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प्रदेश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़ेंगे निजी अस्पताल, मिलेगी ये सुविधा - इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी

यूपी में अब बड़े निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) से जोड़ने की मुहिम चलेगी. इसके लिए पहले इलाज के पैकेजों के रेट बढ़ाए गए और अब ग्रीन चैनल व्यवस्था लागू की गई है. इसके तहत बेदाग छवि वाले अस्पतालों को किसी मरीज के इलाज के बाद क्लेम की धनराशि का 50 फीसदी एडवांस दे दी जाएगी.

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Published : Nov 29, 2022, 5:33 PM IST

लखनऊ : यूपी में अब बड़े निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) से जोड़ने की मुहिम चलेगी. इसके लिए पहले इलाज के पैकेजों के रेट बढ़ाए गए और अब ग्रीन चैनल व्यवस्था लागू की गई है. इसके तहत बेदाग छवि वाले अस्पतालों को किसी मरीज के इलाज के बाद क्लेम की धनराशि का 50 फीसदी एडवांस दे दी जाएगी. बाकी राशि जांच के बाद जारी होगी. प्रदेश में 56 ऐसे अस्पताल चिन्हित किए गए हैं.

इस योजना के तहत सरकार तमाम गरीबों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है. ऐसे तो प्रदेश के करीब तीन हजार अस्पताल इस योजना से जुड़ चुके हैं, मगर इनमें बड़ी संख्या सरकारी अस्पतालों की है. अभी भी तमाम बड़े अस्पताल योजना का हिस्सा नहीं हैं. उनकी शिकायत है कि क्लेम का भुगतान होने में काफी समय लग जाता है. दरअसल, हर क्लेम की कई स्तर पर जांच होती है. नोडल एजेंसी सांचीज ने पूरे यूपी को चार क्लस्टर में बांट रखा है. अस्पताल से भेजा गया हर क्लेम पहले आईएसए (इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी) के पास जाता है. उनके ऑडिट के बाद इसे सांचीज को भेजा जाता है, फिर वहां ऑडिट के बाद ही भुगतान किया जाता है. इस प्रक्रिया में एक महीना या उससे ज्यादा का समय भी लग जाता है. जिनकी छवि अच्छी है, उन्हें क्लेम की राशि का 50 फीसदी एडवांस मिल जाएगा. उसके बाद सांचीज के ऑडिट के बाद बाकी बची राशि भी अस्पताल को ट्रांसफर कर दी जाएगी.

लखनऊ : यूपी में अब बड़े निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) से जोड़ने की मुहिम चलेगी. इसके लिए पहले इलाज के पैकेजों के रेट बढ़ाए गए और अब ग्रीन चैनल व्यवस्था लागू की गई है. इसके तहत बेदाग छवि वाले अस्पतालों को किसी मरीज के इलाज के बाद क्लेम की धनराशि का 50 फीसदी एडवांस दे दी जाएगी. बाकी राशि जांच के बाद जारी होगी. प्रदेश में 56 ऐसे अस्पताल चिन्हित किए गए हैं.

इस योजना के तहत सरकार तमाम गरीबों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है. ऐसे तो प्रदेश के करीब तीन हजार अस्पताल इस योजना से जुड़ चुके हैं, मगर इनमें बड़ी संख्या सरकारी अस्पतालों की है. अभी भी तमाम बड़े अस्पताल योजना का हिस्सा नहीं हैं. उनकी शिकायत है कि क्लेम का भुगतान होने में काफी समय लग जाता है. दरअसल, हर क्लेम की कई स्तर पर जांच होती है. नोडल एजेंसी सांचीज ने पूरे यूपी को चार क्लस्टर में बांट रखा है. अस्पताल से भेजा गया हर क्लेम पहले आईएसए (इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी) के पास जाता है. उनके ऑडिट के बाद इसे सांचीज को भेजा जाता है, फिर वहां ऑडिट के बाद ही भुगतान किया जाता है. इस प्रक्रिया में एक महीना या उससे ज्यादा का समय भी लग जाता है. जिनकी छवि अच्छी है, उन्हें क्लेम की राशि का 50 फीसदी एडवांस मिल जाएगा. उसके बाद सांचीज के ऑडिट के बाद बाकी बची राशि भी अस्पताल को ट्रांसफर कर दी जाएगी.

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