांच किलो अनाज देती है. कुल 20 रुपये प्रतिकिलो अनाज की कीमत है. ऐसे में 100 रुपये का अनाज अगर माह भर में एक गरीब आदमी को दे देती है, तो उसमें किसी पर कोई उपकार नहीं है. अगर आप 100 रुपये महीना भी नहीं दे सकते, तो आपको सरकार कहने का कोई हक नहीं हैं. नए किसान बिल में यह भी कहा गया है कि कोई भी किसान अपना अनाज पूरे देश में कहीं भी बेच सकता है.
उन्होंने कहा कि एक बिहार मॉडल है और एक पंजाब मॉडल है. बिहार में किसान को 30 फीसदी कम कीमत मिल रही है. अब यह पूरे देश में लागू होने जा रहा है. हम केंद्र सरकार के इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने मोदी से अपील करते हुए कहा कि सीमा पर हमारे किसानों के ही बेटे बैठे हुए हैं. हम हिंदुस्तान के लिए अनाज पैदा कर रहे हैं. अगर भारत का किसान नहीं होता, तो हिंदुस्तान की जनता अमेरिका के दान दिए हुए गेहूं और चावल पर पल रही होती. इसलिए किसानों की फिक्र करें. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को इस बिल पर मूर्ख न बनाएं.
एमएसपी पर बहानेबाजी कर रही है सरकार
मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि पीएम कहते हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगी. उन्होंने हमें बोला था कि जीएसटी के दायरे में आए अगर आपको घाटा होता है, तो हम आपको कंपनसेशन देंगे. हम नहीं माने. फिर केंद्र सरकार ने कहा कि जीएसटी कंपनसेशन को संविधान का हिस्सा बनाएंगे. अभी तक किसी भी राज्य को कंपनसेशन नहीं मिला है. पंजाब को 9000 करोड़ रुपये अब तक नहीं मिले हैं. सरकार को एमएसपी को बिल का हिस्सा बनाना चाहिए था, तो हमें इस बिल से कोई आपत्ति नहीं होती. आप सिर्फ ट्वीट करते हैं. उन्होंने कहा कि किसान की बर्बादी कांग्रेस किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी.