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लखनऊ: इन कारणों से डॉक्टरों के आस-पास बढ़ रहे हैं हिंसा और अपराध - हिंसा और अपराध खबर

राजधानी लखनऊ में डॉक्टरों के ऊपर हिंस्सा और उनके द्वारा किए जा रहे अपराधों पर मनोचिकित्सक और विशेषज्ञ सुजीत कुमार ने बात की है. उन्होंने कहा कि लोगों में बर्दाश्त करने की क्षमता खत्म होती जा रही है. यही एक बड़ा कारण है कि हिंस्सा और अपराध हो रहा है.

हिंसा और अपराध
डॉक्टरों के आसपास बढ़ रही हिंसा.
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Published : Mar 15, 2020, 4:29 AM IST

लखनऊ: पिछले कुछ महीनों में डॉक्टरों के ऊपर और उनके द्वारा हिंसा और अपराधों की संख्या में इजाफा देखा गया है. चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे आपराधिक मामले इस बात पर सोचने को मजबूर कर देते हैं कि आखिर डॉक्टरों द्वारा आपराधिक प्रवृत्तियां क्यों बढ़ रही हैं. इस सिलसिले में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मनोचिकित्सक और विशेषज्ञ सुजीत कुमार ने हमारी टीम से बात की.

डॉक्टरों के आसपास बढ़ रही हिंसा.
डॉक्टरों के आसपास बढ़ रही हिंसाकिंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मानसिक चिकित्सा रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार ने डॉक्टरों के आसपास बढ़ रही हिंसा के मामले में बताया कि यह बात सही है कि पूरे देश में डॉक्टरों के द्वारा क्राइम बढ़ रहा है या फिर उनके ऊपर हिंसा हो रही है, लेकिन इसके बारे में बात की जाए तो कई बातें इसके तहत शामिल होते हैं. डॉक्टर के मुताबिक देश में डॉक्टरों की अपेक्षा मरीजों की संख्या काफी अधिक है. इसकी वजह से उन पर काफी दबाव रहता है. अधिक दबाव की वजह से डॉक्टर कभी-कभी फ्रस्ट्रेटेड रहते हैं. इस वजह से मरीज और डॉक्टर के बीच से कनेक्ट होता है, जो डॉक्टर को हिंसा करने या अपराध करने पर मजबूर कर देता है. कम हो गई है बर्दाश्त करने की क्षमताडॉ. सुजीत यह भी कहते हैं कि आजकल समाज में भी काफी बदलाव हो रहे हैं लोगों की अपेक्षाएं बढ़ रही हैं, लेकिन मोरल वैल्यू कम होती जा रही हैं. इसके अलावा टॉलरेंस लेवल यानी बर्दाश्त करने की क्षमता भी कम होती जा रही हैं. डॉक्टर भी उनमें से एक ही है जो इसी समाज का एक हिस्सा है और यहीं से आता है. उनकी भी अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाती है और जरूरतें जो बढ़ जाती है. तब सामाजिक बदलाव के चलते डॉक्टर भी कई बार हिंसक हो जाते हैं और कई बार डॉक्टर के साथ ऐसा होता है जो समाज की स्थिति को भी बिगाड़ देता है.इसे भी पढ़ें-लखनऊ: ई-मेल स्पूफिंग के जरिए ठगी करने वाला नाइजीरियाई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार

अब काफी संख्या में हेल्थ प्रोफेशनल्स अपने स्ट्रेस के चलते साइकियाट्रिक हेल्प लेने के लिए हमारे पास आने लगे हैं. यह संख्या सीधे तौर पर बढ़ रही है, जो अत्यधिक दबाव के चलते डॉक्टर और चिकित्सा जगत से जुड़े अन्य लोगों को मनोवैज्ञानिक परामर्श लेने पर मजबूर कर रही है.
-डॉ. सुजीत कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, मानसिक चिकित्सा विभाग, केजीएमयू

लखनऊ: पिछले कुछ महीनों में डॉक्टरों के ऊपर और उनके द्वारा हिंसा और अपराधों की संख्या में इजाफा देखा गया है. चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे आपराधिक मामले इस बात पर सोचने को मजबूर कर देते हैं कि आखिर डॉक्टरों द्वारा आपराधिक प्रवृत्तियां क्यों बढ़ रही हैं. इस सिलसिले में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मनोचिकित्सक और विशेषज्ञ सुजीत कुमार ने हमारी टीम से बात की.

डॉक्टरों के आसपास बढ़ रही हिंसा.
डॉक्टरों के आसपास बढ़ रही हिंसाकिंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मानसिक चिकित्सा रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार ने डॉक्टरों के आसपास बढ़ रही हिंसा के मामले में बताया कि यह बात सही है कि पूरे देश में डॉक्टरों के द्वारा क्राइम बढ़ रहा है या फिर उनके ऊपर हिंसा हो रही है, लेकिन इसके बारे में बात की जाए तो कई बातें इसके तहत शामिल होते हैं. डॉक्टर के मुताबिक देश में डॉक्टरों की अपेक्षा मरीजों की संख्या काफी अधिक है. इसकी वजह से उन पर काफी दबाव रहता है. अधिक दबाव की वजह से डॉक्टर कभी-कभी फ्रस्ट्रेटेड रहते हैं. इस वजह से मरीज और डॉक्टर के बीच से कनेक्ट होता है, जो डॉक्टर को हिंसा करने या अपराध करने पर मजबूर कर देता है. कम हो गई है बर्दाश्त करने की क्षमताडॉ. सुजीत यह भी कहते हैं कि आजकल समाज में भी काफी बदलाव हो रहे हैं लोगों की अपेक्षाएं बढ़ रही हैं, लेकिन मोरल वैल्यू कम होती जा रही हैं. इसके अलावा टॉलरेंस लेवल यानी बर्दाश्त करने की क्षमता भी कम होती जा रही हैं. डॉक्टर भी उनमें से एक ही है जो इसी समाज का एक हिस्सा है और यहीं से आता है. उनकी भी अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाती है और जरूरतें जो बढ़ जाती है. तब सामाजिक बदलाव के चलते डॉक्टर भी कई बार हिंसक हो जाते हैं और कई बार डॉक्टर के साथ ऐसा होता है जो समाज की स्थिति को भी बिगाड़ देता है.इसे भी पढ़ें-लखनऊ: ई-मेल स्पूफिंग के जरिए ठगी करने वाला नाइजीरियाई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार

अब काफी संख्या में हेल्थ प्रोफेशनल्स अपने स्ट्रेस के चलते साइकियाट्रिक हेल्प लेने के लिए हमारे पास आने लगे हैं. यह संख्या सीधे तौर पर बढ़ रही है, जो अत्यधिक दबाव के चलते डॉक्टर और चिकित्सा जगत से जुड़े अन्य लोगों को मनोवैज्ञानिक परामर्श लेने पर मजबूर कर रही है.
-डॉ. सुजीत कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, मानसिक चिकित्सा विभाग, केजीएमयू

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