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बाल विकास पुष्टाहार की भर्तियों पर रोक, जमा फीस होगी वापस

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Published : Feb 16, 2021, 7:06 AM IST

यूपी के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में पूर्व में निकाली गई भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है. वहीं आवेदकों की फीस भी उन्हें वापस लौटा दी जाएगी. इस आदेश की प्रति उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी है.

बाल विकास पुष्टाहार की भर्तियों पर रोक.
बाल विकास पुष्टाहार की भर्तियों पर रोक.

लखनऊ : यूपी में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में निकाली गई भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है. यह जानकारी निदेशक डॉक्टर सारिका मोहन ने दी है. निदेशक ने बताया कि सन 2006, 2009 एवं 2011 में कनिष्ठ लिपिक एवं सहायक लिपिक की भर्तियां निकाली गई थीं. इन सभी विज्ञापनों को निदेशालय द्वारा 14 फरवरी को निरस्त कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आवेदकों द्वारा जमा की गई थी उन्हें वापस लौटा दी जाएगी. इस आदेश की प्रति उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी है.

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की निदेशक डॉक्टर सारिका मोहन ने बताया कि विभाग के जारी पत्र 30 जनवरी 2015 द्वारा रिक्त कनिष्ठ सहायक के 780 पदों का अधूरापन सचिव, अधीनस्थ सेवा चयन, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा बताया गया है. उन्होंने बताया कि सन 2005 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का विज्ञापन 24 नवंबर 2006 को निकाला गया था. जिसमें 100 अनुसूचित जाति, 125 अन्य पिछड़ा वर्ग एवं 214 सामान पदों पर नियुक्तियां निकाली गई थीं. उन्होंने कहा कि आयोग के अस्तित्व में न रहने के कारण शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया है. डॉक्टर सारिका ने बताया कि वर्ष 2009 में विभाग में 108 अनुसूचित जाति, 10 अनुसूचित जनजाति, 139 अन्य पिछड़ा वर्ग और 257 समान पदों को भरे जाने के लिए विज्ञापन 12 जनवरी 2009 में निकाला गया था. 15 मार्च 2012 में भर्तियों पर रोक लगा दी गई, जिसकी वजह से इन भर्तियों पर आगे कार्रवाई नहीं की जा सकी.

आवेदकों की फीस की जाएगी वापस
आयोग के निदेशक डॉक्टर सारिका मोहन ने बताया कि उक्त पदों पर जरूरी एजुकेशन योग्यता, चयन प्रक्रिया तथा आरक्षण इत्यादि बदले जा चुके हैं. शासन के पत्र 30 दिसंबर 2020 द्वारा दी गई अनुमति के क्रम में निरस्त की गई भर्ती में आवेदन करने वाले अभ्यार्थियों की जमा राशि उन्हें उनके बैंक खाते में वापस की जाएगी. इसके लिए अभ्यर्थियों को जरूरी कागजात दिखाने पड़ेंगे.

लखनऊ : यूपी में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में निकाली गई भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है. यह जानकारी निदेशक डॉक्टर सारिका मोहन ने दी है. निदेशक ने बताया कि सन 2006, 2009 एवं 2011 में कनिष्ठ लिपिक एवं सहायक लिपिक की भर्तियां निकाली गई थीं. इन सभी विज्ञापनों को निदेशालय द्वारा 14 फरवरी को निरस्त कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आवेदकों द्वारा जमा की गई थी उन्हें वापस लौटा दी जाएगी. इस आदेश की प्रति उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की जा चुकी है.

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की निदेशक डॉक्टर सारिका मोहन ने बताया कि विभाग के जारी पत्र 30 जनवरी 2015 द्वारा रिक्त कनिष्ठ सहायक के 780 पदों का अधूरापन सचिव, अधीनस्थ सेवा चयन, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा बताया गया है. उन्होंने बताया कि सन 2005 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का विज्ञापन 24 नवंबर 2006 को निकाला गया था. जिसमें 100 अनुसूचित जाति, 125 अन्य पिछड़ा वर्ग एवं 214 सामान पदों पर नियुक्तियां निकाली गई थीं. उन्होंने कहा कि आयोग के अस्तित्व में न रहने के कारण शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया है. डॉक्टर सारिका ने बताया कि वर्ष 2009 में विभाग में 108 अनुसूचित जाति, 10 अनुसूचित जनजाति, 139 अन्य पिछड़ा वर्ग और 257 समान पदों को भरे जाने के लिए विज्ञापन 12 जनवरी 2009 में निकाला गया था. 15 मार्च 2012 में भर्तियों पर रोक लगा दी गई, जिसकी वजह से इन भर्तियों पर आगे कार्रवाई नहीं की जा सकी.

आवेदकों की फीस की जाएगी वापस
आयोग के निदेशक डॉक्टर सारिका मोहन ने बताया कि उक्त पदों पर जरूरी एजुकेशन योग्यता, चयन प्रक्रिया तथा आरक्षण इत्यादि बदले जा चुके हैं. शासन के पत्र 30 दिसंबर 2020 द्वारा दी गई अनुमति के क्रम में निरस्त की गई भर्ती में आवेदन करने वाले अभ्यार्थियों की जमा राशि उन्हें उनके बैंक खाते में वापस की जाएगी. इसके लिए अभ्यर्थियों को जरूरी कागजात दिखाने पड़ेंगे.

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