लखनऊ: निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अनुमति पत्र जारी किए जाने को लेकर मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक आयोजित की गई. जिसमें निजी क्षेत्र के 13 विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव को जमीनों का मानक न पूरा करने के कारण निरस्त कर दिया गया.
इन 13 विश्वविद्यालय के प्रस्ताव निरस्त
बैठक में बताया गया कि कुल 31 विचाराधीन प्रस्ताव के सापेक्ष 13 प्रस्तावों सर्वदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़, कृष्ण लाल मेमोरियल यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, पं दीन दयाल उपाध्याय फरह विश्वविद्यालय मथुरा, अलीगढ़ विश्वविद्यालय अलीगढ़ (एएसीएन), एसआरडी यूनिवर्सिटी फिरोजाबाद, पीके यूनिवर्सिटी मथुरा, दून यूनिवर्सिटी सहारनपुर, पीएसआईटी कानपुर, एसआरएम यूनिवर्सिटी गाजियाबाद, आरकेजी यूनिवर्सिटी पिलखुवा हापुड़, डॉ. विजय इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी, वाराणसी, श्रीमूर्ति ठाकुर मदन मोहन केदार महन्त नारायण यूनिवर्सिटी मिर्जापुर एवं महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी कानपुर की भूमि का मानक पूरा न किये जाने के कारण निरस्तीकरण आदेश जारी कर दिए गए हैं.
इन तीन विश्वविद्यालय के प्रस्ताव भी निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा तीन विश्वविद्यालय विवेक यूनिवर्सिटी बिजनौर, एसडीजीआई यूनिवर्सिटी गाजियाबाद एवं बीके यूनिवर्सिटी मथुरा के प्रस्ताव मानक के अनुरूप न होने के कारण निरस्तीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.
6 विश्वविद्यालय को मानक पूरा करने का दिया गया समय
इसके अलावा 6 विश्वविद्यालयों मौलाना रूरल यूनिवर्सिटी सीतापुर, मेघ सिंह विश्वविद्यालय आगरा, केएन मोदी विश्वविद्यालय गाजियाबाद, महर्षि रामायण अयोध्या, एसआर यूनिवर्सिटी लखनऊ एवं जेबीएम यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा को भूमि सम्बन्धी मानक पूरा करने के लिए 31 दिसम्बर 2020 तक का समय दिया गया है. वहीं रामा विश्वविद्यालय हापुड़ का निरीक्षण किया जा चुका है. एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा तथा इमानुएल यूनिवर्सिटी रायबरेली के निरीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. जेएसएस यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, महवीर यूनिवर्सिटी मेरठ, जीएस यूनिवर्सिटी हापुड़, राजश्री यूनिवर्सिटी बरेली, फारूक हुसैन यूनिवर्सिटी एत्मादपुर आगरा एवं मेजर एसडी सिंह विश्वविद्यालय फर्रूखाबाद से प्राप्त प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है.
सभी प्रस्तावों का निस्तारण पारदर्शिता से समय पर हो
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने प्राप्त सभी प्रस्तावों का निस्तारण पूरी निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ निश्चित समयसारिणी के अनुसार सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग सहित वित्त, न्याय, उच्च शिक्षा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.