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लखनऊः निजी लैब ने दी गलत कोरोना रिपोर्ट, पूरा परिवार हुआ परेशान

राजधानी में निजी पैथोलॉजी द्वारा कोरोना की गलत रिपोर्ट देने का मामला समाने आया है. पीड़ित परिवार ने बतााया कि इस दौरान उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा.

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कोरोना की गलत रिपोर्ट
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Published : May 11, 2020, 4:40 PM IST

लखनऊ: प्रदेश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कोराना से बचाव को लेकर सरकार ने तमाम कदम उठाए. कोरोना संक्रमण की जांच कर रही कई निजी पैथोलॉजी द्वारा कोरोना की गलत टेस्टिंग का मामला सामने आया है.

एक परिवार ने बताया कि उनकी बेटा और बेटी दोनों देहरादून से आए हैं. बेटी बाहर ही पढ़ाई कर रही है. होली के त्यौहार के दौरान उनकी बेटी लखनऊ आयी और लॉकडाउन की वजह से वापस नहीं जा पाई.

पैथोलॉजी ने दिया गलत रिपोर्ट
इस बीच उसको कुछ स्वास्थ्य समस्या महसूस हुई. इसके बाद उसको निजी अस्पताल में दिखाया गया. जहां डॉक्टरों द्वारा कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसका निजी पैथोलॉजी के द्वारा टेस्ट कराया गया. निजी पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट में बेटी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव बताई गई.

रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पर पहुंची. घर में मौजूद सभी पांच लोगों के सैंपल लिए गए. जांच रिपोर्ट में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई.

मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुआ परिवार
ईटीवी भारत से बात करते हुए परिजनों ने बताया कि निजी पैथोलॉजी द्वारा कोरोना पॉजिटिव बताने पर बेटी को स्वास्थ विभाग की टीम ने केजीएमयू में भेज दिया. जहां पर उसका दो बार कोरोना वायरस टेस्ट हुआ. बेटी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद केजीएमयू की टीम ने बेटी को डिस्चार्ज करके घर में ही होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी.

परिवार ने बताया कि इस दौरान उन्हें काफी मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी. हालात ऐसे हो गया कि लोगों ने बातचीत तक बंद कर दी थी. घर में कई दिन खाना तक नहीं बना.

जल्द की जाएगी कार्रवाई
इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यदि आवश्यक दिशा निर्देश का पालन किसी निजी पैथोलॉजी ने नहीं किया तो उस पैथोलॉजी पर कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: प्रदेश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. कोराना से बचाव को लेकर सरकार ने तमाम कदम उठाए. कोरोना संक्रमण की जांच कर रही कई निजी पैथोलॉजी द्वारा कोरोना की गलत टेस्टिंग का मामला सामने आया है.

एक परिवार ने बताया कि उनकी बेटा और बेटी दोनों देहरादून से आए हैं. बेटी बाहर ही पढ़ाई कर रही है. होली के त्यौहार के दौरान उनकी बेटी लखनऊ आयी और लॉकडाउन की वजह से वापस नहीं जा पाई.

पैथोलॉजी ने दिया गलत रिपोर्ट
इस बीच उसको कुछ स्वास्थ्य समस्या महसूस हुई. इसके बाद उसको निजी अस्पताल में दिखाया गया. जहां डॉक्टरों द्वारा कोरोना संदिग्ध मानते हुए उसका निजी पैथोलॉजी के द्वारा टेस्ट कराया गया. निजी पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट में बेटी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव बताई गई.

रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पर पहुंची. घर में मौजूद सभी पांच लोगों के सैंपल लिए गए. जांच रिपोर्ट में सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई.

मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुआ परिवार
ईटीवी भारत से बात करते हुए परिजनों ने बताया कि निजी पैथोलॉजी द्वारा कोरोना पॉजिटिव बताने पर बेटी को स्वास्थ विभाग की टीम ने केजीएमयू में भेज दिया. जहां पर उसका दो बार कोरोना वायरस टेस्ट हुआ. बेटी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद केजीएमयू की टीम ने बेटी को डिस्चार्ज करके घर में ही होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी.

परिवार ने बताया कि इस दौरान उन्हें काफी मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी. हालात ऐसे हो गया कि लोगों ने बातचीत तक बंद कर दी थी. घर में कई दिन खाना तक नहीं बना.

जल्द की जाएगी कार्रवाई
इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यदि आवश्यक दिशा निर्देश का पालन किसी निजी पैथोलॉजी ने नहीं किया तो उस पैथोलॉजी पर कार्रवाई की जाएगी.

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