लखनऊ : चेक बाउंस मामले में जेल में सजा काट रहे मोहम्मद आमिर की लखनऊ के बलरामपुर हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत (treatment in balrampur hospital in lucknow) हो गई है. मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से मोहम्मद आमिर की मौत हुई है. मृतक आमिर को 19 अगस्त को जेल में बंद किया गया था और इसी महीने की 29 दिसंबर को उसकी सजा पूरी हो रही थी.
परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मृतक की बहन का कहना है कि जेल में बंद उनके भाई आमिर की तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था. मृतक की बहन फरजाना का कहना है कि उनके भाई को अगस्त महीने में जेल में बंद किया गया था तब से लगातार जेल प्रशासन उनके भाई को टॉर्चर कर रहा था. इसकी जानकारी उनके भाई ने दी थी. मृतक की बहन फरजाना ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जेलर ने उन्हें फोन पर बताया कि मोहम्मद आमिर बलरामपुर हॉस्पिटल में एडमिट है. इसके बाद वह लोग बलरामपुर हॉस्पिटल मिलने के लिए पहुंचे, लेकिन उनका आरोप है कि यहां पर डॉक्टरों ने आमिर के एडमिट होने से मना कर दिया. घंटों बाद उन्हें उनके भाई की डेड बॉडी दिखाई गई.
मृतक की बहन फरजाना का कहना है कि जमीन खरीदारी को लेकर वकील केके तिवारी को 50 हजार रुपयों का चेक दिया था, जिसमें 30 हजार कैश दे दिए गए थे, बकाया 20 हजार जल्द देने का वादा किया था. इसके बावजूद केके तिवारी ने मेरे भाई के खिलाफ केस करवा कर जेल में बंद करवा दिया.
इस मामले में वजीरगंज थाना इंस्पेक्टर मनोज कुमार मिश्रा का कहना है कि परिजनों द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं उनकी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि कार्रवाई की जा रही है जरूरत पड़ेगी तो मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा जाएगा.
यह भी पढ़ें : आरएलडी ने कहा, जिन्हें खुद के डीएनए पर शक वही दूसरों पर जताते हैं अविश्वास