लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मांग की है कि उपासना स्थलों पर पूजा और इबादत की इजाजत मिले. बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने ट्विटर पर लिखा, 'मदिरालयों में भीड़ है और देवालय सूने पड़े हैं.'
शिवपाल यादव ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद कोरोना का विस्तार जारी है. जब मानवीय सामर्थ्य और सीमाएं चूकने लगें तो बेहतर हो कि सभी उपासना स्थलों में स्वास्थ्य निर्देशों के साथ पूजा और इबादत की इजाजत दी जाए. शायद ईश्वर ही इस वैश्विक आपदा से निजात दिला सके. इससे पहले औरैया में मजदूरों की मौत को शिवपाल सिंह यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण और हृदयविदारक बताया था. मजदूरों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा था कि यूपी के औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मृत्यु दु:खद, दुर्भाग्यपूर्ण और हृदय विदारक है.
शिवपाल ने कहा कि आज इन गरीब प्रवासियों के हिस्से में लूटपाट, पुलिस की पिटाई, फटकार, अपमान, भूख और दुर्घटनाएं हैं. हालांकि उनकी मांग सिर्फ यही है कि घर पहुंचा दिया जाए. इतनी असंवेदनशीलता क्यों ? वहीं शिवपाल यादव ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा था कि मजदूरों के लिए वंदे भारत मिशन क्यों नहीं है?
मदिरालयों में भीड़... देवालय पड़े सूने, पूजा और इबादत की मिले इजाजत: शिवपाल
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट करके मंदिरों को खोलने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने सरकार पर कई सवाल भी उठाए.
लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मांग की है कि उपासना स्थलों पर पूजा और इबादत की इजाजत मिले. बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने ट्विटर पर लिखा, 'मदिरालयों में भीड़ है और देवालय सूने पड़े हैं.'
शिवपाल यादव ने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद कोरोना का विस्तार जारी है. जब मानवीय सामर्थ्य और सीमाएं चूकने लगें तो बेहतर हो कि सभी उपासना स्थलों में स्वास्थ्य निर्देशों के साथ पूजा और इबादत की इजाजत दी जाए. शायद ईश्वर ही इस वैश्विक आपदा से निजात दिला सके. इससे पहले औरैया में मजदूरों की मौत को शिवपाल सिंह यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण और हृदयविदारक बताया था. मजदूरों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा था कि यूपी के औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मृत्यु दु:खद, दुर्भाग्यपूर्ण और हृदय विदारक है.
शिवपाल ने कहा कि आज इन गरीब प्रवासियों के हिस्से में लूटपाट, पुलिस की पिटाई, फटकार, अपमान, भूख और दुर्घटनाएं हैं. हालांकि उनकी मांग सिर्फ यही है कि घर पहुंचा दिया जाए. इतनी असंवेदनशीलता क्यों ? वहीं शिवपाल यादव ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा था कि मजदूरों के लिए वंदे भारत मिशन क्यों नहीं है?