लखनऊ: प्रवासी श्रमिकों को लेकर योगी सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुलकर मैदान में आ गई हैं. यूपी सरकार ने फरमान जारी किया था कि कोई राज्य सरकार बिना यूपी सरकार की अनुमति के मजदूरों को नहीं बुला सकती.
सरकार के इस फरमान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने पूछा कि श्रमिकों की मदद करने के बजाय यूपी सरकार का एक हैरतअंगेज फैसला आ गया कि श्रमिकों को उनकी अनुमति के बिना कोई श्रम के लिए नहीं ले सकेगा.
क्या सरकार श्रम को बंधुआ बनाएगी? क्या सरकार श्रमिकों से उनके संवैधानिक अधिकार को ख़त्म करना चाहती है?
प्रियंका ने ट्वीट करते हुए कहा कि श्रमिकों के मुद्दे को संवेदना के साथ हल करना होगा. इसके लिए हम सब राजनीति को परे रखके मदद करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अंहकार व राजनीति से उनकी समस्याओं को और बढ़ाने के इस प्रयास को हम सफल नहीं होने देंगे.
वहीं प्रियंका के ट्वीट के बाद यूपी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंतित है. सरकार हर वो कदम उठा रही है, जिससे श्रमिक सम्मान के साथ जीवन-यापन कर सकें.
इससे पहले कर्नाटक कांग्रेस ने कहा था कि उत्तर प्रदेश योगी सरकार की निजी संपत्ति नहीं है. कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के लोगों को काम पर रखे जाने से रोकने का योगी सरकार का कदम अंसवैधानिक है और आवाजाही की स्वतत्रंता के अधिकार के खिलाफ है. उन्होंने कहा, 'श्री योगी, कृपया ध्यान दें कि उत्तर प्रदेश आपकी सरकार की निजी संपत्ति नहीं है.