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लोक निर्माण विभाग के प्रहरी एप का प्रेजेंटेशन, दूसरे राज्य भी करेंगे लागू - niti aayog

उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग में लागू प्रहरी एप की सफलता को देखते हुए दूसरे राज्य के लोक निर्माण विभाग भी इसे लागू करने वाले हैं. एप की विशेषताओं और विशिष्टियों की विस्तार से जानकारी देने के लिए नीति आयोग भारत सरकार के संयोजन में वीडियो कान्फ्रेसिंग का आयोजन किया गया.

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प्रहरी एप का प्रेजेंटेशन
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Published : Jan 19, 2021, 10:11 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग में लागू प्रहरी एप की सफलता को देखते हुए दूसरे राज्य के लोक निर्माण विभाग भी इसे लागू करने वाले हैं. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा-निर्देशन में लोक निर्माण विभाग में प्रहरी एप को लागू किया गया था. प्रहरी एप की विशेषताओं और विशिष्टियों की विस्तार से जानकारी देने के लिए नीति आयोग भारत सरकार के संयोजन में वीडियो कान्फ्रेसिंग का आयोजन किया गया. लोक निर्माण विभाग स्थित कमांड सेंटर से उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण और सचिव समीर वर्मा ने प्रहरी एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

पारदर्शी सिस्टम देता है प्रहरी एप
प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि प्रहरी एप मोस्ट ट्रान्सपैरेन्ट सिस्टम है. इसकी उत्तर प्रदेश में बेहद प्रशंसा हो रही है. कई अन्य राज्य भी इसे लागू करने वाले हैं. सचिव समीर वर्मा ने प्रेजेंटेशन के दौरान प्रहरी ऐप की विशेषताओं और विशिष्टियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होने प्रहरी एप के माध्यम से तकनीकी बिड हेतु ठेकेदारों द्वारा भरे जाने वाले मास्टर डाटा जैसे-अनुभव, मैनपाॅवर, मशीनरी आदि का जिक्र किया. अलग-अलग स्तरों पर की जाने वाली कार्रवाई और तकनीकी मूल्यांकन के विभिन्न पैरामीटर्स के ऊपर भी प्रकाश डाला.

ई टेंडर में नहीं मिल रही हैं शिकायतें
उन्होंने बताया कि प्रहरी ऐप के पारदर्शी सिस्टम और इसके लागू होने से तमाम समस्याओं का निराकरण भी हो गया है. इससे पहले टेंडरिंग में तमाम तरह की शिकायतें आती थीं. उनके निराकरण में अनावश्यक रूप से समय बर्बाद होता था. प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग और सचिव लोक निर्माण विभाग ने प्रहरी ऐप के प्रेजेन्टेशन के दौरान तमाम शंकाओं, आशंकाओं आदि का समाधान किया. वीडियो कान्फ्रेसिंग में नीति आयोग, अलग-अलग राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक निर्माण विभाग, एनआईसी सीपीडब्लूडी विभागों के उच्चतम स्तर के अधिकारी मौजूद रहे. कमाण्ड सेन्टर में लोक निर्माण विभाग से विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग राजपाल सिंह, मुख्य अभियन्ता आरसी शुक्ला, जेके बांगा और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.

लखनऊः उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग में लागू प्रहरी एप की सफलता को देखते हुए दूसरे राज्य के लोक निर्माण विभाग भी इसे लागू करने वाले हैं. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा-निर्देशन में लोक निर्माण विभाग में प्रहरी एप को लागू किया गया था. प्रहरी एप की विशेषताओं और विशिष्टियों की विस्तार से जानकारी देने के लिए नीति आयोग भारत सरकार के संयोजन में वीडियो कान्फ्रेसिंग का आयोजन किया गया. लोक निर्माण विभाग स्थित कमांड सेंटर से उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण और सचिव समीर वर्मा ने प्रहरी एप के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

पारदर्शी सिस्टम देता है प्रहरी एप
प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि प्रहरी एप मोस्ट ट्रान्सपैरेन्ट सिस्टम है. इसकी उत्तर प्रदेश में बेहद प्रशंसा हो रही है. कई अन्य राज्य भी इसे लागू करने वाले हैं. सचिव समीर वर्मा ने प्रेजेंटेशन के दौरान प्रहरी ऐप की विशेषताओं और विशिष्टियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होने प्रहरी एप के माध्यम से तकनीकी बिड हेतु ठेकेदारों द्वारा भरे जाने वाले मास्टर डाटा जैसे-अनुभव, मैनपाॅवर, मशीनरी आदि का जिक्र किया. अलग-अलग स्तरों पर की जाने वाली कार्रवाई और तकनीकी मूल्यांकन के विभिन्न पैरामीटर्स के ऊपर भी प्रकाश डाला.

ई टेंडर में नहीं मिल रही हैं शिकायतें
उन्होंने बताया कि प्रहरी ऐप के पारदर्शी सिस्टम और इसके लागू होने से तमाम समस्याओं का निराकरण भी हो गया है. इससे पहले टेंडरिंग में तमाम तरह की शिकायतें आती थीं. उनके निराकरण में अनावश्यक रूप से समय बर्बाद होता था. प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग और सचिव लोक निर्माण विभाग ने प्रहरी ऐप के प्रेजेन्टेशन के दौरान तमाम शंकाओं, आशंकाओं आदि का समाधान किया. वीडियो कान्फ्रेसिंग में नीति आयोग, अलग-अलग राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लोक निर्माण विभाग, एनआईसी सीपीडब्लूडी विभागों के उच्चतम स्तर के अधिकारी मौजूद रहे. कमाण्ड सेन्टर में लोक निर्माण विभाग से विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग राजपाल सिंह, मुख्य अभियन्ता आरसी शुक्ला, जेके बांगा और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.

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