ETV Bharat / state

जानें, सातवें चरण के प्रत्याशियों में कौन कितना बड़ा अपराधी, कौन कितना अमीर

देश में चल रहा लोकसभा चुनाव अपने आखिरी दौर में है. सातवें चरण के लिए उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाला है. वहीं इन प्रत्याशी में से कई बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं, तो कई अपराधिक पृष्ठभूमि वाले बाहुबली भी.

जानकारी देते अनिल शर्मा.
author img

By

Published : May 16, 2019, 3:30 PM IST

लखनऊ: चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर और इलेक्शन वॉच ने उत्तर प्रदेश में सातवें चरण की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि पीएम मोदी की संपत्ति करीब दो करोड़ 51 लाख रुपये है. वहीं मनोज सिन्हा के पास करीब चार करोड़ की संपत्ति है. वहीं इस चरण में सबसे अधिक आपराधिक मामले अतीक अहमद के खिलाफ हैं. वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के अतुल सिंह और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय हैं.

सातवें चरण में भारतीय जनता पार्टी ने 11 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. इसमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराजगंज से पंकज चौधरी, गोरखपुर से रवि किशन, बांसगांव से कमलेश पासवान, गाजीपुर से मनोज सिन्हा, घोसी से हरिनारायण राजभर, चंदौली से डॉ महेंद्र नाथ पांडे, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, सलेमपुर से रविंद्र कुशवाहा, कुशीनगर से विजय कुमार दुबे, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त हैं.

इनमें से वीरेंद्र सिंह मस्त और विजय कुमार दुबे को छोड़कर पार्टी के सभी उम्मीदवारों की संपत्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा है. वीरेंद्र सिंह मस्त के पास करीब दो करोड़ 23 लाख और विजय कुमार दुबे के पास एक करोड़ 45 लाख रुपये की चल अचल संपत्ति है.

17वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर 979 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें से 958 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण एडीआर ने किया. इसमें 220 उम्मीदवारों ने अपना आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया, जोकि 23 प्रतिशत है. इनमें से 181 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक रिकार्ड घोषित किया है, जोकि 19 फीसद है. 358 उम्मीदवारों ने अपने को करोड़पति घोषित किया, यह 37 प्रतिशत है. औसत संपत्ति उम्मीदवार 4.79 निकल कर आया है.

जानकारी देते अनिल शर्मा.

सातवें चरण में उत्तर प्रदेश के 13 लोकसभा क्षेत्र क्षेत्रों में 19 मई को वोट डाले जाएंगे. इसमे 26 प्रतिशत आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसमें से 22 फीसद उम्मीदवार गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. सबसे ज्यादा आपराधिक मामले में अतीक अहमद पहले स्थान पर हैं, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अतुल कुमार सिंह हैं. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के वाराणसी से प्रत्याशी अजय राय हैं.

सातवें चरण में सबसे अमीर प्रत्याशियों की सूची में सबसे ऊपर पंकज चौधरी हैं. इनके पास से 37 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. दूसरे स्थान पर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप नारायण सिंह हैं, इनके पास 29 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. तीसरे स्थान पर बाहुबली अतीक अहमद हैं.

सातवें चरण में 29% उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पांचवी से 12वीं के बीच है. 61 फीसद उम्मीदवार स्नातक हैं. आठ प्रतिशत महिलाओं को इस चरण में उम्मीदवार बनाया गया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में 19 फीसद दागी थे, जो अब बढ़कर 2019 में 23 प्रतिशत हो गया है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के सापेक्ष 15 फीसद गंभीर अपराधियों के सापेक्ष 19 प्रतिशत यानि कि चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

लखनऊ: चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर और इलेक्शन वॉच ने उत्तर प्रदेश में सातवें चरण की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि पीएम मोदी की संपत्ति करीब दो करोड़ 51 लाख रुपये है. वहीं मनोज सिन्हा के पास करीब चार करोड़ की संपत्ति है. वहीं इस चरण में सबसे अधिक आपराधिक मामले अतीक अहमद के खिलाफ हैं. वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के अतुल सिंह और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय हैं.

सातवें चरण में भारतीय जनता पार्टी ने 11 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है. इसमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराजगंज से पंकज चौधरी, गोरखपुर से रवि किशन, बांसगांव से कमलेश पासवान, गाजीपुर से मनोज सिन्हा, घोसी से हरिनारायण राजभर, चंदौली से डॉ महेंद्र नाथ पांडे, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, सलेमपुर से रविंद्र कुशवाहा, कुशीनगर से विजय कुमार दुबे, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त हैं.

इनमें से वीरेंद्र सिंह मस्त और विजय कुमार दुबे को छोड़कर पार्टी के सभी उम्मीदवारों की संपत्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा है. वीरेंद्र सिंह मस्त के पास करीब दो करोड़ 23 लाख और विजय कुमार दुबे के पास एक करोड़ 45 लाख रुपये की चल अचल संपत्ति है.

17वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर 979 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें से 958 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण एडीआर ने किया. इसमें 220 उम्मीदवारों ने अपना आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया, जोकि 23 प्रतिशत है. इनमें से 181 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक रिकार्ड घोषित किया है, जोकि 19 फीसद है. 358 उम्मीदवारों ने अपने को करोड़पति घोषित किया, यह 37 प्रतिशत है. औसत संपत्ति उम्मीदवार 4.79 निकल कर आया है.

जानकारी देते अनिल शर्मा.

सातवें चरण में उत्तर प्रदेश के 13 लोकसभा क्षेत्र क्षेत्रों में 19 मई को वोट डाले जाएंगे. इसमे 26 प्रतिशत आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसमें से 22 फीसद उम्मीदवार गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के हैं. सबसे ज्यादा आपराधिक मामले में अतीक अहमद पहले स्थान पर हैं, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं. दूसरे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अतुल कुमार सिंह हैं. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के वाराणसी से प्रत्याशी अजय राय हैं.

सातवें चरण में सबसे अमीर प्रत्याशियों की सूची में सबसे ऊपर पंकज चौधरी हैं. इनके पास से 37 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. दूसरे स्थान पर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप नारायण सिंह हैं, इनके पास 29 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. तीसरे स्थान पर बाहुबली अतीक अहमद हैं.

सातवें चरण में 29% उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पांचवी से 12वीं के बीच है. 61 फीसद उम्मीदवार स्नातक हैं. आठ प्रतिशत महिलाओं को इस चरण में उम्मीदवार बनाया गया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में 19 फीसद दागी थे, जो अब बढ़कर 2019 में 23 प्रतिशत हो गया है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के सापेक्ष 15 फीसद गंभीर अपराधियों के सापेक्ष 19 प्रतिशत यानि कि चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

Intro:लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ही राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने संपत्ति के मामले में उन्हें पीछे छोड़ दिया है। चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर और इलेक्शन वॉच ने उत्तर प्रदेश में सातवें चरण की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संपत्ति करीब दो करोड़ 51 लाख रुपये की है। मनोज सिन्हा के पास करीब चार करोड़ की संपत्ति है। वहीं इस चरण में सबसे अधिक आपराधिक मामले अतीक अहमद के खिलाफ हैं। इन पर 59 मुकदमे है। दूसरे नंबर पर बसपा के अतुल सिंह और तीसरे नंबर पर वाराणसी से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय पर आपराधिक मुकदमे हैं।


Body:भारतीय जनता पार्टी ने सातवें चरण में 11 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। इसमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महाराजगंज से पंकज चौधरी, गोरखपुर से रवि किशन, बांसगांव से कमलेश पासवान, गाजीपुर से मनोज सिन्हा, घोसी से हरिनारायण राजभर, चंदौली से डॉ महेंद्र नाथ पांडे, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, सलेमपुर से रविंद्र कुशवाहा, कुशीनगर से विजय कुमार दुबे, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त। इनमें से वीरेंद्र सिंह मस्त और विजय कुमार दुबे को छोड़कर पार्टी के सभी उम्मीदवारों की संपत्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा है। वीरेंद्र सिंह मस्त के पास करीब दो करोड़ 23 लाख और विजय कुमार दुबे के पास एक करोड़ 45 लाख रुपये की चल अचल संपत्ति है।

17वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर 979 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़े हैं। जिसमें से 958 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण एडीआर ने किया। इसमें 220 उम्मीदवारों ने अपना आपराधिक रिकॉर्ड घोषित किया जोकि 23 प्रतिशत किया है। इनमें से 181 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक रिकार्ड घोषित किया है। जोकि 19 फीसद है। 358 उम्मीदवारों ने अपने को करोड़पति घोषित किया। यह 37 प्रतिशत है। औसत संपत्ति उम्मीदवार 4.79 निकल कर आया है।

एडीआर के उत्तर प्रदेश सामान्य अनिल शर्मा ने बताया कि सातवें चरण में उत्तर प्रदेश के 13 लोकसभा क्षेत्र क्षेत्रों में 19 मई को वोट डाले जाएंगे। इसमे 26 प्रतिशत आपराधिक प्रवृत्ति के प्रत्याशी मैदान में हैं। जिसमें से 22 फीसद उम्मीदवार गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। सबसे ज्यादा आपराधिक मामले में अतीक अहमद पहले स्थान पर हैं। जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के वाराणसी से प्रत्याशी अजय राय हैं। तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अतुल कुमार सिंह हैं। अतुल घोसी से चुनाव लड़ रहे हैं।

सातवें चरण में सबसे अमीर प्रत्याशियों की सूची में पंकज चौधरी हैं। पंकज चौधरी बसपा के टिकट पर महाराजगंज से उम्मीदवार हैं। इनके पास से 37 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप नारायण सिंह हैं। यह कुशीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। इनके पास 29 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। तीसरे स्थान पर बाहुबली अतीक अहमद हैं। यह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इनके पास कुल 25 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

सातवें चरण में 29% उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पांचवी से 12वीं के बीच है। 61 फीसद उम्मीदवार स्नातक हैं। मात्र आठ प्रतिशत महिलाओं को इस चरण में उम्मीदवार बनाया गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में 19 फीसद दागी थे। जो अब बढ़कर 2019 में 23 प्रतिशत हो गया है। यह चार प्रतिशत का इजाफा है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के सापेक्ष 15 फीसद गंभीर अपराधियों के सापेक्ष 19 प्रतिशत यानी कि चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.