लखनऊ : उत्तर प्रदेश समेत देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. यह परिवहन विभाग के लिए चिंता का सबब है. लिहाजा, परिवहन विभाग सेफ्टी को लेकर अब काफी सजगता बरत रहा है. ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहा है जो सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उपाय कर रहे हैं. ऐसे ही कक्षा 11 के एक छात्र ने सेंसर बेस्ड हेलमेट बनाया है, जिसे सिर पर पहने बिना बाइक स्टार्ट ही नहीं हो सकती. अगर सिर से उतारते हैं तो बाइक ऑटोमेटिक बंद हो जाती है. उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने इस होनहार छात्र इंद्रेश कुमार को परिवहन विभाग मुख्यालय पर सड़क सुरक्षा फंड से 50 हजार रुपए का इनाम और प्रशंसा पत्र भी दिया, साथ ही यह भी कहा कि परिवहन विभाग इस हेलमेट को पेटेंट करवाने के लिए पूरा प्रयास करेगा. हमारा उद्देश्य लोगों की किसी भी कीमत पर जान बचाना है. ये हेलमेट इस दिशा में बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा है कि 'सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. जब विभाग को सोनभद्र के एक छोटे से गांव में रहने वाले कक्षा 11 के जीव विज्ञान के छात्र की एक खोज के बारे में पता चला तो विभाग ने अपनी तरफ से संपर्क साधा. छात्र इंद्रेश कुमार के पिता का एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद छात्र के दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न एक ऐसा हेलमेट बनाया जाए जिससे लोगों को दुर्घटना से बचाया जा सके. इसके बाद इंद्रेश कुमार ने संसाधनों के अभाव के बावजूद एक ऐसा हेलमेट तैयार किया जो सेंसर बेस्ड है. बाइक पर अगर हेलमेट नहीं लगाया तो किसी कीमत पर बाइक स्टार्ट नहीं होगी. हेलमेट सिर पर रख लेने से ही नहीं जब तक स्ट्रिप नहीं लगाएंगे तब तक बाइक स्टार्ट नहीं होती. इतना ही नहीं अगर शराब पी है तो भी बाइक स्टार्ट नहीं होगी. परिवहन मंत्री ने छात्र इंद्रेश कुमार की इस खोज को खूब सराहा, साथ ही यह भी कहा है कि दोपहिया निर्माता कंपनियों से संपर्क कर इस हेलमेट को पेटेंट कराने का भी प्रयास किया जाएगा, जिससे मार्केट में इसी तरह का हेलमेट आए और लोगों की जान को सुरक्षित रखा जा सके.'
परिवहन मंत्री के सामने छात्र इंद्रेश कुमार ने हेलमेट का डेमोंसट्रेशन भी दिया, जिसमें वह पूरी तरह पास हुआ. बिना हेलमेट पहने बाइक स्टार्ट नहीं हुई. बाइक की स्ट्रिप हटाते ही बाइक बंद हो गई. इसके अलावा जैसे ही शराब की बोतल मुंह तक ले जाई गई ऑटोमेटिक बाइक बंद हो गई. छात्र इंद्रेश कुमार की इस खोज का परिवहन विभाग के अधिकारियों ने भी खूब सराहा है. छात्र इंद्रेश कुमार ने कहा कि 'मेरे पिता का शराब के नशे में एक्सीडेंट हो गया था. उसी समय मैंने तय किया था कि कुछ मैं ऐसा करूंगा. जिससे अन्य लोगों को दुर्घटना का शिकार न होना पड़े, इसीलिए यह हेलमेट तैयार किया है. अगर इसका पेटेंट हो जाता है तो इसका लाभ सभी को मिलेगा.'
कंपनी को करेंगे ब्लैकलिस्ट : इस मौके पर परिवहन मंत्री से लाखों की संख्या में लाइसेंस के पेंडेंसी को लेकर सवाल किया गया. परिवहन मंत्री ने कहा कि 'चिप की समस्या बनी हुई है. जिसके चलते लाइसेंस के पेंडेंसी बढ़ गई है. कल ही 40 हजार चिप आई हैं, जिससे कुछ हद तक लाइसेंस की पेंडेंसी कम हो जाएगी.' ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि 'लाइसेंस पेंडेंसी के लिए संबंधित कंपनी को बोला गया है. कंपनी का कहना है कि मार्च तक पूरी तरह से लाइसेंस के पेंडेंसी खत्म कर दी जाएगी. लाइसेंस देर से प्रिंट होने को लेकर कंपनी पर जुर्माना भी लगाया गया है. अगर मार्च तक पेंडेंसी खत्म नहीं होती है तो कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा.' परिवहन विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रदेश भर में ढाई लाख लाइसेंस की पेंडेंसी चल रही है.
कैग की रिपोर्ट में परिवहन विभाग की लापरवाही के साथ ही सॉफ्टवेयर की देरी से संचालित होने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्स जमा कराए बिना रजिस्टर्ड कर लिया गया, साथ ही परिवहन निगम को भी टैक्स का लाभ दे दिया गया है, इस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि सभी विभागों में कुछ न कुछ झोल होता है. आगे इसमें सुधार किया जाएगा.
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