लखनऊ : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय एकेटीयू के पूर्व कुलपति व छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के मौजूदा कुलपति विनय पाठक मंगलवार को एक बार फिर चर्चा में आ गए. करीब पांच महीने बाद वह एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंच गए. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ फोटो खिंचवाने व मीटिंग में शामिल होने के फोटो वायरल होने के बाद लखनऊ सहित प्रदेश के शिक्षा जगत में यह चर्चा का विषय बन गया. इसको लेकर लखनऊ के विभिन्न विश्वविद्यालयों प्रोफ़ेसर पाठक किया फोटो काफी चर्चा बटोर रही है. यह मौका था मंगलवार को, जब राज्यपाल और राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपित आनंदीबेन पटेल जब कानपुर विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन प्रस्तुतिकरण रिपोर्ट की समीक्षा कर रही थीं.
समीक्षा के पूरे समय छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सामने बैठे थे. यह वही कुलपति प्रो. विनय पाठक हैं, जिनकी अक्टूबर महीने तक मुख्यमंत्री की देखरेख में उत्तर प्रदेश की एसटीएफ पूछताछ के लिए खोजती रही. सम्मन पर सम्मन जारी करती रही, पर कुलपति प्रो. विनय पाठक एसटीएफ को ईमेल पर जवाब देते रहे. एसटीएफ प्रो. विनय पाठक को नहीं पकड़ सकी. 87 दिनों तक कानपुर विश्वविद्यालय से गायब रहने के बाद प्रोफेसर पाठक ने कार्यभार ग्रहण किया था. प्रो. विनय पाठक ने अपने रसूख के बल पर जांच एसटीएफ से छीन कर सीबीआई के हवाले करवा दिया. जांच सीबीआई को मिलते ही प्रो. विनय पाठक प्रकट हो गए और कानपुर विवि के कुलपति का कार्यभार संभाला. अब राजभवन में राज्यपाल के सामने बैठकर यह बता दिया कि उनका रुतबा बरकरार है.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के नैक हेतु मूल्यांकन के लिए तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की. विश्वविद्यालय पहले भी दो बार नैक में ग्रेडिंग प्राप्त कर चुका है, अब तीसरी बार नैक हेतु अपनी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तैयार कर रहा है. इस दौरान राज्यपाल ने एसएसआर के सभी सातों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालय की नैक तैयारियों हेतु गठित कमेटी के सदस्यों से बिंदुवार जानकारी ली. प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल ने निर्देश दिया कि नैक तैयारियों की सभी बैठकें विश्वविद्यालय के कार्यों तथा शिक्षण कार्य के उपरांत ही की जाएं. उन्होंने प्रस्तुतिकरण में विषयों को सुसम्बद्ध और प्रजेन्टेबुल बनाने को कहा. मूल्यांकन हेतु पियर टीम के अवलोकन के समय प्रस्तुतिकरण में किसी भी कमेटी सदस्य को भ्रम की स्थिति न हो. जिस बिंदु पर प्रस्तुतिकरण दिया जा रहा हो उससे सम्बन्धित सभी विवरण गतिविधियों के पत्र, फोटो हाइपर लिंक से सम्बद्ध रखे जाएं. उन्होंने हाइपर लिंक्स को सुदृढ़ बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि विवरण अवलोकन हेतु हाइपर लिंक क्लिक करते समय विवरण तत्काल अवलोकन के लिए प्रदर्शित हो. बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा राजभवन पंकज जॉनी, विश्वविद्यालय द्वारा गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे.
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