लखनऊ : लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी 13 जनवरी को लखनऊ में अपनी ताकत दिखाने जा रही है. पार्टी के 11वें स्थापना दिवस के मौके पर राजधानी के रमाबाई आंबेडकर पार्क में विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. पार्टी सुप्रीमो संजय निषाद इसी कार्यक्रम में निमंत्रण देने के लिए शुक्रवार को सुभासपा चीफ ओपी राजभर के कार्यालय पहुंचे.
संजय निषाद ने पार्क रोड स्थित सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यालय में ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की. निषाद पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में आने का निमंत्रण दिया. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे की मुलाकात हुई. दोनों के बीच निषाद, मछुआ, भर जाति को अनसूचित जनजाति में शामिल करवाने और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा भी हुई.
निषाद पार्टी का दावा है कि उसके कार्यक्रम में प्रदेश भर से मछुआ समाज के लोग आएंगे. इस कार्यक्रम के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, सीएम योगी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह समेत अन्य गणमान्य अथितियों को आमंत्रित किया गया है.
दरअसल, एनडीए के सहयोगी दोनों ही दलों के अध्यक्षों की यह मिलकात इसलिए भी मायने रखती है, क्योंकि दोनों मे बीजेपी के लिए अधिक फायदेमंद बनने की होड़ लगी रहती है. संजय निषाद कई बार ओपी राजभर कर तीखे हमले कर चुके है, वहीं राजभर ने भी जवाबी हमले किए हैं. दोनों ही दल उत्तर प्रदेश के एक ही क्षेत्र में अपनी पैठ रखते हैं. इसके अलावा दोनों ही दल बीजेपी से अधिक सीटों की मांग करते आए हैं.
इन जिलों में निषाद पार्टी और सुभासपा का प्रभाव
ओपी राजभर का पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, बलिया, संतकबीरनगर, जौनपुर, वाराणसी, भदोही, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच, मऊ, गाजीपुर, बाराबंकी और सुल्तानपुर में अच्छा प्रभाव है. वहीं संजय निषाद की भी इन जिलों में अच्छी पैठ है. इन सभी जिलों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी, मछुवा जातियां निर्णायक भूमिका में होती है.
17 जातियों को अनसूचित जाति का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन
उत्तर प्रदेश में 17 जातियों को संजय निषाद और ओम प्रकाश राजभर अनसूचित जाति का दर्जा दिलाने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. दोनों ही दलों का यह हर चुनाव में यह मुद्दा रहा है. इन जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी, मछुवा शामिल हैं.
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