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लखनऊ से दिलाई जाएगी पूरे राज्य की ट्रैफिक समस्या से निजात, पांच मिनट में खुल जाएंगे अवरुद्ध मार्ग

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 8, 2024, 4:58 PM IST

यूपी के बड़े शहरों में ट्रैफिक समस्या रोजमर्रा की मुसीबत बन चुकी है. ट्रैफिक पुलिस विभाग लगातार सुधार के दावे करती है, लेकिन समस्या जस की तस है. बहरहाल अब यूपी के हर जिले की ट्रैफिक मैनेजमेंट की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय खुद निभाएगा. देखें विस्तृत खबर.

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राज्य की ट्रैफिक समस्या से मिलेगी निजात. देखें खबर

लखनऊ : ट्रैफिक जाम न सिर्फ राजधानी बल्कि कानपुर, आगरा, मेरठ जैसे कई जिलों के लिए चुनौती है. ट्रैफिक जाम की वजह से लोगों का समय तो बर्बाद हो ही रहा, सेहत और वातावरण भी खराब हो रहा है. जिले स्तर पर ट्रैफिक मैनेजमेंट ठीक से न हो पाने पर अब यूपी के हर जिले की ट्रैफिक मैनेजमेंट की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय ने खुद उठाई है. इसके तहत ट्रैफिक पुलिस विभाग ने पूरे प्रदेश की ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए एक जगह से ही ट्रैफिक कंट्रोल करने का सिस्टम शुरू करने जा रहा है.


स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.
स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.


पीएचक्यू में बनाया कंट्रोल रूम : राजधानी स्थित सिग्नेचर बिल्डिंग जिसे पुलिस मुख्यालय भी कहा जाता है, यहां स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) तैयार किया गया है. यूपी के किसी भी जिले में कहीं भी जाम, रोड एक्सीडेंट समेत ट्रैफिक से संबंधित कोई भी समस्या होती है तो इसकी सूचना इसी स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) तक पहुंचेगी. इस कमांड सेंटर में तीन-तीन शिफ्ट में पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे. औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत जनवरी के आखिरी सप्ताह की जा सकती है.

स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.
स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.



आठ मिनट में समस्या होगी दूर, ऐसे करेगा काम : ट्रैफिक मुख्यालय के एसपी सर्वानंद सिंह यादव ने बताया कि स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) में फोन कॉल्स के अलावा गूगल मैप, मैप्पल्स एपलीकेशन, आई राइड व इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के माध्यम प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य मार्ग पर निगरानी की जाएगी. किसी भी जिले के जिन जगहों में ट्रैफिक समस्या है या फिर कंट्रोल रूम में आने वाली ट्रैफिक समस्या की कॉल्स को यहां से लोकल पुलिस को सूचित कर ट्रैफिक जाम या अन्य कोई भी समस्या को दूर किया जाएगा. ट्रैफिक कमांड सेंटर हर जिले में काम करेगा. कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी की नजर राज्य की सभी सड़कों पर रहेगी, ऐसे में किसी भी शहर के कोई भी मार्ग पर कहीं भी जाम, एक्सीडेंट समेत ट्रैफिक की समस्या आती है तो पुलिस पांच से आठ मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंचेगी और जाम में फंसे लोगों को इससे निजात दिलाएगी.


डायल 112 की कॉल्स पर भी नजर : स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) सिर्फ कंट्रोल रूम में ही आने वाले कॉल्स पर नहीं, बल्कि डायल-112 पर आने वाली कॉल्स पर भी नजर रखेगी. यदि कोई व्यक्ति डायल-112 पर कॉल कर कहता है कि किसी रोड पर एक्सीडेंट, जाम, ट्रैफिक सिग्नल खराब, रोड ब्लॉक जैसी समस्या है तो इस कॉल पर ट्रैफिक पुलिस अपने स्तर पर इसकी जांच शुरू कर देगी. और लोकल ट्रैफिक पुलिस को इसके बारे में फौरन सूचना दी जाएगी.

यह भी पढ़ें : इंदौर में बनेगा देश का दूसरा सबसे बड़ा रिंग रोड, ट्रैफिक जाम से मिलेगी निजात

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स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.
स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.


पीएचक्यू में बनाया कंट्रोल रूम : राजधानी स्थित सिग्नेचर बिल्डिंग जिसे पुलिस मुख्यालय भी कहा जाता है, यहां स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) तैयार किया गया है. यूपी के किसी भी जिले में कहीं भी जाम, रोड एक्सीडेंट समेत ट्रैफिक से संबंधित कोई भी समस्या होती है तो इसकी सूचना इसी स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) तक पहुंचेगी. इस कमांड सेंटर में तीन-तीन शिफ्ट में पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे. औपचारिक रूप से इसकी शुरुआत जनवरी के आखिरी सप्ताह की जा सकती है.

स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.
स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर से होगी निगरानी.



आठ मिनट में समस्या होगी दूर, ऐसे करेगा काम : ट्रैफिक मुख्यालय के एसपी सर्वानंद सिंह यादव ने बताया कि स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) में फोन कॉल्स के अलावा गूगल मैप, मैप्पल्स एपलीकेशन, आई राइड व इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के माध्यम प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य मार्ग पर निगरानी की जाएगी. किसी भी जिले के जिन जगहों में ट्रैफिक समस्या है या फिर कंट्रोल रूम में आने वाली ट्रैफिक समस्या की कॉल्स को यहां से लोकल पुलिस को सूचित कर ट्रैफिक जाम या अन्य कोई भी समस्या को दूर किया जाएगा. ट्रैफिक कमांड सेंटर हर जिले में काम करेगा. कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी की नजर राज्य की सभी सड़कों पर रहेगी, ऐसे में किसी भी शहर के कोई भी मार्ग पर कहीं भी जाम, एक्सीडेंट समेत ट्रैफिक की समस्या आती है तो पुलिस पांच से आठ मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंचेगी और जाम में फंसे लोगों को इससे निजात दिलाएगी.


डायल 112 की कॉल्स पर भी नजर : स्टेट ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर (एसटीसीसी) सिर्फ कंट्रोल रूम में ही आने वाले कॉल्स पर नहीं, बल्कि डायल-112 पर आने वाली कॉल्स पर भी नजर रखेगी. यदि कोई व्यक्ति डायल-112 पर कॉल कर कहता है कि किसी रोड पर एक्सीडेंट, जाम, ट्रैफिक सिग्नल खराब, रोड ब्लॉक जैसी समस्या है तो इस कॉल पर ट्रैफिक पुलिस अपने स्तर पर इसकी जांच शुरू कर देगी. और लोकल ट्रैफिक पुलिस को इसके बारे में फौरन सूचना दी जाएगी.

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