लखनऊ: सोनभद्र में जमीन के विवाद में हुई हत्याओं ने योगी सरकार को बैकफुट पर ला दिया है. सरकार को हालांकि समाजवादी पार्टी ने भी विधानसभा में घेरने की कोशिश की लेकिन कांग्रेसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोनभद्र की जमीन पर पहुंचकर योगी सरकार को गहरे संकट में डाल दिया. राजनीतिक बाजी हाथ से निकलते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोनभद्र की दौड़ लगानी पड़ी. कांग्रेसियों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहली बार अपना आवास छोड़कर जनता के बीच जाने के लिए मजबूर किया है.
सोनभद्र मामले में प्रदेश सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. साथ ही जब प्रियंका गांधी को पीड़ित परिजनों से मिलने से रोकने की कोशिश की गई. इससे योगी सरकार की विश्वसनीयता धूमिल हो गई. आज प्रियंका गांधी के दबाव में खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सोनभद्र जाना पड़ा और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने का ऐलान किया.
- सुरेंद्र सिंह राजपूत, पूर्व प्रवक्ता कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी के आरोपों से तिल मिलाई भारतीय जनता पार्टी सोनभद्र मामले में कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह लाश पर राजनीति कर रही है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को देश और प्रदेश निर्माण के लिए आगे आना चाहिए. प्रदेश सरकार अन्याय करने वालों के खिलाफ है और सोनभद्र मामले में भी सख्त कार्रवाई की गई है. कांग्रेस को इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए.
सोनभद्र मामले में सरकार ने आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की है. साथ ही पीड़ितों को मुआवजे का भी ऐलान किया है. इसके अलावा खुद सीएम योगी पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे. प्रियंका गांधी और कांग्रेस इस पूरे मामले को राजनीतिक बनाने का प्रयास कर रही है. प्रियंका गांधी दिल्ली छोड़ जमीन की राजनीति करें. कांग्रेस को बढ़ाने की कोशिश करें लेकिन उन्हें देश को तोड़ने वाली कोशिशों से बचना चाहिए.
- नरेंद्र सिंह राणा, प्रवक्ता भाजपा