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यूपी पंचायत चुनाव: रामपुर के इस गांव में विकास के नाम पर की गई खानापूर्ति

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों ने तैयारी शुरू कर दी है. पिछले पंचायत चुनाव में जीते उम्मीदवारों ने क्या विकास कार्य किए ये जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम रामपुर के दो गांवों में पहुंची. यहां पर विकास कार्यों के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई. सड़कों की हालत बदतर है और शिक्षा व्यवस्था का भी बुरा हाल है.

जनता बोले पोल खोले.
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Published : Jan 27, 2021, 9:13 AM IST

रामपुर: उत्तर प्रदेश में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं. इसकी घोषणा जल्द ही होने की संभावना है. ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो गया था और जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल 13 जनवरी को समाप्त हो गया है. ईटीवी भारत ने 2 ग्राम पंचायतों में जाकर जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा कराए गए विकास कार्यों के बारे में लोगों से जानकारी ली तो पता चला कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा नाम मात्र का ही काम कराया गया, बाकी पूरे गांव की हालत बदहाल है.

रामपुर के इस गांव में विकास के नाम पर की गई खानापूर्ति

इस गांव में जिला पंचायत ने नहीं कराया कोई काम
ईटीवी भारत की टीम ग्राम पंचायत रवन्ना में पहुंची तो वहां पर पिछले 10 साल में केवल 600 मीटर खड़ंजा ही पड़ा है. दूसरी ग्राम पंचायत अलीगंज बेनजीर में पिछले 5 साल में सिर्फ 300 मीटर खड़ंजा ही जिला पंचायत द्वारा डलवाया गया है. यहां की स्थिति बहुत ही दयनीय है. कई गांवों को जोड़ने वाले रास्ते की हालत इतनी खराब है कि वहां से निकलना मुश्किल हो रहा है. अलीगंज बेनजीर के ग्रामीणों का कहना है कि जिला पंचायत की ओर से यहां कोई काम नहीं हुआ. इस गांव में पानी ते निकास की स्थिति बहुत ही खराब है. घरों का सारा पानी लोगों के खेतों में जाता है, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं. कई गांव को जोड़ने वाला रास्ता जो नरेगा से बनवाया गया था उस पर भी पानी भरा है.

बिजली की है समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि यहां बिजली भी 8 से 10 घंटे ही आती है. रात को 10 बजे बिजली आती है और सुबह 6 बजे चली जाती है. अलीगंज बेनजीर के ग्रामीणों ने शिक्षा की स्थिति बयां करते हुए कहा कि यहां के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे स्कूल जाते हैं तो टीचर नहीं आते और टीचर होते हैं तो बच्चों को सही से पढ़ा नहीं पाते.

सड़कों की स्थिति है दयनीय
दूसरी ग्राम पंचायत रवन्ना के लोगों ने बताया कि यहां भी सड़कों का बुरा हाल है. मस्जिद के पास की सड़क इतनी खराब है कि कोई भी उस रोड़ से निकलकर मस्जिद तक जा नहीं सकता. गांव से होकर गुजरती मुख्य सड़क जो कई गांवों को जोड़ती थी, उसकी स्थिति भी काफी खराब है. रवन्ना गांव में भी बच्चों का भविष्य खतरे में है. यहां पूरे गांव में एक ही सरकारी प्राइमरी स्कूल है, जहां पर गांव के बच्चे पढ़ते हैं उसके अलावा कोई और दूसरा सरकारी स्कूल नहीं है.

रामपुर: उत्तर प्रदेश में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं. इसकी घोषणा जल्द ही होने की संभावना है. ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो गया था और जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल 13 जनवरी को समाप्त हो गया है. ईटीवी भारत ने 2 ग्राम पंचायतों में जाकर जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा कराए गए विकास कार्यों के बारे में लोगों से जानकारी ली तो पता चला कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा नाम मात्र का ही काम कराया गया, बाकी पूरे गांव की हालत बदहाल है.

रामपुर के इस गांव में विकास के नाम पर की गई खानापूर्ति

इस गांव में जिला पंचायत ने नहीं कराया कोई काम
ईटीवी भारत की टीम ग्राम पंचायत रवन्ना में पहुंची तो वहां पर पिछले 10 साल में केवल 600 मीटर खड़ंजा ही पड़ा है. दूसरी ग्राम पंचायत अलीगंज बेनजीर में पिछले 5 साल में सिर्फ 300 मीटर खड़ंजा ही जिला पंचायत द्वारा डलवाया गया है. यहां की स्थिति बहुत ही दयनीय है. कई गांवों को जोड़ने वाले रास्ते की हालत इतनी खराब है कि वहां से निकलना मुश्किल हो रहा है. अलीगंज बेनजीर के ग्रामीणों का कहना है कि जिला पंचायत की ओर से यहां कोई काम नहीं हुआ. इस गांव में पानी ते निकास की स्थिति बहुत ही खराब है. घरों का सारा पानी लोगों के खेतों में जाता है, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं. कई गांव को जोड़ने वाला रास्ता जो नरेगा से बनवाया गया था उस पर भी पानी भरा है.

बिजली की है समस्या
ग्रामीणों ने बताया कि यहां बिजली भी 8 से 10 घंटे ही आती है. रात को 10 बजे बिजली आती है और सुबह 6 बजे चली जाती है. अलीगंज बेनजीर के ग्रामीणों ने शिक्षा की स्थिति बयां करते हुए कहा कि यहां के प्राथमिक विद्यालय में बच्चे स्कूल जाते हैं तो टीचर नहीं आते और टीचर होते हैं तो बच्चों को सही से पढ़ा नहीं पाते.

सड़कों की स्थिति है दयनीय
दूसरी ग्राम पंचायत रवन्ना के लोगों ने बताया कि यहां भी सड़कों का बुरा हाल है. मस्जिद के पास की सड़क इतनी खराब है कि कोई भी उस रोड़ से निकलकर मस्जिद तक जा नहीं सकता. गांव से होकर गुजरती मुख्य सड़क जो कई गांवों को जोड़ती थी, उसकी स्थिति भी काफी खराब है. रवन्ना गांव में भी बच्चों का भविष्य खतरे में है. यहां पूरे गांव में एक ही सरकारी प्राइमरी स्कूल है, जहां पर गांव के बच्चे पढ़ते हैं उसके अलावा कोई और दूसरा सरकारी स्कूल नहीं है.

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