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जयंत अमेरिका में और अखिलेश ऑस्ट्रेलिया से पढ़े, दोनों क्या जानेंगे किसानों का दुख-दर्द: सुनील सिंह

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Published : Jan 23, 2022, 7:53 PM IST

लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर किसानों की समस्याओं को लेकर निशाना साधा है.

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लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह

लखनऊः लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह और एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर दोनों नेताओं पर तंज कसे हैं. सुनील सिंह ने कहा कि जयंत अमेरिका में पले-बढ़े. 2009 में चुनाव लड़ने के लिए भारत की नागरिकता ली, और अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया में पढ़े-लिखे, तो ये दोनों भला किसानों के दुख-दर्द को कैसे समझेंगे.

विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन पर भी तंज कसते हुए चौधरी सुनील सिंह ने कहा कि जब मुजफ्फरनगर में दंगा हुआ, तो उस वक्त अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. इसके साथ ही अजीत सिंह राजनीति में थे. लेकिन मुजफ्फनगर के दंगे में दोनों नेता जनता बीच नहीं गए. आज मौकापरस्ती के लिए दोनों एक होकर चुनाव लड़ रहे हैं.

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चौधरी चरण सिंह कहते थे कि मेरा बेटा अमेरिका में पला-बढ़ा है. वह इस देश के किसानों को नहीं जानता. उसे राजनीति में लाएंगे तो एक बहुत बड़ी भूल होगी. जयंत चौधरी भी अमेरिका में रह कर पले-बढ़े. 2009 का चुनाव लड़ने के लिए उन्हें भारत की नागरिकता लेनी पड़ी थी. अखिलेश यादव भी ऑस्ट्रेलिया से पढ़कर आए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अन्ना आंदोलन में अरविंद केजरीवाल राजनीति में आए और चमके. उसी तरीके से किसान आंदोलन में सक्रिय रहे राकेश टिकैत को भी राजनीति में आना चाहिए और चुनाव लड़ना चाहिए.

सपा और भाजपा को घेरते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा से ज्यादा सपा की सरकार का शासन रहा है. लेकिन किसानों का दर्द नहीं समझा. चुनाव के वक्त में किसान याद आते हैं. किसानों के वोट पाने के लिए बेचैन रहते हैं. किसान बहुत परेशान है. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था और अब किसान पूछ रहे हैं कि उनकी आय दोगुनी कब होगी? पांच वर्षों में तो किसान की आयु दोगुनी नहीं हो पाई और कितना वक्त लेंगे. किसान देश के लिए अन्न उपजाता है और विकास के लिए अपनी जमीन भी देता पर सरकार उसे ठीक तरह से मुआवजा नहीं देती. यह दुख की बात है कि केंद्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार रही है. उत्तर प्रदेश में सरकार होने के बावजूद सबसे ज्यादा संकट में किसान है. यूपी का किसान और जनता भाजपा से यह जानना चाहती है कि आज किसान की आय क्या है? लोकदल 2022 विधानसभा चुनाव में किसानों को उसकी आय दोगुनी देने के लिए संकल्पित है.

इसे भी पढ़ें- केशव प्रसाद मौर्य के विरोध को पार्टियों ने बनाया मुद्दा, राजीव की पत्नी ने कहाः मुझे डिप्टी सीएम पर विश्वास, विपक्ष कर रही साजिश

चौधरी सुनील सिंह ने बताया कि लोकदल के घोषणा पत्र में किसानों को सभी उपज धान व गेहूं सहित 4000 रुपये एमएसपी देना रखा गया है. अगर लोकदल सत्ता में आती है तो जनता पर लगने वाले सभी प्रकार के टैक्स को खत्म किया जाएगा और सिर्फ एक बैंकिंग ट्रांजैक्शन टैक्स वह भी तीन लाख से ऊपर पर रखा जाएगा. जिससे डीजल, पेट्रोल गैस की कीमतें कम होंगी. प्रत्येक वार्ड, ग्राम सभा में एक लघु कुटीर उद्योग लगाया जाएगा. जिससे कम से कम 100 परिवारों को रोजगार मिले.

लखनऊः लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह और एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने किसानों की समस्याओं को लेकर दोनों नेताओं पर तंज कसे हैं. सुनील सिंह ने कहा कि जयंत अमेरिका में पले-बढ़े. 2009 में चुनाव लड़ने के लिए भारत की नागरिकता ली, और अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया में पढ़े-लिखे, तो ये दोनों भला किसानों के दुख-दर्द को कैसे समझेंगे.

विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन पर भी तंज कसते हुए चौधरी सुनील सिंह ने कहा कि जब मुजफ्फरनगर में दंगा हुआ, तो उस वक्त अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. इसके साथ ही अजीत सिंह राजनीति में थे. लेकिन मुजफ्फनगर के दंगे में दोनों नेता जनता बीच नहीं गए. आज मौकापरस्ती के लिए दोनों एक होकर चुनाव लड़ रहे हैं.

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चौधरी चरण सिंह कहते थे कि मेरा बेटा अमेरिका में पला-बढ़ा है. वह इस देश के किसानों को नहीं जानता. उसे राजनीति में लाएंगे तो एक बहुत बड़ी भूल होगी. जयंत चौधरी भी अमेरिका में रह कर पले-बढ़े. 2009 का चुनाव लड़ने के लिए उन्हें भारत की नागरिकता लेनी पड़ी थी. अखिलेश यादव भी ऑस्ट्रेलिया से पढ़कर आए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अन्ना आंदोलन में अरविंद केजरीवाल राजनीति में आए और चमके. उसी तरीके से किसान आंदोलन में सक्रिय रहे राकेश टिकैत को भी राजनीति में आना चाहिए और चुनाव लड़ना चाहिए.

सपा और भाजपा को घेरते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा से ज्यादा सपा की सरकार का शासन रहा है. लेकिन किसानों का दर्द नहीं समझा. चुनाव के वक्त में किसान याद आते हैं. किसानों के वोट पाने के लिए बेचैन रहते हैं. किसान बहुत परेशान है. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था और अब किसान पूछ रहे हैं कि उनकी आय दोगुनी कब होगी? पांच वर्षों में तो किसान की आयु दोगुनी नहीं हो पाई और कितना वक्त लेंगे. किसान देश के लिए अन्न उपजाता है और विकास के लिए अपनी जमीन भी देता पर सरकार उसे ठीक तरह से मुआवजा नहीं देती. यह दुख की बात है कि केंद्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार रही है. उत्तर प्रदेश में सरकार होने के बावजूद सबसे ज्यादा संकट में किसान है. यूपी का किसान और जनता भाजपा से यह जानना चाहती है कि आज किसान की आय क्या है? लोकदल 2022 विधानसभा चुनाव में किसानों को उसकी आय दोगुनी देने के लिए संकल्पित है.

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चौधरी सुनील सिंह ने बताया कि लोकदल के घोषणा पत्र में किसानों को सभी उपज धान व गेहूं सहित 4000 रुपये एमएसपी देना रखा गया है. अगर लोकदल सत्ता में आती है तो जनता पर लगने वाले सभी प्रकार के टैक्स को खत्म किया जाएगा और सिर्फ एक बैंकिंग ट्रांजैक्शन टैक्स वह भी तीन लाख से ऊपर पर रखा जाएगा. जिससे डीजल, पेट्रोल गैस की कीमतें कम होंगी. प्रत्येक वार्ड, ग्राम सभा में एक लघु कुटीर उद्योग लगाया जाएगा. जिससे कम से कम 100 परिवारों को रोजगार मिले.

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