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World Diabetes Day 2021: जवानी में मीठा जहर घुलने से रोकें, दिनचर्या में इस तरह लाएं बदलाव - prevention of diabetes

हर साल डायबिटीज से जागरुकता के लिए नवंबर दूसरे सप्ताह में वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है. आजकल के समय में डायबिटीज का मुख्य कारण अनियमित जीवन शैली और खानपान है. हर साल वर्ल्ड डायबिटीज डे पर एक थीम होती है, इस बार की थीम है- 'डायबिटीज केयर तक पहुंच अगर अभी नहीं तो कब ?'.

वर्ल्ड डायबिटीज डे
वर्ल्ड डायबिटीज डे
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Published : Nov 13, 2021, 8:00 PM IST

लखनऊ: आजकल के समय में डायबिटीज एक बड़ी समस्या के रुप में उभर रहा है. उत्तर प्रदेश के 40 प्रतिशत लोग इस समय डायबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं. आजकल के समय में युवाओं के अलावा बच्चे भी डायबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि मौजूदा समय में पहले की तरह न तो लोगों का खानपान रह गया है और न ही दिनचर्या. ऐसे में हर आयु वर्ग के लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. आनुवंशिकता के चलते छोटे बच्चे भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं.

वर्ल्ड डायबिटीज डे हर साल के नवंबर दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड डायबिटीज डे की थीम 'डायबिटीज केयर तक पहुंच अगर अभी नहीं तो कब ?' रखा गया है. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि आमतौर पर अब बहुत सारे लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. रोजाना अस्पताल की ओपीडी में अगर 100 मरीजों की ओपीडी चल रही है तो उसमें लगभग 25 से 28 मरीज डायबिटीज के जरूर होते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में लाखों की संख्या में लोग डायबिटीज के शिकार हैं.

वर्ल्ड डायबिटीज डे

इंसुलिन का बनना महत्वपूर्णं

डॉक्टर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है. यह एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक होता है. जब व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं तो इंसुलिन का बनना शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोस का संचार करता है, इसलिए जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता है. तो पीड़ित मरीज के बॉडी मेटाबॉलिज्म पर भी प्रभाव पड़ता है.

अच्छे डॉक्टर से लें सही इलाज

डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि हम आयुर्वेदिक या अन्य चीजों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन इतना जरूर कहेंगे कि एलोपैथिक में दवाई अच्छी है और डॉक्टर भी अच्छा इलाज देते हैं. चाहे लोग कितना ही भ्रम में क्यों न आ जाए लेकिन घूम फिर कर लोग इंसुलिन पर ही आते हैं. इससे अच्छा है कि सही समय पर जब पता चलता है कि डायबिटीज की शुरुआत हो चुकी है तभी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेकर अपनी दवाई चलाएं.

इसे भी पढ़ें- कोरोना को हराकर लौटे, अब डायबिटीज का हमला

डायबिटीज से बचाव

  1. फलों में सेब, अनार, संतरा, पपीता, जामुन, अमरूद का सेवन करें. इसके विपरीत आम, केला, लीची, अंगूर इस प्रकार के मीठे फल कम से कम खाने चाहिए.
  2. सूखे मेवों में बादाम, अखरोट, अंजीर खाएं. किशमिश, छुहारा, खजूर का सेवन बिल्कुल भी न करें क्योंकि इसमें शुगर होता है.
  3. चॉकलेट, गुड़, गन्ने का रस और चीनी के सेवन से बचें.
  4. थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कुछ न कुछ खाना खाते रहें. एक बार में खाना न खाएं.
  5. अपनी दिनचर्या में मॉर्निंग वॉक जरूर शामिल करें, व्यायाम करें. इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे.
  6. योग को अपने जीवन शैली में जरूर लाएं, इससे व्यक्ति तनाव मुक्त होता है.

डायबिटीज के लक्षण

  1. अधिक भूख और प्यास लगना.
  2. अधिक पेशाब आना.
  3. हमेशा थका हुआ महसूस करना.
  4. वजन बढ़ना या कम होना.
  5. त्वचा में खुजली होना या अन्य त्वचा संबंधित समस्याएं होना.
  6. बार-बार उल्टी जैसा लगना या उल्टी होना.
  7. मुंह का सूखना.
  8. बाहरी संक्रमण के प्रति शरीर अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है.

यूपी के बरेली में एसआरएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में वर्ल्ड डायबिटीज डे की पूर्व संध्या पर सीएमई (Continuing Medical Education) का आयोजन किया गया. ऑनलाइन और ऑफलाइन आयोजित इस हाइब्रिड सीएमई का उद्घाटन एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने किया. उन्होंने डायबिटीज को दीमक की तरह बताया. उन्होंने कहा कि यह दीमक की तरह शरीर को खोखला कर देती है. लाइफस्टाइल, खानपान की आदतों को नियंत्रित कर इसे कंट्रोल करना ही सबसे बड़ा और आसान उपाय है.

लखनऊ: आजकल के समय में डायबिटीज एक बड़ी समस्या के रुप में उभर रहा है. उत्तर प्रदेश के 40 प्रतिशत लोग इस समय डायबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं. आजकल के समय में युवाओं के अलावा बच्चे भी डायबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि मौजूदा समय में पहले की तरह न तो लोगों का खानपान रह गया है और न ही दिनचर्या. ऐसे में हर आयु वर्ग के लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. आनुवंशिकता के चलते छोटे बच्चे भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं.

वर्ल्ड डायबिटीज डे हर साल के नवंबर दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है. इस बार वर्ल्ड डायबिटीज डे की थीम 'डायबिटीज केयर तक पहुंच अगर अभी नहीं तो कब ?' रखा गया है. सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि आमतौर पर अब बहुत सारे लोग डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. रोजाना अस्पताल की ओपीडी में अगर 100 मरीजों की ओपीडी चल रही है तो उसमें लगभग 25 से 28 मरीज डायबिटीज के जरूर होते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में लाखों की संख्या में लोग डायबिटीज के शिकार हैं.

वर्ल्ड डायबिटीज डे

इंसुलिन का बनना महत्वपूर्णं

डॉक्टर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि डायबिटीज एक आजीवन रहने वाली बीमारी है. यह एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज के रक्त में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक होता है. जब व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं तो इंसुलिन का बनना शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोस का संचार करता है, इसलिए जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता है. तो पीड़ित मरीज के बॉडी मेटाबॉलिज्म पर भी प्रभाव पड़ता है.

अच्छे डॉक्टर से लें सही इलाज

डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि हम आयुर्वेदिक या अन्य चीजों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन इतना जरूर कहेंगे कि एलोपैथिक में दवाई अच्छी है और डॉक्टर भी अच्छा इलाज देते हैं. चाहे लोग कितना ही भ्रम में क्यों न आ जाए लेकिन घूम फिर कर लोग इंसुलिन पर ही आते हैं. इससे अच्छा है कि सही समय पर जब पता चलता है कि डायबिटीज की शुरुआत हो चुकी है तभी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेकर अपनी दवाई चलाएं.

इसे भी पढ़ें- कोरोना को हराकर लौटे, अब डायबिटीज का हमला

डायबिटीज से बचाव

  1. फलों में सेब, अनार, संतरा, पपीता, जामुन, अमरूद का सेवन करें. इसके विपरीत आम, केला, लीची, अंगूर इस प्रकार के मीठे फल कम से कम खाने चाहिए.
  2. सूखे मेवों में बादाम, अखरोट, अंजीर खाएं. किशमिश, छुहारा, खजूर का सेवन बिल्कुल भी न करें क्योंकि इसमें शुगर होता है.
  3. चॉकलेट, गुड़, गन्ने का रस और चीनी के सेवन से बचें.
  4. थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कुछ न कुछ खाना खाते रहें. एक बार में खाना न खाएं.
  5. अपनी दिनचर्या में मॉर्निंग वॉक जरूर शामिल करें, व्यायाम करें. इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे.
  6. योग को अपने जीवन शैली में जरूर लाएं, इससे व्यक्ति तनाव मुक्त होता है.

डायबिटीज के लक्षण

  1. अधिक भूख और प्यास लगना.
  2. अधिक पेशाब आना.
  3. हमेशा थका हुआ महसूस करना.
  4. वजन बढ़ना या कम होना.
  5. त्वचा में खुजली होना या अन्य त्वचा संबंधित समस्याएं होना.
  6. बार-बार उल्टी जैसा लगना या उल्टी होना.
  7. मुंह का सूखना.
  8. बाहरी संक्रमण के प्रति शरीर अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है.

यूपी के बरेली में एसआरएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में वर्ल्ड डायबिटीज डे की पूर्व संध्या पर सीएमई (Continuing Medical Education) का आयोजन किया गया. ऑनलाइन और ऑफलाइन आयोजित इस हाइब्रिड सीएमई का उद्घाटन एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने किया. उन्होंने डायबिटीज को दीमक की तरह बताया. उन्होंने कहा कि यह दीमक की तरह शरीर को खोखला कर देती है. लाइफस्टाइल, खानपान की आदतों को नियंत्रित कर इसे कंट्रोल करना ही सबसे बड़ा और आसान उपाय है.

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