लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों की 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा में पूछे गए शैक्षिक परिभाषा प्रश्न को गलत ठहराने के 9 नवंबर 2022 के उच्चतम न्यायालय के अंतिम आदेश के अनुपालन न होने से नाराज अभ्यर्थियों ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया. इस दौरान अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री से मिलने की गुहार लगाई तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जाने को कह दिया. इस बात से आक्रोशित अभ्यर्थियों ने नारेबाजी शुरू कर दी तो पुलिस ने उन्हें बसों में भरना शुरू कर दिया. इस पर कुछ अभ्यर्थी आत्मदाह की धमकी देने लगे. इस पर आननफानन प्रतिनिधिमंडल को मंत्री से मिलने की इजाजत दी गई.
69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी मंगलवार सुबह ही बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर पहुंच गए थे. अभ्यर्थी मंत्री आवास के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मियों से बार बार प्रतिनिधिमंडल से बात करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने इनकार कर दिया. इस पर अभ्यर्थी भड़क गए और वहीं बैठकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान अतिरिक्त पुलिस बल भी बुला लिया गया. मौके पर पहुंचे पुलिस दस्ते ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को बसों के जरिए ईको गाॅर्डन भेजने की व्यवस्था करने लगे. यह देख प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी उग्र हो गए और आत्मदाह की धमकी देने लगे. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने स्थिति संभाली और मंत्री की अनुमति से प्रतिनिधिमंडल को मिलने की इजाजत दी गई.
बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों का कहना था कि वह या तो आज नियुक्ति लेकर जाएंगे या फिर आज यहीं पर अनशन करेंगे. उनका कहना है कि बीते 50 दिनों से वह ईको गार्डन में धरना दे रहे हैं, पर सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जबकि सरकार सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट दोनों ही जगह पर हार चुकी है. मंत्री से मिलने पहुंचे अभ्यर्थियों का कहना है कि मंत्री ने उनकी मांगों को सुना और कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर काफी गंभीर हैं. जल्दी एक नंबर मेरिट वाले और 6800 अभ्यर्थियों के मामलों को निपटारा कर लिया जाएगा.
अभ्यार्थियों को कहना है कि मंत्री ने चर्चा के दौरान कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित किए गए 6800 अभ्यर्थियों के आरक्षण के मामले में हुई गलती के कारण अब उन पर भी नौकरी जाने का संकट खड़ा हो गया है. इस पर अभ्यर्थियों ने कहा कि उनका मामला नवंबर 2022 से पेंडिंग है. जबकि 6800 अभ्यर्थियों का मामला मार्च 2023 का है, ऐसे में सरकार दोनों मामलों को एक साथ जोड़कर न देखें. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने उन्हें जल्दी नई मेरिट तैयार कर नियुक्ति करने का भरोसा दिया है. अगर सरकार उनके मामले में ज्यादा लेट करेगी तो वह बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
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