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सरकारी अधिवक्ता के पेश न होने पर प्रमुख सचिव पर्यावरण तलब

यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने डा. सुरेंद्र कुमार व अन्य की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका साल 2015 में दाखिल की गई थी.

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Published : Sep 13, 2022, 12:12 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदूषण रोकने की मांग को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार (State government) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) की ओर से किसी सरकारी अधिवक्ता के पेश न होने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए, पर्यावरण विभाग (environment department) के प्रमुख सचिव और चेयरमैन को 20 सितम्बर को हाजिर होने का आदेश दिया है.


यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने डा. सुरेंद्र कुमार व अन्य की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका साल 2015 में दाखिल की गई थी. इसमें पर्यावरण से जुड़े मुद्दे को उठाया गया है. याचिका पर कोर्ट के पूर्व आदेश के अनुपालन में प्रति शपथ पत्र और प्रत्युत्तर दाखिल हो चुका है. मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए नियत था. जब केस सुनवाई के लिए आया तो कोई भी सरकारी अधिवक्ता बहस के लिए पेश नहीं हुआ. इस पर न्यायालय ने सख्त रूख अपनाते हुए उपरोक्त आदेश दिया.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदूषण रोकने की मांग को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार (State government) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board) की ओर से किसी सरकारी अधिवक्ता के पेश न होने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए, पर्यावरण विभाग (environment department) के प्रमुख सचिव और चेयरमैन को 20 सितम्बर को हाजिर होने का आदेश दिया है.


यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने डा. सुरेंद्र कुमार व अन्य की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका साल 2015 में दाखिल की गई थी. इसमें पर्यावरण से जुड़े मुद्दे को उठाया गया है. याचिका पर कोर्ट के पूर्व आदेश के अनुपालन में प्रति शपथ पत्र और प्रत्युत्तर दाखिल हो चुका है. मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए नियत था. जब केस सुनवाई के लिए आया तो कोई भी सरकारी अधिवक्ता बहस के लिए पेश नहीं हुआ. इस पर न्यायालय ने सख्त रूख अपनाते हुए उपरोक्त आदेश दिया.

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