लखनऊ: पुलिस विभाग के लिए ही सिर दर्द बन चुके 50 हजार के इनामी आईपीएस अरविंद सेन अभी भी फरार हैं. वहीं पुलिस अब उनकी लखनऊ और अयोध्या स्थित संपत्तियों को कुर्क करने की कोशिश में जुट गई है. पिछले दिनों लखनऊ के गोमती नगर और अयोध्या की चल और अचल संपत्तियों का पुलिस ने ब्योरा जुटाया था. पुलिस ने उन संपत्तियों पर कुर्की का नोटिस चस्पा किया था. यह भी कहा जा रहा था कि अरविंद सेन कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के फिराक में हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब पुलिस कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारियों में जुट चुकी है.
बता दें कि पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से 9 करोड़ 72 लाख की ठगी हुई थी. इसमें आईपीएस अरविंद सेन का नाम भी शामिल है. वहीं शासन ने उनको निलंबित कर दिया थी. तभी से वह फरार चल रहे हैं.
हजरतगंज कोतवाली में इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह भाटिया ने पशुपालन विभाग में टेंडर के नाम पर ठगी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें डीआईजी अरविंद सेन का भी नाम शामिल था. वहीं इस मामले में पिछले दिनों 50 हजार का इनामी सिपाही दिलबहार गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन अरविंद सेन अभी भी फरार हैं. कोर्ट से जहां उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है. तो वहीं उन पर 50 हजार का इनाम भी घोषित है. हजरतगंज की पुलिस ने गोमतीनगर और अयोध्या स्थित आवास पर कुर्की का नोटिस पिछले महीने चस्पा किया था. अब उनकी चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी में पुलिस जुट चुकी है.
क्या था मामला
इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह भाटिया ने कोतवाली हजरतगंज में पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख रुपये की ठगी का शिकार होने पर एक मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें पत्रकार एके राजीव, आशीष राय, अनिल राय, पशुधन मंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय के संविदा कर्मी धीरज, रूपक राय, उमाशंकर तिवारी के नाम शामिल थे. वहीं इस जांच में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन और सिपाही दिलबहार सिंह यादव और अमित मिश्रा की संलिप्तता भी पाई गई थी.