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यूपी में 95 की जगह अब होंगे 54 विभाग, पुनर्गठन की तैयारी शुरू - lucknow news

राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार बड़े प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है. सरकार ने मौजूदा 95 विभागों का पुनर्गठन कर 54 विभाग बनाये जाने की संस्तुतियों पर विचार शुरू कर दिया है.

Yogi government
योगी आदित्यनाथ
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Published : Jan 20, 2021, 6:25 PM IST

लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश में बड़े प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है. यूपी में 95 की जगह अब 54 विभाग बनाए जा सकते हैं. सरकार ने 95 विभागों का पुनर्गठन कर 54 विभाग बनाए जाने की संस्तुतियों पर विचार शुरू कर दिया है. संबंधित विभागों से उच्च प्राथमिकता पर 20 जनवरी तक अपनी राय देने को कहा गया है. माना जा रहा है सरकार के इस कदम से कार्यों में तेजी आएगी.

कमेटी ने दी रिपोर्ट, विभागों की राय आनी बाकी

योगी सरकार प्रशासनिक सुधार के लिए जनवरी 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में विभागों के पुनर्गठन के लिए कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अपनी संतुतियां दी थी. अब सरकार संस्तुतियों को लागू करने जा रही है. कमेटी ने अपनी संस्तुतियों में शासन स्तर पर मौजूदा 95 विभागों का पुनर्गठन कर 57 तक सीमित करने का सुझाव दिया था. समिति की संस्तुतियों पर विचार-विमर्श के बाद विभागों की संख्या 57 की अब जगह 54 तक सीमित करने पर सहमति बनी है.

सरकार जल्द करेगी निर्णय

साल 2020 में पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक नई समिति का गठन किया गया. इस समिति को कर्मचारियों की संख्या के प्रभावशीलता और दक्षता में सुधार तथा उनके उद्देश्यों के आकलन की व्यवस्था पर सुझाव देने को कहा गया. इस समिति ने भी अपनी संस्तुतियों में विभागों के पुनर्गठन संबंधी संजय अग्रवाल समिति की संस्तुतियों पर अतिशीघ्र निर्णय लेकर कार्यवाही किए जाने की सिफारिश की है. उम्मीद जताई जा रही है की योगी सरकार इस पर जल्द ही फैसला करेगी. सचिवालय के एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि शासन स्तर पर कौन से विभाग किस विभाग में समायोजित किए जाएंगे उनका ढांचा किस तरह से खड़ा किया जाएगा सारी तैयारी कर ली गई है. अब सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं.

ऐसे दिखेगा असर

फिलहाल शासन स्तर से समिति के सुझावों और संस्तुतियों पर अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों की 20 जनवरी तक राय मांगी गई है. विभागों के पुनर्गठन का असर योगी मंत्रिमंडल विस्तार पर भी पड़ेगा. कई ऐसे विभागों का एक दूसरे में विलय का प्रस्ताव है, जिन विभागों के कार्य में एकरूपता है, उन्हें एक में किया जाएगा. जिन मंत्रियों के पास कई विभाग हैं उनमें भी कमी आएगी. विभागों के पुनर्गठन से कर्मचारियों में भी कुछ कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है. ई-ऑफिस संचालित होने से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों में पहले से ही सरकार ने कमी कर दी है.

विभागों को कम करने से कंप्यूटर सहायक और सहायक समीक्षा अधिकारी जैसे पदों की कटौती भी भविष्य में की जा सकती है. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी यह प्राथमिक स्तर पर है. विभागों से सुझाव मांगे गए हैं. सुझाव आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.

लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश में बड़े प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है. यूपी में 95 की जगह अब 54 विभाग बनाए जा सकते हैं. सरकार ने 95 विभागों का पुनर्गठन कर 54 विभाग बनाए जाने की संस्तुतियों पर विचार शुरू कर दिया है. संबंधित विभागों से उच्च प्राथमिकता पर 20 जनवरी तक अपनी राय देने को कहा गया है. माना जा रहा है सरकार के इस कदम से कार्यों में तेजी आएगी.

कमेटी ने दी रिपोर्ट, विभागों की राय आनी बाकी

योगी सरकार प्रशासनिक सुधार के लिए जनवरी 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में विभागों के पुनर्गठन के लिए कमेटी बनाई थी. कमेटी ने अपनी संतुतियां दी थी. अब सरकार संस्तुतियों को लागू करने जा रही है. कमेटी ने अपनी संस्तुतियों में शासन स्तर पर मौजूदा 95 विभागों का पुनर्गठन कर 57 तक सीमित करने का सुझाव दिया था. समिति की संस्तुतियों पर विचार-विमर्श के बाद विभागों की संख्या 57 की अब जगह 54 तक सीमित करने पर सहमति बनी है.

सरकार जल्द करेगी निर्णय

साल 2020 में पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक नई समिति का गठन किया गया. इस समिति को कर्मचारियों की संख्या के प्रभावशीलता और दक्षता में सुधार तथा उनके उद्देश्यों के आकलन की व्यवस्था पर सुझाव देने को कहा गया. इस समिति ने भी अपनी संस्तुतियों में विभागों के पुनर्गठन संबंधी संजय अग्रवाल समिति की संस्तुतियों पर अतिशीघ्र निर्णय लेकर कार्यवाही किए जाने की सिफारिश की है. उम्मीद जताई जा रही है की योगी सरकार इस पर जल्द ही फैसला करेगी. सचिवालय के एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि शासन स्तर पर कौन से विभाग किस विभाग में समायोजित किए जाएंगे उनका ढांचा किस तरह से खड़ा किया जाएगा सारी तैयारी कर ली गई है. अब सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं.

ऐसे दिखेगा असर

फिलहाल शासन स्तर से समिति के सुझावों और संस्तुतियों पर अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों की 20 जनवरी तक राय मांगी गई है. विभागों के पुनर्गठन का असर योगी मंत्रिमंडल विस्तार पर भी पड़ेगा. कई ऐसे विभागों का एक दूसरे में विलय का प्रस्ताव है, जिन विभागों के कार्य में एकरूपता है, उन्हें एक में किया जाएगा. जिन मंत्रियों के पास कई विभाग हैं उनमें भी कमी आएगी. विभागों के पुनर्गठन से कर्मचारियों में भी कुछ कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है. ई-ऑफिस संचालित होने से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों में पहले से ही सरकार ने कमी कर दी है.

विभागों को कम करने से कंप्यूटर सहायक और सहायक समीक्षा अधिकारी जैसे पदों की कटौती भी भविष्य में की जा सकती है. मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी यह प्राथमिक स्तर पर है. विभागों से सुझाव मांगे गए हैं. सुझाव आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.

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