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कोविड मरीजों के इलाज में लापरवाही का आरोप, मानवाधिकार आयोग से शिकायत - जनकल्याण महासमिति ने की मानवाधिकार आयोग से शिकायत

उत्तर प्रदेश में लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने कोरोना के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है.

जनकल्याण महासमिति
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Published : Apr 16, 2021, 10:15 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 10:37 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. उन्होंने इस संदर्भ में मानवाधिकार आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित से भी शिकायत की है. बकौल उमाशंकर दुबे, उन्हें इस संबंध में ओपी दीक्षित ने आश्वस्त किया है कि कोरोना काल में जो भी अस्पताल जनता की सेवा करना चाहते हैं, यदि कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से उनके पास सुविधाएं हैं तो वह सेवा करें. ऐसे में उन्हें सरकार से अनुमति की आवश्यकता नहीं है. आयोग इस मामले में अस्पताल का साथ देगी. अस्पतालों को भर्ती करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी अनुमति लिए जाने की कोई जरूरत नहीं है.

जन कल्याण समिति ने की थी शिकायत
लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने शुक्रवार को आयोग के सदस्य से लखनऊ में कोरोना के हालात की शिकायत की थी. महासमिति के अध्यक्ष ने आयोग से शिकायत में कहा था कि लखनऊ में कोरोना के हाल दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं. लोगों की जांच तक नहीं हो रही. अस्पताओं में भर्ती होने के लिए लिए सीएमओ से अनुमति की जरूरत पड़ रही है. बगैर सीएमओ की अनुमति के अस्पतालों में भर्ती नहीं हो रही.

सरकार की जिम्मेदारी ज्यादा
उमाशंकर दुबे के अनुसार आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित ने कहा कि इस हालत के लिए जनता और सरकार दोनों बराबर जिम्मेदार हैं. सरकार बार-बार जनता से अपील कर रही है. मास्क लगाएं, सामाजिक दूरी रखें, भीड़ न लगने दें लेकिन जनता ने भी लापरवाही की है. जिन अस्पताल में कोविड मरीज की भर्ती के लिए सुविधाएं हैं, यदि सरकार उन्हें इलाज के लिए रोकती है तो मानवाधिकार आयोग कार्रवाई करेगा.

इसे भी पढ़ेंः महिला के गले से चेन झपटकर भाग रहे युवक को लोगों ने पकड़कर पीटा, किया पुलिस के हवाले

हालात हो रहे भयावह
जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे के अनुसार कोरोना के इलाज में हो रही लापरवाही और बदइंतजामी को लेकर उन्होंने पहले मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी. पत्र में उन्होंने बद से बदतर होते जा रहे हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए मानवाधिकार आयोग को स्थिति से अवगत कराया है. उमाशंकर दुबे के अनुसार हाल दिन-प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं. लोगों की आरटीपीसीआर जांच तक नहीं हो रही है. अस्पताओ में भर्ती होने के लिए लिए सीएमओ से अनुमति की जरूरत पड़ रही है. बगैर सीएमओ की अनुमति के अस्पतालों में भर्ती नहीं हो पा रहे हैं. बहुत से अस्पताल है लेकिन उन्हें कोविड घोषित नहीं किया जा रहा. लोग अपनों को अपनी आंखों के सामने तड़पता देख रहे हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. उन्होंने इस संदर्भ में मानवाधिकार आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित से भी शिकायत की है. बकौल उमाशंकर दुबे, उन्हें इस संबंध में ओपी दीक्षित ने आश्वस्त किया है कि कोरोना काल में जो भी अस्पताल जनता की सेवा करना चाहते हैं, यदि कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से उनके पास सुविधाएं हैं तो वह सेवा करें. ऐसे में उन्हें सरकार से अनुमति की आवश्यकता नहीं है. आयोग इस मामले में अस्पताल का साथ देगी. अस्पतालों को भर्ती करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी अनुमति लिए जाने की कोई जरूरत नहीं है.

जन कल्याण समिति ने की थी शिकायत
लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने शुक्रवार को आयोग के सदस्य से लखनऊ में कोरोना के हालात की शिकायत की थी. महासमिति के अध्यक्ष ने आयोग से शिकायत में कहा था कि लखनऊ में कोरोना के हाल दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं. लोगों की जांच तक नहीं हो रही. अस्पताओं में भर्ती होने के लिए लिए सीएमओ से अनुमति की जरूरत पड़ रही है. बगैर सीएमओ की अनुमति के अस्पतालों में भर्ती नहीं हो रही.

सरकार की जिम्मेदारी ज्यादा
उमाशंकर दुबे के अनुसार आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित ने कहा कि इस हालत के लिए जनता और सरकार दोनों बराबर जिम्मेदार हैं. सरकार बार-बार जनता से अपील कर रही है. मास्क लगाएं, सामाजिक दूरी रखें, भीड़ न लगने दें लेकिन जनता ने भी लापरवाही की है. जिन अस्पताल में कोविड मरीज की भर्ती के लिए सुविधाएं हैं, यदि सरकार उन्हें इलाज के लिए रोकती है तो मानवाधिकार आयोग कार्रवाई करेगा.

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हालात हो रहे भयावह
जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे के अनुसार कोरोना के इलाज में हो रही लापरवाही और बदइंतजामी को लेकर उन्होंने पहले मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी. पत्र में उन्होंने बद से बदतर होते जा रहे हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए मानवाधिकार आयोग को स्थिति से अवगत कराया है. उमाशंकर दुबे के अनुसार हाल दिन-प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं. लोगों की आरटीपीसीआर जांच तक नहीं हो रही है. अस्पताओ में भर्ती होने के लिए लिए सीएमओ से अनुमति की जरूरत पड़ रही है. बगैर सीएमओ की अनुमति के अस्पतालों में भर्ती नहीं हो पा रहे हैं. बहुत से अस्पताल है लेकिन उन्हें कोविड घोषित नहीं किया जा रहा. लोग अपनों को अपनी आंखों के सामने तड़पता देख रहे हैं.

Last Updated : Apr 16, 2021, 10:37 PM IST

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