लखनऊ : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि 'जनजाति समाज के लोग खुद को समाज में पिछड़ा मानना छोड़ें. आगे बढ़ने का हर संभव प्रयास करें. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और कंधे से कंधा मिलाकर चलें. जिसके लिए जरूरी है कि लड़का हो या लड़की सभी के लिए शिक्षा का इंतजाम हो. पढ़े-लिखे बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी भाग लेकर आगे बढ़ें. राष्ट्रपति ने यह बातें सोमवार को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं. उत्तर प्रदेश जनजाति विकास विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बिजनौर की बुक्सा जनजाति के लोगों को वनाधिकार प्रपत्र उपलब्ध कराए गए. इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण असीम अरुण भी मौजूद रहे.
बच्चों के लिए अलग से स्कूल : मंत्री असीम अरुण ने बताया कि 'बुक्सा जनजाति बिजनौर में पाई जाती है. इनके लिए छात्रवृति योजना संचालित की जा रही है. निशुल्क आवासीय व्यवस्था की जा रही है. इनके बच्चों के लिए अलग से स्कूल खोला जा रहा है. इनके लिए कौशल विकास, 21 परिवारों को वन भूमि पर अधिकार दिया गया है. इस दौरान बाला पत्नी चिरंजी, धन सिंह, शिव सिंह, वीरेंद्र, पारेन्द्र पति वीर मति को वनाधिकार प्रपत्र उपलब्ध कराया गया.
सभी समाज आगे बढ़ें : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 'आप सोचते होंगे कि उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ से ज्यादा लोग निवास करते हैं, बुक्सा समाज ही क्यों चुना गया. उनको ही क्यों बुलाया गया. ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार चाहती है कि कोई भी ऐसा समाज जो पीछे है वह पीछे ना रह जाए. सभी समाज आगे बढ़े. कोई भी बच्चा अनपढ़ ना रह जाए. सभी को शिक्षा मिले. सभी सामाजिक आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े.' उन्होंने कहा कि 'बुक्सा समाज के बारे में जानकारी मिली है कि यह सबसे पीछे हैं. सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में भी बहुत पीछे हैं. उनको आगे लाने का यह प्रयास है. इसीलिए सरकार चाहती है कि उनके लिए काम किया जाए. मैंने सरकार से यह कहा था कि इनके पीछे रह गए लोगों को भी आगे लाना है. मैं खुश हूं कि सरकार जनजातियों के लिए अच्छा काम कर रही है. यह तो अभी शुरुआत है. शुरुआत अच्छी है. अभी जनजातियों के लिए बहुत सारे और भी काम करने हैं. मैंने कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात की.' मुख्यमंत्री से मैंने कहा कि 'बच्चियों को कोचिंग क्लास का अभाव है. हॉस्टल नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सब कुछ मिलेगा सारे प्रयास किए जा रहे हैं.'
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 'शिक्षा जनजातियों में बहुत जरूरी है. बेटा हो या बेटी सभी को पढ़ाना चाहिए. बहुत सारी जनजातियां अभी भी जंगलों में रहती हैं. उनको भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना चाहिए. जिनके पास जंगल में जमीन है उनको वनाधिकार प्रपत्र मिलने चाहिए. जीवन जीने के लिए घर बहुत जरूरी है. वे काम करके खा सकते हैं, लेकिन रहने के लिए आवास देना सरकार की जिम्मेदारी है. जनजाति के लोग पंचायत के मुखिया बन रहे हैं. समिति के मेंबर बन रहे हैं. बेटियां भी आगे बढ़ रही हैं. यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है. जनजाति में जो पीछे हैं वह भी आगे बढ़ेंगे. हम लोगों को भी आगे बढ़ने के लिए जुनून होना चाहिए. हम लोगों को आगे बढ़ना चाहिए. सभी बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेना चाहिए, ताकि वह भी आगे आएं.'
उन्होंने कहा कि 'हम जनजाति हैं, पीछे हैं ऐसा नहीं सोचना चाहिए. हम पीछे नहीं रहेंगे. हम भी सशक्त होंगे. शुरुआत हो चुकी है तो आगे का रास्ता भी अच्छा होगा. परंपरागत काम खेती बाड़ी पशुपालन है. उसके साथ-साथ आर्थिक उन्नति के लिए सरकार मदद करती है. उसको बेहतर करने के लिए हम लोगों को प्रयास करना चाहिए. प्रयास करने से ही हम आगे बढ़ सकते हैं. आपके साथ जो लोग पीछे हैं उनको भी आगे लाएं. आप लोगों को भी समाज के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ना है.'