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सोनभद्र हत्याकांड के सहारे योगी आदित्यनाथ को पटखनी दे पाएंगी प्रियंका गांधी !

सोनभद्र हत्याकांड मामले में प्रियंका गांधी ने जिस तरह से मुखरता दिखाई उससे कांग्रेस में नई जान आ गई है. इससे उत्साहित कांग्रेसियों ने योगी सरकार पर लगातार हमले करना शुरु कर दिया है. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सरकारी आवास छोड़कर जनता का दुख-दर्द पूछने के लिए लोगों के बीच जाना पड़ रहा है. इसके लिए पूरा श्रेय प्रियंका गांधी को जाता है.

प्रियंका गांधी के दबाव में झुकी योगी सरकार !
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Published : Jul 21, 2019, 8:16 PM IST

लखनऊ: सोनभद्र में जमीन के विवाद में हुई हत्याओं ने योगी सरकार को बैकफुट पर ला दिया है. सरकार को हालांकि समाजवादी पार्टी ने भी विधानसभा में घेरने की कोशिश की लेकिन कांग्रेसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोनभद्र की जमीन पर पहुंचकर योगी सरकार को गहरे संकट में डाल दिया. राजनीतिक बाजी हाथ से निकलते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोनभद्र की दौड़ लगानी पड़ी. कांग्रेसियों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहली बार अपना आवास छोड़कर जनता के बीच जाने के लिए मजबूर किया है.

प्रियंका गांधी के दबाव में झुकी योगी सरकार !
सोनभद्र हत्याकांड : प्रियंका बनाम योगी आदित्यनाथ
सोनभद्र हत्याकांड को सरकारी मशीनरी की नाकामी तो सभी लोग मान रहे हैं लेकिन प्रियंका गांधी के राजनीतिक दांव ने प्रदेश में विपक्ष का लगभग सफाया कर चुकी भाजपा को सकते में डाल दिया है. उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल सपा ने सोनभद्र हत्याकांड के बाद अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया. हैरत की बात यह है कि इस मंडल में तो अखिलेश यादव तो दूर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन जैसे लोगों का नाम भी शामिल नहीं किया गया. इसकी बजाय समाजवादी पार्टी ने आजम खान मामले में अहमद हसन की अगुवाई में जांच दल भेज दिया. यही नहीं इस कांड के बाद जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ से दिल्ली पहुंचे, उस वक्त प्रियंका गांधी दिल्ली से सीधे वाराणसी होते हुए सोनभद्र के लिए निकल पड़ीं. प्रियंका गांधी के इस कदम ने सोई हुई कांग्रेस में जान ला दी और समाजवादी पार्टी सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी हक्का-बक्का कर दिया.

सोनभद्र मामले में प्रदेश सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. साथ ही जब प्रियंका गांधी को पीड़ित परिजनों से मिलने से रोकने की कोशिश की गई. इससे योगी सरकार की विश्वसनीयता धूमिल हो गई. आज प्रियंका गांधी के दबाव में खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सोनभद्र जाना पड़ा और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने का ऐलान किया.
- सुरेंद्र सिंह राजपूत, पूर्व प्रवक्ता कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी के आरोपों से तिल मिलाई भारतीय जनता पार्टी सोनभद्र मामले में कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह लाश पर राजनीति कर रही है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को देश और प्रदेश निर्माण के लिए आगे आना चाहिए. प्रदेश सरकार अन्याय करने वालों के खिलाफ है और सोनभद्र मामले में भी सख्त कार्रवाई की गई है. कांग्रेस को इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए.

सोनभद्र मामले में सरकार ने आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की है. साथ ही पीड़ितों को मुआवजे का भी ऐलान किया है. इसके अलावा खुद सीएम योगी पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे. प्रियंका गांधी और कांग्रेस इस पूरे मामले को राजनीतिक बनाने का प्रयास कर रही है. प्रियंका गांधी दिल्ली छोड़ जमीन की राजनीति करें. कांग्रेस को बढ़ाने की कोशिश करें लेकिन उन्हें देश को तोड़ने वाली कोशिशों से बचना चाहिए.
- नरेंद्र सिंह राणा, प्रवक्ता भाजपा

लखनऊ: सोनभद्र में जमीन के विवाद में हुई हत्याओं ने योगी सरकार को बैकफुट पर ला दिया है. सरकार को हालांकि समाजवादी पार्टी ने भी विधानसभा में घेरने की कोशिश की लेकिन कांग्रेसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोनभद्र की जमीन पर पहुंचकर योगी सरकार को गहरे संकट में डाल दिया. राजनीतिक बाजी हाथ से निकलते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोनभद्र की दौड़ लगानी पड़ी. कांग्रेसियों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहली बार अपना आवास छोड़कर जनता के बीच जाने के लिए मजबूर किया है.

प्रियंका गांधी के दबाव में झुकी योगी सरकार !
सोनभद्र हत्याकांड : प्रियंका बनाम योगी आदित्यनाथ
सोनभद्र हत्याकांड को सरकारी मशीनरी की नाकामी तो सभी लोग मान रहे हैं लेकिन प्रियंका गांधी के राजनीतिक दांव ने प्रदेश में विपक्ष का लगभग सफाया कर चुकी भाजपा को सकते में डाल दिया है. उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल सपा ने सोनभद्र हत्याकांड के बाद अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया. हैरत की बात यह है कि इस मंडल में तो अखिलेश यादव तो दूर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन जैसे लोगों का नाम भी शामिल नहीं किया गया. इसकी बजाय समाजवादी पार्टी ने आजम खान मामले में अहमद हसन की अगुवाई में जांच दल भेज दिया. यही नहीं इस कांड के बाद जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ से दिल्ली पहुंचे, उस वक्त प्रियंका गांधी दिल्ली से सीधे वाराणसी होते हुए सोनभद्र के लिए निकल पड़ीं. प्रियंका गांधी के इस कदम ने सोई हुई कांग्रेस में जान ला दी और समाजवादी पार्टी सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी हक्का-बक्का कर दिया.

सोनभद्र मामले में प्रदेश सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. साथ ही जब प्रियंका गांधी को पीड़ित परिजनों से मिलने से रोकने की कोशिश की गई. इससे योगी सरकार की विश्वसनीयता धूमिल हो गई. आज प्रियंका गांधी के दबाव में खुद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ सोनभद्र जाना पड़ा और पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने का ऐलान किया.
- सुरेंद्र सिंह राजपूत, पूर्व प्रवक्ता कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी के आरोपों से तिल मिलाई भारतीय जनता पार्टी सोनभद्र मामले में कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह लाश पर राजनीति कर रही है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को देश और प्रदेश निर्माण के लिए आगे आना चाहिए. प्रदेश सरकार अन्याय करने वालों के खिलाफ है और सोनभद्र मामले में भी सख्त कार्रवाई की गई है. कांग्रेस को इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए.

सोनभद्र मामले में सरकार ने आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की है. साथ ही पीड़ितों को मुआवजे का भी ऐलान किया है. इसके अलावा खुद सीएम योगी पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे. प्रियंका गांधी और कांग्रेस इस पूरे मामले को राजनीतिक बनाने का प्रयास कर रही है. प्रियंका गांधी दिल्ली छोड़ जमीन की राजनीति करें. कांग्रेस को बढ़ाने की कोशिश करें लेकिन उन्हें देश को तोड़ने वाली कोशिशों से बचना चाहिए.
- नरेंद्र सिंह राणा, प्रवक्ता भाजपा

Intro:लखनऊ, सोनभद्र में जमीन के विवाद में हुई हत्याओं ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बैकफुट पर ला दिया है सरकार को हालांकि समाजवादी पार्टी ने भी विधानसभा में घेरने की कोशिश की लेकिन कांग्रेसी नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोनभद्र की जमीन पर पहुंचकर योगी सरकार को गहरे संकट में डाल दिया. राजनीतिक बाजी हाथ से निकलते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोनभद्र की दौड़ लगानी पड़ी और अब कांग्रेसी कह रहे हैं कि प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पहली बार अपना आवास छोड़कर जनता के बीच जाने के लिए मजबूर किया है.


Body:सोनभद्र हत्याकांड को सरकारी मशीनरी की नाकामी तो सभी लोग मान रहे हैं लेकिन प्रियंका गांधी के राजनीतिक दांव ने प्रदेश में विपक्ष का लगभग सफाया कर चुके भारतीय जनता पार्टी को आसमान से नीचे उतार दिया है उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सोनभद्र हत्याकांड के बाद अपना अब तक मंडल भेजे जाने का फैसला किया तो उसमें भी अखिलेश यादव तो दूर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन जैसे लोगों का नाम भी शामिल नहीं किया गया इसके बजाय समाजवादी पार्टी ने रामपुर में सरकारी कोप का शिकार बन रहे मोहम्मद आजम खान मामले में अपना पृथ्वी मंडल विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन की अगुवाई में भेजा. यही नहीं इस कांड के बाद जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ से दिल्ली पहुंचे तो प्रियंका गांधी दिल्ली से सीधे वाराणसी होते हुए सोनभद्र के लिए निकल पड़ी. प्रियंका गांधी के इस मूवमेंट ने सोई हुई कांग्रेस में जान ला दी और समाजवादी पार्टी सहित भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी हक्का-बक्का कर दिया. अब कांग्रेसका ही नहीं रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सरकारी आवास छोड़कर जनता का दुख दर्द पूछने के लिए लोगों के बीच जाना पड़ रहा है इसके लिए पूरा श्रेय प्रियंका गांधी को दिया जाना चाहिए.

बाइट/ सुरेंद्र सिंह राजपूत पूर्व प्रवक्ता कांग्रेस


Conclusion:कांग्रेस पार्टी के आरोपों से तिल मिलाई भारतीय जनता पार्टी सोनभद्र मामले में कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह लाश पर राजनीति कर रही है . भाजपा का कहना है कि कांग्रेस को देश और प्रदेश निर्माण के लिए आगे आना चाहिए . प्रदेश सरकार अन्याय करने वालों के खिलाफ है और सोनभद्र मामले में भी सख्त कार्रवाई की गई है कांग्रेस को इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए.

बाइट/ नरेंद्र सिंह राणा प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी

पीटीसी अखिलेश तिवारी
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