लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा सदन की कार्यवाही एक मार्च सोमवार तक के लिए स्थगित हो गयी है. गुरुवार को कभी डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, तो कभी बजट भाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष पर विपक्ष के चुटीले और कटीले शब्दबाण चले. सत्ता पक्ष के लोग भी खूब चुटकी लेते दिखे. इसके साथ ही विधानसभा सोमवार तक के लिए स्थगित हो गयी है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर विपक्ष का हंगामा
यूपी विधानसभा में सुबह 11 बजे प्रश्नकाल के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई. सदन में पहला सवाल डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर रखा गया. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र वर्मा ने डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के मुद्दे को उठाया. सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री सतीश महाना ने चुटकी ली. उन्होंने कहा कि सदस्य को शायद यह नहीं मालूम कि प्रदेश में अब बिजली की सप्लाई 24 घंटे की जा रही है. प्रदेश का किसान अब खेतों की सिंचाई डीजल से नहीं, बल्कि बिजली के ट्यूबबेल से कर रहा है. इसमें उसे डीजल की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके साथ ही सतीश महाना ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल, डीजल की कीमतें ज्यादा हैं. सरकार के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया.
बसपा ने भी किया वॉकआउट
बहुजन समाज पार्टी ने अनुसूचित जाति के मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया. अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्र एवं छात्राओं को उच्च शिक्षा संस्थानों में नि:शुल्क प्रवेश दिए जाने के सवाल का जवाब समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने दिया. उनका उत्तर सुनने के बाद नेता विधानमंडल दल बहुजन समाज पार्टी लालजी वर्मा ने कहा कि मंत्री का उत्तर निराधार है.
बजट भाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष का कड़ा प्रहार
सदन में बजट भाषण पर चर्चा शुरू हुई. नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने सरकार के पेपर लेस बजट को नौकरी पेशा लेस, रोजगार लेस, किसान लेस और विकास लेस करार दिया. उन्होंने कहा कि यह सरकार केवल ढिंढोरा पिटती है. सच्चाई में इसके पास कोई उपलब्धि नहीं है. पिछले चार सालों में राज्य में कोई विकास का काम नहीं हुआ है और न ही दिखाई दे रहा है. बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि सरकार साल दर साल बजट का आकार बढ़ाती गई, लेकिन खर्च का प्रतिशत बहुत कम रहा. यह सरकार केवल आंकड़ों पर चलती है. कागज पर विकास कार्य होते हैं. कागज पर दावे किए जाते हैं, लेकिन वास्तव में सरकार ने कोई भी विकास का कार्य नहीं किया है. इस सरकार में किसान, नौजवान, आम जनता परेशान है. सरकार का यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन और खोखला है.
राजभर ने पिछड़ों का उठाया मुद्दा
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर ने बजट पर चर्चा के दौरान सरकार को पिछड़ा विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि इस बजट में पिछड़ों का हक मारा गया है. आपको बता दें कि इस बजट सत्र के दौरान विधानसभा में ओमप्रकाश राजभर पिछड़ों के मुद्दे को उठा रहे हैं. वह सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं कि योगी सरकार में पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है. उन्हें आरक्षण के मुताबिक लाभ नहीं दिया जा रहा है. उनके इन आरोपों का जवाब सरकार की तरफ से भी आता रहा है. इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही सोमवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.