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यूपी की जेलों में बंद कैदियों को लगेगी कोरोना वैक्सीन - उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले

उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को वैक्सीन लगाए जाने के संबंध में राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं.

जिला कारागार लखनऊ.
जिला कारागार लखनऊ.
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Published : Mar 17, 2021, 11:46 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जेल में बंद कैदियों को भी कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी. विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को वैक्सीन लगाए जाने के संबंध में राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं.

आयोग ने बंदियों के टीकाकरण के संबंध में की गई कार्रवाई के पश्चात अपनी संकलित आख्या को 4 सप्ताह में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं. आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति केपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जेलों में ऐसे कितने पात्र बंदीगण हैं और उनमें से कितनों का प्रथम और कितने का दूसरी बार टीकाकरण किया जा चुका है. इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है.

उन्होंने बताया कि आयोग ने माना है कि प्रदेश के विभिन्न जेलों में निर्धारित संख्या से अधिक मात्रा में बंदी हैं. कोरोना वायरस से बचाव के लिए 60 से अधिक एवं 45 से 60 वर्ष के बीच गंभीर बीमारियों से ग्रसित बंदियों का टीकाकरण कराया जाना न केवल आवश्यक है बल्कि उनके जीवन का मूल मानवाधिकार भी है.


इसे भी पढ़ें- जमीन विवाद में फायरिंग, 3 साल के बच्चे को लगी गोली

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जेल में बंद कैदियों को भी कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी. विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को वैक्सीन लगाए जाने के संबंध में राज्य मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं.

आयोग ने बंदियों के टीकाकरण के संबंध में की गई कार्रवाई के पश्चात अपनी संकलित आख्या को 4 सप्ताह में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं. आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति केपी सिंह ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जेलों में ऐसे कितने पात्र बंदीगण हैं और उनमें से कितनों का प्रथम और कितने का दूसरी बार टीकाकरण किया जा चुका है. इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है.

उन्होंने बताया कि आयोग ने माना है कि प्रदेश के विभिन्न जेलों में निर्धारित संख्या से अधिक मात्रा में बंदी हैं. कोरोना वायरस से बचाव के लिए 60 से अधिक एवं 45 से 60 वर्ष के बीच गंभीर बीमारियों से ग्रसित बंदियों का टीकाकरण कराया जाना न केवल आवश्यक है बल्कि उनके जीवन का मूल मानवाधिकार भी है.


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