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वाराणसी स्थित जैन तीर्थ चंद्रप्रभु की जन्मस्थली के विकास के लिए मिले 19 करोड़ रुपये

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Published : Apr 20, 2023, 6:24 PM IST

पर्यटन को बढ़ावा देने की कड़ी में उत्तर प्रदेश के विभिन्न धार्मिक और पौराणिक स्थलों को सजाया संवारा जा रहा है. इसी के तहत वाराणसी में स्थित जैन तीर्थंकर चंद्र प्रभु जन्मस्थली चंद्रावती का भी विकास किया जाएगा. इसके लिए 19.78 करोड़ रुपये बजट की मंजूरी प्रदान मिल गई है.

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लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित जैन तीर्थंकर चंद्र प्रभु जन्मस्थली चंद्रावती का विकास पर्यटन विभाग की ओर से कराया जाएगा. इसके लिए विभाग ने 19.78 करोड़ रुपये बजट की मंजूरी प्रदान कर दी है. इस धनराशि का प्रयोग मंदिर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के पर्यटन विकास कार्य घाटों का निर्माण पाथवे का निर्माण व हाई मास्ट लाइट आदि विकास कार्य मंदिर परिसर में कराया जाएगा.

ज्ञात हो कि इस तीर्थ के इतिहास अनुसार चंद्रावती का नाम जैन के आठवें तीर्थंकर चंद्र प्रभु का जन्मस्थली है. यहां पर श्वेतांबर और दिगंबर पंथ का मंदिर है. जहां पर देश-विदेश के जैन श्रद्धालु हजारों की संख्या में यहां दर्शन के लिए आते हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी धार्मिक व पौराणिक स्थलों का निर्माण कराए जा रहे हैं.


प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मिश्रा की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रदेश में स्थित धार्मिक और पौराणिक स्थलों के निर्माण कार्य काम तेजी से चल रहे हैं. इसी कड़ी में बनारस स्थित जैन तीर्थंकर चंद्र प्रभु जन्मस्थली चंद्रावती का विकास कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि इस तीर्थ का उल्लेख आचार्य जैन प्रभु सूरीश्वर द्वारा लिखित विविध तीर्थ कल्प, जैन शास्त्रों और कई तीर्थंकरों में मिलता है. भगवान ने अपने जीवन के कुछ पल गुजारे हैं. इसलिए इस स्थान का महत्व काफी अधिक है. प्रमुख सचिव ने बताया कि यहां महासेना नाम के राजा का शासन था, उनकी रानी ने अनुराधा नक्षत्र में पुत्र को जन्म दिया. गर्भावस्था के दौरान रानी को "चंद्र" (चंद्रमा) की लालसा थी. इसलिए बेटे का नाम चंद्रप्रभु रखा गया.

यह भी पढ़ें : गर्मी से राहत की उम्मीद, उत्तर प्रदेश के इन जिलों में बारिश के आसार

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित जैन तीर्थंकर चंद्र प्रभु जन्मस्थली चंद्रावती का विकास पर्यटन विभाग की ओर से कराया जाएगा. इसके लिए विभाग ने 19.78 करोड़ रुपये बजट की मंजूरी प्रदान कर दी है. इस धनराशि का प्रयोग मंदिर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के पर्यटन विकास कार्य घाटों का निर्माण पाथवे का निर्माण व हाई मास्ट लाइट आदि विकास कार्य मंदिर परिसर में कराया जाएगा.

ज्ञात हो कि इस तीर्थ के इतिहास अनुसार चंद्रावती का नाम जैन के आठवें तीर्थंकर चंद्र प्रभु का जन्मस्थली है. यहां पर श्वेतांबर और दिगंबर पंथ का मंदिर है. जहां पर देश-विदेश के जैन श्रद्धालु हजारों की संख्या में यहां दर्शन के लिए आते हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी धार्मिक व पौराणिक स्थलों का निर्माण कराए जा रहे हैं.


प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मिश्रा की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रदेश में स्थित धार्मिक और पौराणिक स्थलों के निर्माण कार्य काम तेजी से चल रहे हैं. इसी कड़ी में बनारस स्थित जैन तीर्थंकर चंद्र प्रभु जन्मस्थली चंद्रावती का विकास कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि इस तीर्थ का उल्लेख आचार्य जैन प्रभु सूरीश्वर द्वारा लिखित विविध तीर्थ कल्प, जैन शास्त्रों और कई तीर्थंकरों में मिलता है. भगवान ने अपने जीवन के कुछ पल गुजारे हैं. इसलिए इस स्थान का महत्व काफी अधिक है. प्रमुख सचिव ने बताया कि यहां महासेना नाम के राजा का शासन था, उनकी रानी ने अनुराधा नक्षत्र में पुत्र को जन्म दिया. गर्भावस्था के दौरान रानी को "चंद्र" (चंद्रमा) की लालसा थी. इसलिए बेटे का नाम चंद्रप्रभु रखा गया.

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