लखनऊ : राज्य सरकार निवेशकों को बुलाने और उन्हें तमाम सहूलियत दे रही है. सूत्रों के मुताबिक, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी और पूर्व में हुए एमओयू को धरातल तक उतारने में एक दर्जन महत्वपूर्ण विभाग फिसड्डी साबित हो रहे हैं. चीफ सेक्रेटरी की मॉनीटरिंग में ये विभाग की कार्यशैली सामने आई है. आबकारी परिवहन आवास शहरी नियोजन जैसे विभागों में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारियों के अनुरूप कामकाज आगे बढ़ाने में पीछे हैं.
एमओयू आदि की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश : चीफ सेक्रेटरी ने नाराजगी जताते हुए तैयारी तेज करने की बात कही है. दरअसल, राज्य सरकार का पूरा फोकस ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के आयोजन को भव्य करने पर है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी समीक्षा बैठक करके सभी तैयारियां तेज करने और सभी सम्बंधित विभागों के स्तर पर एमओयू आदि की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत जो एमओयू हुए थे, उनमें से अब ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी आगे बढ़ानी हैं. इंडस्ट्री विभाग के सूत्रों के अनुसार, 6 लाख 64 करोड़ रुपये के 8 हजार से अधिक के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरने के लिए तैयार किए गए हैं.
अंतिम चरण में है तैयारी : ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए प्राथमिक शिक्षा, ऊर्जा, गन्ना और नागरिक उड्डयन विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है, जबकि आबकारी, आवास, शहरी नियोजन, परिवहन, दुग्धशाला विकास, खाद्य सुरक्षा सहित एक दर्जन से अधिक विभागों के कामकाज की रफ्तार सुस्त है. यहां पर पचास फीसदी से अधिक काम नहीं हो पाए हैं. खुद चीफ सेक्रेटरी की समीक्षा बैठक में एक दर्जन विभागों की प्रगति में नाराजगी जताई गई है. चीफ सेक्रेटरी ने स्पष्ट रूप से सख्त हिदायत दी है कि एक महीने के अंदर सभी विभागों की तैयारी पूरी हो जाये और जितने भी एमओयू हुए हैं उनमें से जो ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी तक धरातल पर उतरने के लिए तैयार हो सकते हैं, ऐसे सभी काम कराए जाएं. इंडस्ट्री विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में अब तक 38.55 लाख करोड़ रुपये निवेश प्रस्ताव के लिए 26 हजार के एमओयू किये गए हैं. इनमें से 9.23 लाख करोड़ के 7887 के निवेश प्रस्तावों को एमओयू को पहले भूमि पूजन के लिए चिन्हित किया गया है.
चीफ़ सेक्रेटरी दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि 'ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए विभागों को आवंटित लक्ष्य को पूरा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. कुछ विभागों की स्थिति ठीक नहीं नहीं है. सभी विभागों को एमओयू के आधार पर लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. कुछ विभागों ने लक्ष्य को कम करने की बात कही है, जो औचित्यहीन है.'