इस साल बंपर आम उत्पादन की उम्मीद. लखनऊ : आम के पेड़ों की डालियां इस बार मंजरों (बौर) से लदी हुई हैं. पेड़ों में आए बौर को देख बागवानी करने वाले किसानों को बेहतर पैदावार की उम्मीद है. अनुमान लगाया जा रहा है कि मौसम अनुकूल रहा तो पिछले वर्ष की तुलना में इस बार आम के फलों की अधिक पैदावार होगी. जिससे आम की फसल की बागवानी करने वाले किसान बाग को अच्छे दामों में बागवानों के हाथ बेच सकेंगे. साथ ही उन्हें इसके एवज में अच्छा मुनाफा होगा.
बता दें, विश्व में अपने रंग रूप और स्वाद से एक अलग पहचान बना चुका मलिहाबादी आम का बौर पेड़ों पर आ चुका है. उत्तर प्रदेश में इस बार आम की फसल के बंपर होने की उम्मीद है. आम के पेड़ों पर आए फूल इसी ओर इशारा कर रहे हैं. इस बार आम की फसल बागवानों को मालामाल करने वाली साबित हो सकती है. हालांकि मौसम पर काफी कुछ निर्भर करेगा. यदि ओलावृष्टि और आंधी से बचाव रहा तो आम की फसल सभी के लिए सौगात बन जाएगी. वर्ष 2022 में आम की फसल का ऑफ सीज़न रहा था. संभवत इस बार सीजन के ऑन होने की संभावनाएं पहले ही जता दी गई थी. दरअसल, जिला लखनऊ में आम के पेड़ों पर आया इस बार का फूल अच्छी फसल के संकेत दे रहा है.
इस साल बंपर आम उत्पादन की उम्मीद. बागवान जुबैर अहमद बताते हैं कि कोरोना काल से लेकर बीते साल तक आम की फसल से बागवानों को निराशा हाथ लगी थी. लागत निकालने में भी बागवानों को बड़ी मशक्कत झेलनी पड़ी, लेकिन इस बार की फसल को देखकर लग रहा है कि बागों में आम की पैदावार अच्छी होगी. जिससे मलिहाबाद के बागवान खुश नजर आ रहे हैं. मलिहाबाद के अधिकांश लोग आम की फसल पर निर्भर रहते हैं. आम की फसल अच्छी होगी तो लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि मंजिल अभी दूर है. बागवानों को डर सता रहा कि बागों में कीटों का प्रकोप न हो. वहीं मलिहाबाद के युवा बागवान अनीस बताते हैं कि पिछले कई वर्षों से उनके बागों में आम की पैदावार ही नहीं हो रही थी. इससे बागों का स्प्रे और बागों की देखरेख के लिए कर्ज हो रखा है. इस बार फसल देख कर लग रहा है कि बागों का पुराना कर्ज भी उतर जाएगा और पैसे भी हाथ लगेंगे.
6.5 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन होने की उम्मीद : उद्यान प्रभारी मलीहाबाद राजीव कुमार वर्मा की मानें तो आम के पेड़ों पर हुई फ्लावरिंग काफी अच्छी दिख रही है. उनका कहना है कि पिछले चार पांच साल से हम लोग देख रहे हैं कि कभी फूल निकलते नहीं थे तो कभी पहले निकल जाते थे. बाद में टेम्परेचर कम हो जाता था तो काले पड़ जाते थे. इसको देखते हुए इस बार मौसम बहुत अच्छा रहा. फूलों (बौर) में चमक बहुत अच्छी है. बहुत अच्छे फूल खिले हुए हैं. अभी तक किसी भी कीट का प्रकोप नहीं है. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार लगभग 6.5 लाख मैट्रिक टन का उत्पादन हमारे लखनऊ फलपट्टी से होगा. जबकि विगत वर्षों में यह 6 य 6 लाख 10 हजार मैट्रिक टन का उत्पादन रहा.
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