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अजीत सिंह हत्याकांड: पूर्व MP धनंजय सिंह सहित 5 को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी

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Published : Apr 11, 2021, 9:08 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 10:01 PM IST

राजधानी में हुए अजीत सिंह हत्याकांड में साजिश रचने का आरोप जौनपुर के पूर्व सांसद व बाहुबली नेता धनंजय सिंह पर लगा है. इस मामले में धनंजय सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस समय वह फरार चल रहे हैं. वहीं अब पुलिस उन्हें व चार अन्य को भगोड़ा घोषित कराने की तैयारी में है. इसके लिए सोमवार को कोर्ट में अर्जी डाली जाएगी.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

लखनऊ: पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह, विपुल सिंह समेत पांच को पुलिस भगोड़ा घोषित करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए वह सोमवार को कोर्ट में अर्जी डालेगी. इस मामले में 25 हजार के इनामी धनंजय सिंह फरार चल रहे हैं. पुलिस की मानें तो बागपत जेल में बंद माफिया डॉन सुनील राठी को वारंट बी के जरिये लखनऊ लाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए जल्द विधिक कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी.

दरअसल, बीती छह जनवरी की रात विभूतिखंड थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ फायरिंग कर मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस दौरान उनके करीबी मोहर सिंह व राहगीर आकाश यादव भी घायल हुए. इस वारदात में एक हमलावर राजेश तोमर भी गंभीर रूप से घायल हुआ था. पुलिस ने इस मामले में गिरफ्त में आए शूटरों व अन्य आरोपियों के बयान के आधार पर जौनपुर के पूर्व सांसद व बाहुबली नेता धनंजय सिंह को हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया. आरोप है कि धनंजय सिंह ने ही शूटरों के रहने का ठिकाना दिलाया था. गैंगवार में घायल शूटर राजेश तोमर के इलाज का पूरा इंतजाम कराया था. पुलिस ने सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया. इसके बाद उन्होंने पांच मार्च को प्रयागराज की कोर्ट में पुराने मामले की जमानत तुड़वाकर आत्मसमर्पण कर दिया. जेल करीब 25 दिन बाद ही उनको इसी मामले में कोर्ट ने जमानत दे दी. इसके बाद से वह अंडरग्राउंड हो गए.

पुलिस की लापरवाही से हुए फरार
एक तरफ पुलिस ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया था, लेकिन उनको पकड़ नहीं सकी. पुलिस की लापरवाही ऐसी थी कि कोई भी सवाल खड़ा कर सकता था. अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह करीब 25 दिनों तक जेल में बंद थे. इस दौरान लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने यह भी प्रयास नहीं किया कि वारंट बी के जरिए उनको लखनऊ जेल लाकर पूछताछ की जा सके. पुलिस की यह कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है.

दबिश देकर पुलिस ने सिर्फ कोरम पूरा किया
अपनी इस लापरवाही की लीपापोती में पुलिस ने लखनऊ से लेकर जौनपुर तक ताबड़तोड़ कई जगह दबिश दी. दबिश भी देखकर साफ लग रहा था कि सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है. पूर्व सांसद के जौनपुर आवास पर सैकड़ों की संख्या में पहुंचे पुलिसकर्मियों ने सिर्फ उनकी पत्नी से पूछताछ की. इसके बाद वापस चले आए. हालांकि उनकी पत्नी ने जिला पंचायत सदस्य के लिए नामाकंन भी उसी दिन किया था.

इसे भी पढ़ें:- आजमगढ़ में आग लगने से 70 झोपड़ियां राख, 2 मासूमों की मौत

मुस्तफा व तोमर के बयान के आधार पर फंसा सुनील राठी
प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक इस वारदात को अंजाम देने के लिए पूर्वांचल व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गिरोह लगे थे. पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माफिया सुनील राठी जो इस समय बागपत जेल में बंद है, उस पर मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोप भी है. उसने इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अपने दो शूटर दिये थे. इसमें मुस्तफा उर्फ बंटी और राजेश तोमर उर्फ जय शामिल है. इस समय पुलिस की गिरफ्त में दोनों शूटर हैं. मुस्तफा ने पुलिस के सामने कुबूल किया था कि उसे और राजेश तोमर को सुनील राठी ने ही भेजा था. उनको सिर्फ इतना बताया गया था कि लखनऊ में गिरधारी उर्फ कन्हैया मिलेगा. वह अजीत की पहचान कराएगा. काम पूरा करना है. खर्चे की चिंता न करना, जो भी होगा समय से मिलता रहेगा. इसके बाद पुलिस ने राजेश तोमर से पूछताछ की, जिसमें मुस्तफा की बातें सही हो गईं. पुलिस ने सुनील राठी को भी इस मुकदमे में आरोपी बनाया है. उस पर भी साजिश रचने का आरोप है.

राजस्थान का भी शूटर शामिल
प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्वांचल के कई गिरोह शामिल थे. इसमें आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह का नाम प्रमुख है. वहीं इन सभी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह का सहयोग लिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुनील राठी ने भी इनकी भरपूर मदद की. इस हत्याकांड में एक अन्य शूटर कुणाल भी शामिल था, जो राजस्थान के लॉरेंस विश्नोई गिरोह का सदस्य है. वह भी इस हत्याकांड में शामिल शूटरों की मदद करने में शामिल रहा. पुलिस के मुताबिक कुणाल लॉरेंस विश्नोई गिरोह के लिए काम करता था. वह भी शॉर्प शूटर है, लेकिन इस हत्याकांड में उसने घायल शूटर राजेश तोमर का इलाज कराने और लखनऊ से लेकर दिल्ली पहुंचाने तक पूरी सहायता की. पुलिस इस मामले में उसको तलाश रही है. एक टीम जल्द ही राजस्थान के लिए रवाना होगी.

पूर्व सांसद सहित 6 की तलाश
प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह सहित 6 आरोपियों की तलाश की जा रही है. इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन सुनील राठी बागपत जेल में बंद है. जल्द ही उसे वारंट बी के जरिए लखनऊ लाया जाएगा. वहीं पूर्व सांसद धनंजय सिंह, उनके करीबी विपुल सिंह, रवि यादव, प्रदीप सिंह कबूतरा, कुणाल फरार है. पुलिस इनकी तलाश में लगी है. पुलिस इन सभी आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने के लिए कोर्ट में सोमवार को अर्जी डालेगी. इसके बाद कोर्ट का आदेश मिलते ही सभी के घर के सामने डुगडुगी बजवाकर नोटिस चस्पा करेगी.

लखनऊ: पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह, विपुल सिंह समेत पांच को पुलिस भगोड़ा घोषित करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए वह सोमवार को कोर्ट में अर्जी डालेगी. इस मामले में 25 हजार के इनामी धनंजय सिंह फरार चल रहे हैं. पुलिस की मानें तो बागपत जेल में बंद माफिया डॉन सुनील राठी को वारंट बी के जरिये लखनऊ लाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए जल्द विधिक कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी.

दरअसल, बीती छह जनवरी की रात विभूतिखंड थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ फायरिंग कर मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस दौरान उनके करीबी मोहर सिंह व राहगीर आकाश यादव भी घायल हुए. इस वारदात में एक हमलावर राजेश तोमर भी गंभीर रूप से घायल हुआ था. पुलिस ने इस मामले में गिरफ्त में आए शूटरों व अन्य आरोपियों के बयान के आधार पर जौनपुर के पूर्व सांसद व बाहुबली नेता धनंजय सिंह को हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाया. आरोप है कि धनंजय सिंह ने ही शूटरों के रहने का ठिकाना दिलाया था. गैंगवार में घायल शूटर राजेश तोमर के इलाज का पूरा इंतजाम कराया था. पुलिस ने सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया. इसके बाद उन्होंने पांच मार्च को प्रयागराज की कोर्ट में पुराने मामले की जमानत तुड़वाकर आत्मसमर्पण कर दिया. जेल करीब 25 दिन बाद ही उनको इसी मामले में कोर्ट ने जमानत दे दी. इसके बाद से वह अंडरग्राउंड हो गए.

पुलिस की लापरवाही से हुए फरार
एक तरफ पुलिस ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराया था, लेकिन उनको पकड़ नहीं सकी. पुलिस की लापरवाही ऐसी थी कि कोई भी सवाल खड़ा कर सकता था. अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह करीब 25 दिनों तक जेल में बंद थे. इस दौरान लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने यह भी प्रयास नहीं किया कि वारंट बी के जरिए उनको लखनऊ जेल लाकर पूछताछ की जा सके. पुलिस की यह कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है.

दबिश देकर पुलिस ने सिर्फ कोरम पूरा किया
अपनी इस लापरवाही की लीपापोती में पुलिस ने लखनऊ से लेकर जौनपुर तक ताबड़तोड़ कई जगह दबिश दी. दबिश भी देखकर साफ लग रहा था कि सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है. पूर्व सांसद के जौनपुर आवास पर सैकड़ों की संख्या में पहुंचे पुलिसकर्मियों ने सिर्फ उनकी पत्नी से पूछताछ की. इसके बाद वापस चले आए. हालांकि उनकी पत्नी ने जिला पंचायत सदस्य के लिए नामाकंन भी उसी दिन किया था.

इसे भी पढ़ें:- आजमगढ़ में आग लगने से 70 झोपड़ियां राख, 2 मासूमों की मौत

मुस्तफा व तोमर के बयान के आधार पर फंसा सुनील राठी
प्रभारी निरीक्षक विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक इस वारदात को अंजाम देने के लिए पूर्वांचल व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गिरोह लगे थे. पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माफिया सुनील राठी जो इस समय बागपत जेल में बंद है, उस पर मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोप भी है. उसने इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए अपने दो शूटर दिये थे. इसमें मुस्तफा उर्फ बंटी और राजेश तोमर उर्फ जय शामिल है. इस समय पुलिस की गिरफ्त में दोनों शूटर हैं. मुस्तफा ने पुलिस के सामने कुबूल किया था कि उसे और राजेश तोमर को सुनील राठी ने ही भेजा था. उनको सिर्फ इतना बताया गया था कि लखनऊ में गिरधारी उर्फ कन्हैया मिलेगा. वह अजीत की पहचान कराएगा. काम पूरा करना है. खर्चे की चिंता न करना, जो भी होगा समय से मिलता रहेगा. इसके बाद पुलिस ने राजेश तोमर से पूछताछ की, जिसमें मुस्तफा की बातें सही हो गईं. पुलिस ने सुनील राठी को भी इस मुकदमे में आरोपी बनाया है. उस पर भी साजिश रचने का आरोप है.

राजस्थान का भी शूटर शामिल
प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्वांचल के कई गिरोह शामिल थे. इसमें आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह का नाम प्रमुख है. वहीं इन सभी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह का सहयोग लिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुनील राठी ने भी इनकी भरपूर मदद की. इस हत्याकांड में एक अन्य शूटर कुणाल भी शामिल था, जो राजस्थान के लॉरेंस विश्नोई गिरोह का सदस्य है. वह भी इस हत्याकांड में शामिल शूटरों की मदद करने में शामिल रहा. पुलिस के मुताबिक कुणाल लॉरेंस विश्नोई गिरोह के लिए काम करता था. वह भी शॉर्प शूटर है, लेकिन इस हत्याकांड में उसने घायल शूटर राजेश तोमर का इलाज कराने और लखनऊ से लेकर दिल्ली पहुंचाने तक पूरी सहायता की. पुलिस इस मामले में उसको तलाश रही है. एक टीम जल्द ही राजस्थान के लिए रवाना होगी.

पूर्व सांसद सहित 6 की तलाश
प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह सहित 6 आरोपियों की तलाश की जा रही है. इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन सुनील राठी बागपत जेल में बंद है. जल्द ही उसे वारंट बी के जरिए लखनऊ लाया जाएगा. वहीं पूर्व सांसद धनंजय सिंह, उनके करीबी विपुल सिंह, रवि यादव, प्रदीप सिंह कबूतरा, कुणाल फरार है. पुलिस इनकी तलाश में लगी है. पुलिस इन सभी आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने के लिए कोर्ट में सोमवार को अर्जी डालेगी. इसके बाद कोर्ट का आदेश मिलते ही सभी के घर के सामने डुगडुगी बजवाकर नोटिस चस्पा करेगी.

Last Updated : Apr 11, 2021, 10:01 PM IST
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