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उत्तर प्रदेश: पहले चरण का चुनावी रण, इन मुद्दों के साथ पार्टियों ने किया अपनी जीत का दावा

लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बज चुका है. 11 मई को पहले चरण की 8 सीटों पर मतदान होना है. उत्तर प्रदेश में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने मुद्दों के साथ इस बार सरकार बनाने के दावे कर रही हैं.

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Published : Mar 27, 2019, 8:59 PM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर पहले चरण में मतदान 11 मई को होगा. इस बार चुनावी रण की लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव, पलायन व गन्ना किसानों के मुद्दे मुख्य रूप से राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल है. सभी आठ संसदीय सीटों के लिए पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है.

यूपी में सभी दल अपनी-अपनी चुनावी बिसात बिछाने लगे हैं. यह क्षेत्र वर्ष 2013 में हुए सांप्रदायिक संघर्षों और तनाव का साक्षी रहा है. ऐसे में यहां राजनीतिक दल जातीय गणित के साथ सांप्रदायिक कार्ड भी खेलते रहे हैं.

बीजेपी, कांग्रेस ने किया अपनी जीत का दावा

भीम आर्मी का दलित मूवमेंट करेगा भाजपा को प्रभावित
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा जो मुद्दा होगा वह गन्ना किसान का मुद्दा होगा. दूसरा जो दलित मूवमेंट वहां भीम आर्मी की तरफ से शुरू किया गया, वह भी कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक नया समन्वय तैयार कर रहा है तो यह भी कहीं न कहीं चुनावी राजनीति को प्रभावित करेगा.

बीजेपी का दावा है कि वह विकास की राह में आगे बढ़ चुकी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भी उसे पूरा साथ मिल रहा है. यहां के लोग बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं. बीजेपी ने भी गन्ना किसानों सहित तमाम अन्य मुद्दों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों का दिल खोलकर साथ दिया है.

बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़ा है पश्चिमी उत्तर प्रदेश
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास दिख रहा है. सड़कें गड्ढा मुक्त हो रही है. प्रदेश में कनेक्टिविटी हो रही है. जेवर एयरपोर्ट से लेकर हिंडन एयरपोर्ट भी शुरू हुआ है. आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार के साथ और पार्टी के साथ चट्टान की तरह जुड़ा हुआ है.

पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 सीटों में 11 मई को मतदान होना है, जिनमें सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर शामिल हैं. पिछली बार इन सभी 8 सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय हुई थी.

2014 के चुनाव में जब देश भर में और यूपी में मोदी लहर चल रही थी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मोदी लहर का साक्षी बना और बीजेपी के पक्ष में जमकर मतदान हुआ. कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान वर्ष 2013 में कैराना मुजफ्फरनगर में जो सांप्रदायिक हिंसा हुई, उसका भी चुनाव में बीजेपी को फायदा हुआ. सभी 8 सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. बदली हुई परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है तो केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है. बीजेपी का दावा है कि उसने काफी ज्यादा विकास का काम किया है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पलायन जैसे तमाम मुद्दे थे, जिन्हें बीजेपी ने खत्म करने का काम किया है. गन्ना किसानों का भुगतान सहित तमाम जो मूलभूत सुविधाएं हैं, बेहतर ढंग से मिल रही है.

जनता की खुशहाली है कांग्रेस का मुद्दा
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का एक ही मुद्दा है. वह है कि आमजन कैसे खुशहाल हों? लोगों में कैसे भाईचारा कायम हो? बार-बार भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की तरफ से झूठ बोला जाता है कि गन्ना किसानों का भुगतान हो गया लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.

2019 पहला चरण, 8 सीट, 11 मई को मतदान
पहले चरण के लोकसभा चुनाव में दो लाख 73 हजार 32 मतदाता हैं, जिनकी आयु 18 से 19 वर्ष है जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के दो लाख 71हजार 565 मतदाता हैं, जो मतदान करेंगे.

2014 सहारनपुर में वोटिंग 74.26%
सहारनपुर भाजपा के राघवलखन पाल चुनाव जीते, कांग्रेस के इमरान मसूद को भाजपा सांसद ने 1 लाख 30 हजार वोट से चुनाव हराया था, जबकि 2009 में जगदीश राणा बसपा के टिकट पर जीते थे.

1 - सहारनपुर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र
2017 विधानसभा चुनाव

  • बेहट सीट पर कांग्रेस नरेश सैनी चुनाव जीते
  • सहारनपुर नगर में समाजवादी पार्टी के संजय गर्ग चुनाव जीते
  • सहारनपुर में मसूद अख्तर चुनाव जीते कांग्रेस से
  • रामपुर मनिहारन में देवेंद्र कुमार भाजपा से जीते
  • देवबंद से भाजपा के ब्रजेश जीते

(स्थानीय मुद्दे - बेरोजगारी, गन्ना किसानों का भुगतान, पलायन)


2 - कैराना लोकसभा चुनाव, वोटिंग 73.10%
यहां से भाजपा के हुकुम सिंह ने समाजवादी के नाहिद हसन को दो लाख पचास हजार वोट से हराया, जबकि 2009 में बसपा की तब्बसुम हसन जीती थीं. विधानसभा चुनाव में यहां की नकुड सीट पर बीजेपी के धर्म सिंह सैनी, गंगोह सीट से भाजपा के प्रदीप कुमार, कैराना सुरक्षित से नाहिद हसन समाजवादी पार्टी थानाभवन सुरक्षित से भाजपा के सुरेश कुमार, शामली सुरक्षित से भाजपा के तेजेन्द्र निरवाल चुनाव जीते थे.
(स्थानीय मुद्दे - बेरोजगारी, अशिक्षा, पलायन, गन्ना किसानों का भुगतान)

3 - मुजफ्फरनगर लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 69.74%
यहां भारतीय जनता पार्टी के संजीव कुमार बालियान ने बहुजन समाज पार्टी के कादिर राणा को तीन लाख वोटों से चुनाव हराया था, 2009 में बसपा के कादिर राणा जीते थे. मुजफ्फरनगर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें सभी भारतीय जनता पार्टी 2017 के लोकसभा चुनाव में जीती थी. बुढाना सीट से उमेश मलिक, चरथावल से विजय कुमार कश्यप, मुजफ्फरनगर से कपिल देव अग्रवाल, खतौली से विक्रम सिंह, सरधना से संगीत सिंह सोम चुनाव जीते थे.(स्थानीय मुद्दे - पलायन,बेरोजगारी, गन्ना किसानों का भुगतान और2013 में हुए सांप्रदायिक तनाव)


4 - बिजनौर लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 67.88%
बिजनौर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के कुंवर भारतेंदु सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के संजय सिंह चौहान को करीब ढाई लाख वोटों से चुनाव हराया था, जबकि 2009 में रालोद से संजय सिंह चुनाव जीते थे. बिजनौर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2017 की विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा जीती थी. इनमें पुरकाजी सुरक्षित में प्रमोद कुमार, मीरापुर में अवतार सिंह भड़ाना, बिजनौर में सूची कुमार, चांदपुर में कमलेश सैनी, हस्तिनापुर सुरक्षित में दिनेश खटीक चुनाव जीते थे.
(स्थानीय मुद्दे - अशिक्षा, बेरोजगारी, गन्ना किसानों का भुगतान)

5 -मेरठ लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 63.12%
मेरठ लोकसभा क्षेत्र से 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र अग्रवाल ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद शाहिद अखलाक को दो लाख 32 हजार वोटों से चुनाव हराया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में भी राजेंद्र अग्रवाल चुनाव जीते थे.मेरठ लोकसभा में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. किठौर से सत्यवीर त्यागी भाजपा, मेरठ कैंट से सत्य प्रकाश अग्रवाल भाजपा, मेरठ सिटी से रफीक अंसारी समाजवादी पार्टी, मेरठ दक्षिण से डॉक्टर सोमेंद्र तोमर भाजपा, हापुड़ सुरक्षित से विजय पाल भाजपा से चुनाव जीते थे.
(स्थानीय मुद्दे - बेरोजगारी, गन्ना किसानों की समस्याएं, बंद चीनी मिलें)

6 -बागपत लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 66.75%
यहां से डॉ. सत्यपाल सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे और समाजवादी पार्टी के गुलाम मोहम्मद को उन्होंने 1,90,000 वोटों से चुनाव हराया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में रालोद से चौधरी अजीत सिंह यहां से चुनाव जीते थे.बागपत में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें 2017 के विधानसभा चुनाव में सिवालखास से बीजेपी के टिकट पर जितेंद्र पाल सिंह, छपरौली से महेंद्र सिंह रमाला रालोद से, बड़ौत से कृष्ण पाल मलिक बीजेपी के टिकट पर, बागपत से योगेश धामा बीजेपी के टिकट पर और मोदीनगर से डॉ मंजू शिवास बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती थी.
(स्थानीय मुद्दे - पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की सहूलियत के लिए हाईकोर्ट की एक बेंच मेरठ में बनाए जाने का मुद्दा भी यहां काफी गरमाया रहता है. इसके अलावा किसानों की समस्याएं कानून-व्यवस्था की समस्याएं व पलायन जैसी समस्या भी मुख्य मुद्दे में शामिल है.)

7 -गाजियाबाद लोकसभा, वोटिंग 56.95%
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जनरल वीके सिंह चुनाव जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के राज बब्बर को 5 लाख वोटों से चुनाव हराया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजनाथ सिंह चुनाव जीते थे.
यहां 5 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें लोनी से बीजेपी के नंद किशोर, मुरादनगर से बीजेपी के अजीत पाल त्यागी, साहिबाबाद से बीजेपी के सुनील कुमार शर्मा, गाजियाबाद के बीजेपी के अतुल गर्ग व धौलाना सीट से बहुजन समाज पार्टी के असलम चौधरी 2017 के चुनाव में जीत दर्ज की थी.
(स्थानीय मुद्दे - यहां के मुख्य मुद्दों में एनसीआर क्षेत्र होने के कारण फैक्ट्रियों की अधिकता भी यहां काफी समस्या बनती है. कानून व्यवस्था सड़कों की स्थिति बदहाल को कई अन्य मुद्दे यहां चुनाव में चर्चा का कारण बनते हैं.)

8 -गौतम बुद्ध नगर लोकसभा, वोटिंग 60.39%
गौतम बुद्ध नगर से बीजेपी के टिकट पर डॉ. महेश शर्मा चुनाव जीते थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को 4,80,000 वोट से चुनाव हराया था. 2009 में सुरेंद्र सिंह सपा से चुनाव जीते थे.
नगर में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की विजय हुई थी. इनमें नोएडा से पंकज सिंह, दादरी से तेजपाल सिंह, नागर जेवर से धीरेंद्र सिंह, सिकंदराबाद से विमला सिंह सोलंकी और खुर्जा सुरक्षित से विजेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी.
(स्थानीय मुद्दे - यहां के मुख्य मुद्दों में अशिक्षा, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था यहां पर जातिगत समीकरण भी काफी हावी रहते हैं.)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर पहले चरण में मतदान 11 मई को होगा. इस बार चुनावी रण की लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव, पलायन व गन्ना किसानों के मुद्दे मुख्य रूप से राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल है. सभी आठ संसदीय सीटों के लिए पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है.

यूपी में सभी दल अपनी-अपनी चुनावी बिसात बिछाने लगे हैं. यह क्षेत्र वर्ष 2013 में हुए सांप्रदायिक संघर्षों और तनाव का साक्षी रहा है. ऐसे में यहां राजनीतिक दल जातीय गणित के साथ सांप्रदायिक कार्ड भी खेलते रहे हैं.

बीजेपी, कांग्रेस ने किया अपनी जीत का दावा

भीम आर्मी का दलित मूवमेंट करेगा भाजपा को प्रभावित
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा जो मुद्दा होगा वह गन्ना किसान का मुद्दा होगा. दूसरा जो दलित मूवमेंट वहां भीम आर्मी की तरफ से शुरू किया गया, वह भी कहीं न कहीं भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक नया समन्वय तैयार कर रहा है तो यह भी कहीं न कहीं चुनावी राजनीति को प्रभावित करेगा.

बीजेपी का दावा है कि वह विकास की राह में आगे बढ़ चुकी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भी उसे पूरा साथ मिल रहा है. यहां के लोग बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं. बीजेपी ने भी गन्ना किसानों सहित तमाम अन्य मुद्दों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों का दिल खोलकर साथ दिया है.

बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़ा है पश्चिमी उत्तर प्रदेश
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास दिख रहा है. सड़कें गड्ढा मुक्त हो रही है. प्रदेश में कनेक्टिविटी हो रही है. जेवर एयरपोर्ट से लेकर हिंडन एयरपोर्ट भी शुरू हुआ है. आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार के साथ और पार्टी के साथ चट्टान की तरह जुड़ा हुआ है.

पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 सीटों में 11 मई को मतदान होना है, जिनमें सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर शामिल हैं. पिछली बार इन सभी 8 सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय हुई थी.

2014 के चुनाव में जब देश भर में और यूपी में मोदी लहर चल रही थी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मोदी लहर का साक्षी बना और बीजेपी के पक्ष में जमकर मतदान हुआ. कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान वर्ष 2013 में कैराना मुजफ्फरनगर में जो सांप्रदायिक हिंसा हुई, उसका भी चुनाव में बीजेपी को फायदा हुआ. सभी 8 सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. बदली हुई परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है तो केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है. बीजेपी का दावा है कि उसने काफी ज्यादा विकास का काम किया है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पलायन जैसे तमाम मुद्दे थे, जिन्हें बीजेपी ने खत्म करने का काम किया है. गन्ना किसानों का भुगतान सहित तमाम जो मूलभूत सुविधाएं हैं, बेहतर ढंग से मिल रही है.

जनता की खुशहाली है कांग्रेस का मुद्दा
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का एक ही मुद्दा है. वह है कि आमजन कैसे खुशहाल हों? लोगों में कैसे भाईचारा कायम हो? बार-बार भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की तरफ से झूठ बोला जाता है कि गन्ना किसानों का भुगतान हो गया लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है.

2019 पहला चरण, 8 सीट, 11 मई को मतदान
पहले चरण के लोकसभा चुनाव में दो लाख 73 हजार 32 मतदाता हैं, जिनकी आयु 18 से 19 वर्ष है जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के दो लाख 71हजार 565 मतदाता हैं, जो मतदान करेंगे.

2014 सहारनपुर में वोटिंग 74.26%
सहारनपुर भाजपा के राघवलखन पाल चुनाव जीते, कांग्रेस के इमरान मसूद को भाजपा सांसद ने 1 लाख 30 हजार वोट से चुनाव हराया था, जबकि 2009 में जगदीश राणा बसपा के टिकट पर जीते थे.

1 - सहारनपुर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र
2017 विधानसभा चुनाव

  • बेहट सीट पर कांग्रेस नरेश सैनी चुनाव जीते
  • सहारनपुर नगर में समाजवादी पार्टी के संजय गर्ग चुनाव जीते
  • सहारनपुर में मसूद अख्तर चुनाव जीते कांग्रेस से
  • रामपुर मनिहारन में देवेंद्र कुमार भाजपा से जीते
  • देवबंद से भाजपा के ब्रजेश जीते

(स्थानीय मुद्दे - बेरोजगारी, गन्ना किसानों का भुगतान, पलायन)


2 - कैराना लोकसभा चुनाव, वोटिंग 73.10%
यहां से भाजपा के हुकुम सिंह ने समाजवादी के नाहिद हसन को दो लाख पचास हजार वोट से हराया, जबकि 2009 में बसपा की तब्बसुम हसन जीती थीं. विधानसभा चुनाव में यहां की नकुड सीट पर बीजेपी के धर्म सिंह सैनी, गंगोह सीट से भाजपा के प्रदीप कुमार, कैराना सुरक्षित से नाहिद हसन समाजवादी पार्टी थानाभवन सुरक्षित से भाजपा के सुरेश कुमार, शामली सुरक्षित से भाजपा के तेजेन्द्र निरवाल चुनाव जीते थे.
(स्थानीय मुद्दे - बेरोजगारी, अशिक्षा, पलायन, गन्ना किसानों का भुगतान)

3 - मुजफ्फरनगर लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 69.74%
यहां भारतीय जनता पार्टी के संजीव कुमार बालियान ने बहुजन समाज पार्टी के कादिर राणा को तीन लाख वोटों से चुनाव हराया था, 2009 में बसपा के कादिर राणा जीते थे. मुजफ्फरनगर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें सभी भारतीय जनता पार्टी 2017 के लोकसभा चुनाव में जीती थी. बुढाना सीट से उमेश मलिक, चरथावल से विजय कुमार कश्यप, मुजफ्फरनगर से कपिल देव अग्रवाल, खतौली से विक्रम सिंह, सरधना से संगीत सिंह सोम चुनाव जीते थे.(स्थानीय मुद्दे - पलायन,बेरोजगारी, गन्ना किसानों का भुगतान और2013 में हुए सांप्रदायिक तनाव)


4 - बिजनौर लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 67.88%
बिजनौर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के कुंवर भारतेंदु सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के संजय सिंह चौहान को करीब ढाई लाख वोटों से चुनाव हराया था, जबकि 2009 में रालोद से संजय सिंह चुनाव जीते थे. बिजनौर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 2017 की विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा जीती थी. इनमें पुरकाजी सुरक्षित में प्रमोद कुमार, मीरापुर में अवतार सिंह भड़ाना, बिजनौर में सूची कुमार, चांदपुर में कमलेश सैनी, हस्तिनापुर सुरक्षित में दिनेश खटीक चुनाव जीते थे.
(स्थानीय मुद्दे - अशिक्षा, बेरोजगारी, गन्ना किसानों का भुगतान)

5 -मेरठ लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 63.12%
मेरठ लोकसभा क्षेत्र से 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र अग्रवाल ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद शाहिद अखलाक को दो लाख 32 हजार वोटों से चुनाव हराया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में भी राजेंद्र अग्रवाल चुनाव जीते थे.मेरठ लोकसभा में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. किठौर से सत्यवीर त्यागी भाजपा, मेरठ कैंट से सत्य प्रकाश अग्रवाल भाजपा, मेरठ सिटी से रफीक अंसारी समाजवादी पार्टी, मेरठ दक्षिण से डॉक्टर सोमेंद्र तोमर भाजपा, हापुड़ सुरक्षित से विजय पाल भाजपा से चुनाव जीते थे.
(स्थानीय मुद्दे - बेरोजगारी, गन्ना किसानों की समस्याएं, बंद चीनी मिलें)

6 -बागपत लोकसभा चुनाव 2014, वोटिंग 66.75%
यहां से डॉ. सत्यपाल सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे और समाजवादी पार्टी के गुलाम मोहम्मद को उन्होंने 1,90,000 वोटों से चुनाव हराया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में रालोद से चौधरी अजीत सिंह यहां से चुनाव जीते थे.बागपत में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें 2017 के विधानसभा चुनाव में सिवालखास से बीजेपी के टिकट पर जितेंद्र पाल सिंह, छपरौली से महेंद्र सिंह रमाला रालोद से, बड़ौत से कृष्ण पाल मलिक बीजेपी के टिकट पर, बागपत से योगेश धामा बीजेपी के टिकट पर और मोदीनगर से डॉ मंजू शिवास बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती थी.
(स्थानीय मुद्दे - पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की सहूलियत के लिए हाईकोर्ट की एक बेंच मेरठ में बनाए जाने का मुद्दा भी यहां काफी गरमाया रहता है. इसके अलावा किसानों की समस्याएं कानून-व्यवस्था की समस्याएं व पलायन जैसी समस्या भी मुख्य मुद्दे में शामिल है.)

7 -गाजियाबाद लोकसभा, वोटिंग 56.95%
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जनरल वीके सिंह चुनाव जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के राज बब्बर को 5 लाख वोटों से चुनाव हराया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजनाथ सिंह चुनाव जीते थे.
यहां 5 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें लोनी से बीजेपी के नंद किशोर, मुरादनगर से बीजेपी के अजीत पाल त्यागी, साहिबाबाद से बीजेपी के सुनील कुमार शर्मा, गाजियाबाद के बीजेपी के अतुल गर्ग व धौलाना सीट से बहुजन समाज पार्टी के असलम चौधरी 2017 के चुनाव में जीत दर्ज की थी.
(स्थानीय मुद्दे - यहां के मुख्य मुद्दों में एनसीआर क्षेत्र होने के कारण फैक्ट्रियों की अधिकता भी यहां काफी समस्या बनती है. कानून व्यवस्था सड़कों की स्थिति बदहाल को कई अन्य मुद्दे यहां चुनाव में चर्चा का कारण बनते हैं.)

8 -गौतम बुद्ध नगर लोकसभा, वोटिंग 60.39%
गौतम बुद्ध नगर से बीजेपी के टिकट पर डॉ. महेश शर्मा चुनाव जीते थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को 4,80,000 वोट से चुनाव हराया था. 2009 में सुरेंद्र सिंह सपा से चुनाव जीते थे.
नगर में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की विजय हुई थी. इनमें नोएडा से पंकज सिंह, दादरी से तेजपाल सिंह, नागर जेवर से धीरेंद्र सिंह, सिकंदराबाद से विमला सिंह सोलंकी और खुर्जा सुरक्षित से विजेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी.
(स्थानीय मुद्दे - यहां के मुख्य मुद्दों में अशिक्षा, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था यहां पर जातिगत समीकरण भी काफी हावी रहते हैं.)

चेयरमैन सर ऑफिस, स्पेशल प्लान...

पहले चरण का चुनावी रण, दिलचस्प होगी लड़ाई
एंकर
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर पहले चरण में मतदान 11 मई को होगा। इस बार चुनावी रण की लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव, पलायन व गन्ना किसानों के मुद्दे मुख्य रूप से राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल है। सभी आठ संसदीय सीटों के लिए पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है।
वीओ1
सभी दल अपनी-अपनी चुनावी बिसात बिछाने लगे हैं। यह क्षेत्र वर्ष 2013 में हुए सांप्रदायिक संघर्षों और तनाव का साक्षी रहा है। ऐसे में यहां राजनीतिक दल जातीय गणित के साथ सांप्रदायिक कार्ड भी खेलते रहे हैं। अखिलेश यादव की सरकार में यहां हुए दंगों में दर्जनों लोगों की जानें भी गई थीं और इसके घाव अभी भरे नहीं हैं। अब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।
बाईट 1
राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रविकांत कहते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा जो मुद्दा होगा वह गन्ना किसान का मुद्दा होगा। दूसरा जो दलित मूवमेंट वहां भीम आर्मी की तरफ से शुरू किया गया वह भी कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी के बरअक्स एक नया समन्वय तैयार कर रहा है तो यह भी कहीं ना कहीं चुनावी राजनीति को प्रभावित करेगा। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण बड़ा मुद्दा नहीं होगा कोशिश तो होगी लोगो की तरफ से, लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं होगी और जो जरूरी मुद्दे हैं जमीनी है बेरोजगारी के मुद्दे हैं किसानों का भुगतान का मुद्दा है और जातिगत मुद्दे तो उत्तर प्रदेश के चुनाव में रहेंगे ही।
वीओ 2
बीजेपी का दावा है कि वह विकास की राह में आगे बढ़ चुकी है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भी उसे पूरा साथ मिल रहा है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं और बीजेपी ने भी गन्ना किसानों सहित तमाम अन्य मुद्दों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों का दिल खोलकर साथ दिया है।
बाईट 2
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन कहते हैं कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास दिख रहा है पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त हो रही है पश्चिम प्रदेश में कनेक्टिविटी हो रही है आज एयरपोर्ट बन रहे हैं जेवर एयरपोर्ट से लेकर हिंडन एयरपोर्ट भी शुरू हुआ है आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की सरकार के साथ और पार्टी के साथ चट्टान की तरह जुड़ा हुआ है। पूर्व की सरकारों के द्वारा क्या हुआ यह हर कोई जानता है पलायन हो रहा था पूर्व की सरकारों के द्वारा गड्ढा मुक्त सड़कें मिली थी पूर्व की सरकारों में सिर्फ और सिर्फ सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे दिखाई देते थे पूर्व की सरकार ने खेत की मेढ़ तक सिर्फ और सिर्फ दंगा पहुंचाने का काम किया था पश्चिम उत्तर प्रदेश आज जोर से कह रहा है फिर मोदी एक बार फिर मोदी सरकार एक बार।
वीओ 3
पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 सीटों में 11 मई को मतदान होना है जिनमें सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर शामिल है।
पिछली बार इन सभी 8 सीटों पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय हुई थी।
14 के चुनाव में जब देश भर में और यूपी में मोदी लहर चल रही थी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मोदी लहर का साक्षी बना और बीजेपी के पक्ष में जमकर मतदान हुआ कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान वर्ष 2013 में कैराना मुजफ्फरनगर में जो सांप्रदायिक हिंसा हुई उसका भी चुनाव में बीजेपी को फायदा हुआ और सभी 8 सीटें बीजेपी के खाते में चली गई बदली हुई परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है तो केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार है बीजेपी का दावा है कि उसने काफी ज्यादा विकास का काम किया है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पलायन जैसे तमाम मुद्दे थे जिन्हें बीजेपी ने खत्म करने का काम किया है घर छोड़कर बाहर नहीं जा रहे हैं विकास के साथ बीजेपी के साथ जुड़े हुए हैं गन्ना किसानों का भुगतान सहित तमाम जो मूलभूत सुविधाएं हैं बेहतर ढंग से मिल रही है।
बाईट 3
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का एक ही मुद्दा है वह है आमजन कि कैसे खुशहाल हो, लोगों में कैसे भाईचारा कायम हो, कैराना को लोग आज भी भूले नहीं हैं, जिस तरह से कैराना को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की कोशिश की गई थी। किसानों को गन्ना मूल्य आज भी नहीं मिल रहा है। बार बार भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की यरफ से झूठ बोला जाता है कि गन्ना किसानों का भुगतान हो गया लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। हद तो तब हो जाती है जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि गन्ना की जगह आलू बोया जाए यह ठीक बात नहीं है। इन सब मुद्दे लेकर कांग्रेस जनता के बीच है।

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2019 पहला चरण, 8 सीट, 11 मई को मतदान
--पहले चरण के लोकसभा चुनाव में दो लाख 73 हजार 32 मतदाता हैं जिनकी आयु 18 से 19 वर्ष है जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के दो लाख 71हजार 565 मतदाता हैं को मतदान करेंगे।
2014 सहारनपुर में वोटिंग 74.26%
- सहारनपुर भाजपा के राघवलखन पाल चुनाव जीते, कांग्रेस के इमरान मसूद को भाजपा सांसद ने 1 लाख 30 हजार वोट से चुनाव हराया था, जबकि 2009 में जगदीश राणा बसपा के टिकट पर जीते थे,
- सहारनपुर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र
2017 विधानसभा चुनाव
-बेहट सीट पर कांग्रेस नरेश सैनी चुनाव जीते
-सहारनपुर नगर में समाजवादी पार्टी के संजय गर्ग चुनाव जीते
- सहारनपुर में मसूद अख्तर चुनाव जीते कांग्रेस से
- रामपुर मनिहारन में देवेंद्र कुमार भाजपा से जीते
- देवबंद से भाजपा के ब्रजेश जीते
स्थानीय मुद्दे बेरोजगारी, गन्ना किसानों का भुगतान, पलायन
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- कैराना लोकसभा सीट वोटिंग 73.10%
यहाँ से भाजपा के हुकुम सिंह ने समाजवादी के नाहिद हसन को दो लाख पचास हजार वोट से हराया, जबकि 2009 में बसपा की तब्बसुम हसन जीती थीं,
विधानसभा चुनाव में यहां की नकुड सीट पर बीजेपी के धर्म सिंह सैनी, गंगोह सीट से भाजपा के प्रदीप कुमार, कैराना सुरक्षित से नाहिद हसन समाजवादी पार्टी थानाभवन सुरक्षित से भाजपा के सुरेश कुमार, शामली सुरक्षित से भाजपा के तेजेन्द्र निरवाल चुनाव जीते थे।
स्थानीय मुद्दे बेरोजगारी, अशिक्षा, पलायन, गन्ना किसानों का भुगतान
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मुजफ्फरनगर 2014 वोटिंग 69.74%
यहाँ भारतीय जनता पार्टी के संजीव कुमार बालियान ने बहुजन समाज पार्टी के कादिर राणा को तीन लाख वोटों से चुनाव हराया था, 2009 में बसपा के कादिर राणा जीते थे,
मुजफ्फरनगर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें सभी भारतीय जनता पार्टी 2017 के लोकसभा चुनाव में जीते थी।
बुढाना सीट से उमेश मलिक, चरथावल से विजय कुमार कश्यप, मुजफ्फरनगर से कपिल देव अग्रवाल, खतौली से विक्रम सिंह, सरधना से संगीत सिंह सोम चुनाव जीते थे,
मुजफ्फरनगर के स्थानीय मुद्दों में सबसे बड़ी समस्या अभी तक पलायन की रही है इसके अलावा बेरोजगारी गन्ना किसानो का भुक्तान की मुजफ्फरनगर की बड़ी समस्या बताई जाती है 2013 में यहां पर हुए साम्प्रदायिक तनाव ने मुजफ्फरनगर के साथ बदनामी का दाग भी जोड़ दिया था।
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बिजनौर लोकसभा 2014 के चुनाव में वोटिंग 67.88%
बिजनौर लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के कुंवर भारतेंदु सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के संजय सिंह चौहान को करीब ढ़ाई लाख वोटों से चुनाव हराया था, जबकि 2009 में रालोद से संजय सिंह चुनाव जीते थे,
- बिजनोर लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं 2017 की विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा जीती थी। इनमें पुरकाजी सुरक्षित में प्रमोद कुमार मीरापुर में अवतार सिंह भड़ाना बिजनौर में सूची कुमार चांदपुर में कमलेश सैनी हस्तिनापुर सुरक्षित में दिनेश खटीक चुनाव जीते थे।
मुद्दे
बिजनौर में भी अशिक्षा बेरोजगारी गन्ना किसानों का भुगतान की समस्या के मुद्दे राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल है।
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मेरठ वोटिंग 63.12%
मेरठ लोकसभा क्षेत्र से 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के राजेंद्र अग्रवाल ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद शाहिद अखलाक को दो लाख 32 हजार वोटों से चुनाव हराया था, 2009 के लोकसभा चुनाव में भी राजेंद्र अग्रवाल चुनाव जीते थे।
मेरठ लोकसभा में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। किठौर से सत्यवीर त्यागी भाजपा, मेरठ कैंट से सत्य प्रकाश अग्रवाल भाजपा, मेरठ सिटी से रफीक अंसारी समाजवादी पार्टी,, मेरठ दक्षिण से डॉक्टर सोमेंद्र तोमर भाजपा, हापुड़ सुरक्षित से विजय पाल भाजपा से चुनाव जीते थे।
स्थानीय मुद्दों में मुख्य रूप से मेरठ में बेरोजगारी गन्ना किसानों की समस्याएं बंद चीनी मिलों को शुरू कर आना वह आधारभूत सुविधाओं की बढ़ोतरी शामिल है।
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बागपत लोकसभा चुनाव 2014 में वोटिंग 66.75%
यहां से डॉ सत्यपाल सिंह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे और समाजवादी पार्टी के गुलाम मोहम्मद को उन्होंने 190000 वोटों से चुनाव हराया था 2009 के लोकसभा चुनाव में रालोद से चौधरी अजीत सिंह यहां से चुनाव जीते थे।
बागपत में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिन में 2017 के विधानसभा चुनाव में सिवालखास से बीजेपी के टिकट पर जितेंद्र पाल सिंह छपरौली से महेंद्र सिंह रमाला रालोद से बड़ौत से कृष्ण पाल मलिक बीजेपी के टिकट पर बागपत से योगेश धामा बीजेपी के टिकट पर वह मोदीनगर से डॉ मंजू शिवास बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती थी।
मुद्दे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की सहूलियत के लिए हाईकोर्ट की एक बेंच मेरठ में बनाए जाने का मुद्दा भी यहां काफी गरमाया रहता है इसके अलावा किसानों की समस्याएं कानून-व्यवस्था की समस्याएं व पलायन जैसी समस्या भी मुख्य मुद्दे में शामिल है
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गाजियाबाद लोकसभा वोटिंग 56.95%
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जनरल वीके सिंह चुनाव जीते थे और उन्होंने कांग्रेस के राज बब्बर को 5 लाख वोटों से चुनाव हराया था, 9 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राजनाथ सिंह चुनाव जीते थे।
यहां 5 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें लोनी से बीजेपी के नंद किशोर मुरादनगर से बीजेपी के अजीत पाल त्यागी साहिबाबाद से बीजेपी के सुनील कुमार शर्मा गाजियाबाद के बीजेपी के अतुल गर्ग व धौलाना सीट से बहुजन समाज पार्टी के असलम चौधरी 2017 के चुनाव में जीत दर्ज की थी।

यहां के मुख्य मुद्दों में एनसीआर क्षेत्र होने के कारण फैक्ट्रियों की अधिकता भी यहां काफी समस्या बनती है, कानून व्यवस्था सड़कों की स्थिति बदहाल को कई अन्य मुद्दे यहां चुनाव में चर्चा का कारण बनते हैं।
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गौतम बुद्ध नगर लोक सभा वोटिंग 60.39%
गौतम बुद्ध नगर से बीजेपी के टिकट पर डॉ महेश शर्मा चुनाव जीते थे उन्होंने समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को 480000 वोट से चुनाव हराया था। 2009 में सुरेंद्र सिंह सपा से चुनाव जीते थे।
नगर में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिनमें 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की विजय हुई थी जिनमें नोएडा से पंकज सिंह दादरी से तेजपाल सिंह नागर जेवर से धीरेंद्र सिंह सिकंदराबाद से विमला सिंह सोलंकी व खुर्जा सुरक्षित से विजेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। यहां के मुख्य मुद्दों में अशिक्षा बेरोजगारी कानून व्यवस्था यहां पर जातिगत समीकरण भी काफी हावी रहते हैं।
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ध्यानार्थ डेस्क सहयोगी, कॉपी से सम्बंधित वीडियो विजुअल मोजो से भेजा गया है,
फाइल नाम Up_lko_dheeraj_8seat 



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