ETV Bharat / state

निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में करें पूरा: प्रमुख सचिव नितिन रमेश - लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण

राजधानी लखनऊ में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें. निर्माण कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी दशा में माफ नहीं किया जाएगा.

परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करें.
author img

By

Published : Nov 23, 2019, 3:10 AM IST

लखनऊ: राजधानी में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि आप लोग निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूरा करें.
रमेश गोकर्ण ने कहा कि निर्माण कार्यों में लापरवाही या हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी दशा में माफ नहीं किया जायेगा. गोकर्ण शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उप्र निर्माण निगम द्वारा कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
167 परियोजनाएं हुई पूरी
समीक्षा के दौरान निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक यूके गहलौत द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019-20 में 1,713 परियोजनाओं पर सक्रिय कार्य हैं, जिसमें 482 परियोजनाएं यूपी के बाहर की और 1,231 परियोजनाएं यूपी के अन्दर की हैं. उन्होंने बताया कि 1,546 कार्य प्रगति पर हैं और 167 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं. 742 परियोजनाओं पर 75 प्रतिशत से अधिक कार्य हो गए हैं.

31 मार्च तक अधूरे कार्य हर हाल में कर लिए जाएं पूरे
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि 75 प्रतिशत पूर्ण हुए कार्य 31 मार्च तक हर हाल में पूरा करा लिया जाय. उन्होंने कहा कि कार्यों की पूरी रिपोर्ट दी जाए. जहां पैसे की कमी है, उसकी डिमान्ड की जाए. सभी परियोजनाओं की धनराशि मुख्यालय से ही रिलीज की जाएगी.

प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन 159 परियोजनाओं के पुनरीक्षित आगणन आने हैं. उसके सापेक्ष कार्य समय से हुए या नहीं और जिनमें पैसे के अभाव में विलम्ब हुआ, कितने दिनों से विलम्ब हुआ, इसकी रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह में दी जाए. बैठक में बताया गया कि सबसे अधिक धनराशि चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने किया सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि काॅनकरेन्ट आडिट का कार्य धीमा है. इसे शीघ्र पूरा किया जाय. ऑडिट में कहीं गड़बड़ी पाई गई तो सम्बन्धित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा. उन्होने कहा कि सभी ऑडिट रिपोर्ट, ऑडिट कराकर शासन को भेजी जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी साइटों पर बायोमेट्रिक मशीनें लग जानी चाहिए. 1 दिसम्बर तक सब जगह यह मशीन नहीं लगी तो किसी भी दशा में वेतन आहरित नहीं किया जाएगा.

प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि जो परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, उन्हें सम्बन्धित विभागों को 15 दिसम्बर तक अनिवार्य रूप से हैण्डओवर कर दिया जाय. उन्होने यह भी निर्देश दिए कि हर परियोजना के कार्याें की गुणवत्ता रिपोर्ट हर महीने की 07 तारीख तक उपलब्ध कराई जाए.

प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन परियोजना की गुणवत्ता रिपोर्ट नहीं आयी है, उनके प्रोजेक्ट मैनेजरों को चेतावनी जारी की जाए. जहां से क्वालिटी टेस्ट रिपोर्ट समय से नहीं आएगी, वहां के अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होने कहा कि किसी भी परियोजना के पूरा करने में किसी प्रकार की समस्या आ रही हो तो उसे तुरन्त संज्ञानित कराया जाए. प्रबन्ध निदेशक यूपीआरएनएन ने बताया कि इस समय उ0प्र0 के 40 विभागों के कार्य निगम द्वारा कराए जा रहे हैं.

लखनऊ: राजधानी में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि आप लोग निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूरा करें.
रमेश गोकर्ण ने कहा कि निर्माण कार्यों में लापरवाही या हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी दशा में माफ नहीं किया जायेगा. गोकर्ण शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उप्र निर्माण निगम द्वारा कराए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
167 परियोजनाएं हुई पूरी
समीक्षा के दौरान निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक यूके गहलौत द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019-20 में 1,713 परियोजनाओं पर सक्रिय कार्य हैं, जिसमें 482 परियोजनाएं यूपी के बाहर की और 1,231 परियोजनाएं यूपी के अन्दर की हैं. उन्होंने बताया कि 1,546 कार्य प्रगति पर हैं और 167 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं. 742 परियोजनाओं पर 75 प्रतिशत से अधिक कार्य हो गए हैं.

31 मार्च तक अधूरे कार्य हर हाल में कर लिए जाएं पूरे
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि 75 प्रतिशत पूर्ण हुए कार्य 31 मार्च तक हर हाल में पूरा करा लिया जाय. उन्होंने कहा कि कार्यों की पूरी रिपोर्ट दी जाए. जहां पैसे की कमी है, उसकी डिमान्ड की जाए. सभी परियोजनाओं की धनराशि मुख्यालय से ही रिलीज की जाएगी.

प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन 159 परियोजनाओं के पुनरीक्षित आगणन आने हैं. उसके सापेक्ष कार्य समय से हुए या नहीं और जिनमें पैसे के अभाव में विलम्ब हुआ, कितने दिनों से विलम्ब हुआ, इसकी रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह में दी जाए. बैठक में बताया गया कि सबसे अधिक धनराशि चिकित्सा शिक्षा विभाग को दिए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- बदायूं: डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने किया सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि काॅनकरेन्ट आडिट का कार्य धीमा है. इसे शीघ्र पूरा किया जाय. ऑडिट में कहीं गड़बड़ी पाई गई तो सम्बन्धित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा. उन्होने कहा कि सभी ऑडिट रिपोर्ट, ऑडिट कराकर शासन को भेजी जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी साइटों पर बायोमेट्रिक मशीनें लग जानी चाहिए. 1 दिसम्बर तक सब जगह यह मशीन नहीं लगी तो किसी भी दशा में वेतन आहरित नहीं किया जाएगा.

प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि जो परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, उन्हें सम्बन्धित विभागों को 15 दिसम्बर तक अनिवार्य रूप से हैण्डओवर कर दिया जाय. उन्होने यह भी निर्देश दिए कि हर परियोजना के कार्याें की गुणवत्ता रिपोर्ट हर महीने की 07 तारीख तक उपलब्ध कराई जाए.

प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन परियोजना की गुणवत्ता रिपोर्ट नहीं आयी है, उनके प्रोजेक्ट मैनेजरों को चेतावनी जारी की जाए. जहां से क्वालिटी टेस्ट रिपोर्ट समय से नहीं आएगी, वहां के अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होने कहा कि किसी भी परियोजना के पूरा करने में किसी प्रकार की समस्या आ रही हो तो उसे तुरन्त संज्ञानित कराया जाए. प्रबन्ध निदेशक यूपीआरएनएन ने बताया कि इस समय उ0प्र0 के 40 विभागों के कार्य निगम द्वारा कराए जा रहे हैं.

Intro:Wrap


लखनऊ। प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि वह निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूर्ण करें।
उन्होने जारी बयान में कहा कि निर्माण कार्यों में लापरवाही या हीलाहवाली करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी भी दशा में माफ नहीं किया जायेगा। गोकर्ण आज यहाॅ जनपथ (सचिवालय) में, आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उप्र निर्माण निगम द्वारा कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।



Body:समीक्षा के दौरान निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक यूके गहलौत द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019-20 में 1713 परियोजनाओं पर सक्रिय कार्य हैं, जिसमें 482 परियोजनाएं उ0प्र0 के बाहर की और 1231 परियोजनाएं उ0प्र0 के अन्दर की हैं। उन्होने बताया कि 1546 कार्य प्रगति पर हैं और 167 परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं। 742 परियोजनाओं पर 75 प्रतिशत से अधिक के कार्य हो गये हैं।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि 75 प्रतिशत पूर्ण हुए कार्य 31 मार्च तक हर हाल में पूरे करा लिये जांय। उन्होने कहा कि जिन कार्यों में पुनरीक्षित आगणन आने हैं उनके आगणन तत्काल दिये जाॅय। उन्होने कहा कि कार्यों की पूरी स्टैटस रिपोर्ट दी जाय, जहाॅ पैसे की कमी है उसकी डिमान्ड की जाय। उन्होने निर्देश दिये सभी परियोजनाओं की धनराशि मुख्यालय से ही रिलीज की जायेगी। उन्होने कहा कि जिन 159 परियोजनाओं के पुनरीक्षित आगणन आने हैं उनके बारे में विभागवार यह भी अवगत कराया जाय कि जितना पैसा रिलीज हुआ था, उसके सापेक्ष कार्य समय से हुये या नहीं और जिनमें पैसे के अभाव में विलम्ब हुआ, कितने दिनों से विलम्ब हुआ। इसकी रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह में दी जाय। बैठक में बताया गया कि सबसे अधिक धनराशि के कार्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के कराये जा रहे हैं।
Conclusion:प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि काॅनकरेन्ट आडिट का कार्य धीमा है। इसे शीघ्र पूरा किया जाय, आडिट में कहीं गड़बड़ी पायी गयी तो सम्बन्धित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जायेगा। उन्होने कहा कि सभी आडिट रिपोर्ट, आडिट कराकर शासन को भेजी जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी साइटों पर बायोमेट्रिक मशीनें लग जानी चाहिए। 01 दिसम्बर तक सब जगह यह मशीन नहीं लगी तो किसी भी दशा में वेतन आहरित नहीं किया जायेगा। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जो परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं उन्हे सम्बन्धित विभागों को 15 दिसम्बर तक अनिवार्य रूप से हैण्डओवर कर दिया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि हर परियोजना के कार्याें की गुणवत्ता रिपोर्ट हर महीने की 07 तारीख तक उपलब्ध करायी जाय।
प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन परियोजना की गुणवत्ता रिपोर्ट नहीं आयी है उनके प्रोजेक्ट मैनेजरों को चेतावनी जारी की जाय। जहाॅ से क्वालिटी टेस्ट रिपोर्ट समय से नहीं आयेगी वहाॅ के अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि किसी भी परियोजना के पूरा करने में किसी प्रकार की समस्या आ रही हो तो उसे तुरन्त संज्ञानित कराया जाय। प्रबन्ध निदेशक यूपीआरएनएन ने बताया कि इस समय उ0प्र0 के 40 विभागों के कार्य निगम द्वारा कराये जा रहे हैं।

धीरज त्रिपाठी
9453099555

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.