लखनऊ : मध्य प्रदेश की महानगरीय परिवहन सेवा में 'इंदौर मॉडल' लागू हुआ. बिहार में भी इसी मॉडल पर बसों का संचालन कराया जा रहा है. दशकों से बिहार में प्राइवेट बसों का ही संचालन (Transport Department) होता है, परिवहन निगम का अस्तित्व न के बराबर है. अब एमपी की सिटी बस के उसी 'इंदौर मॉडल' को यूपी में लागू करने की तैयारी हो रही है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में अनुबंध पर संचालित बसों को इसी मॉडल (Preparation to implement Indore Model) पर चलाए जाने पर गंभीरता से मंथन किया जा रहा है. इसके लिए यूपीएसआरटीसी के सभी क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधकों से परिचालकों का वास्तविक आंकड़ा मांगा गया है. क्षेत्रीय प्रबंधक स्तर पर यह ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. प्रदेश भर से आंकड़े एकत्र होने के बाद यूपीएसआरटीसी की अनुबंधित बसों पर लागू किया जाएगा.
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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में अनुबंधित बस योजना के तहत अब 'इंदौर मॉडल' लागू करने पर मंथन हो रहा है. प्राइवेट बस ऑपरेटरों के प्रस्ताव पर परिवहन निगम ने योजना बनानी शुरू की है. इंदौर की सिटी बसों में ड्राइवर और कंडक्टर प्राइवेट बस ऑपरेटर के ही होते हैं. बिहार में भी इसी तरह प्राइवेट बसों का संचालन कराया जा रहा है. यह पूरी तरह से प्राइवेट बस ऑपरेटरों की जिम्मेदारी होती है कि ड्राइवर कंडक्टर बसों का संचालन समय सारिणी के मुताबिक करें. अभी तक परिवहन निगम की तरफ से अनुबंधित बसों को कंडक्टर उपलब्ध कराया जाता है, जबकि ड्राइवर अनुबंधित बस मालिक का ही होता है, लेकिन आने वाले दिनों में कंडक्टरों की कमी को देखते हुए अब इंदौर और बिहार की तर्ज पर ही यूपी में भी अनुबंधित बसों को रॉयल्टी पर संचालित किया जाएगा. यानी अब बस अनुबंधित बस मालिक की होगी, ड्राइवर भी उनका होगा और कंडक्टर भी, हालांकि इस पर अभी मुहर नहीं लगी है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि परिवहन निगम प्रशासन इस पर मुहर लगाएगा और प्राइवेट बस ऑपरेटर अपनी बसों में चालक के साथ अपना परिचालक भी रख सकेंगे.
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रोडवेज बसों में ही चलेंगे कंडक्टर : आने वाले दिनों में परिवहन निगम के परिचालक परिवहन निगम की बसों पर ही तैनात किए जाएंगे. ऐसा इसलिए भी करना पड़ रहा है क्योंकि परिवहन निगम में परिचालकों की भर्ती ही नहीं हो रही है. इस वजह से कंडक्टरों की पहले से ही कमी से परिवहन निगम जूझ रहा है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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रोडवेज की यूनियन ने किया विरोध : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की अनुबंधित बस योजना में प्राइवेट ऑपरेटरों की तरफ से बस कंडक्टर की तैनाती किए जाने को लेकर अब रोडवेज की यूनियन ने विरोध शुरू कर दिया है. यूनियनों का कहना है कि 'यह कार्रवाई मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है. अनुबंधित बस मालिकों की तरफ से अपना ही परिचालक तैनात किए जाने का प्रस्ताव रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है.'
उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी रजनीश मिश्रा का कहना है कि 'रोडवेज कर्मियों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है कि प्राइवेट बस ऑपरेटर की बसों में रोडवेज के परिचालक ड्यूटी ही न कर पाए. उनका कहना है कि इससे धीरे-धीरे परिवहन निगम का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा. यह परिवहन निगम को पूरी तरह से निजीकरण के रास्ते पर ले जाने का प्लान है. रोडवेज की सभी यूनियन इसका भरपूर विरोध करेंगी. किसी भी कीमत पर इसे लागू होने नहीं दिया जाएगा. परिवहन निगम के परिचालक जब अनुबंधित बस पर ड्यूटी करते हैं तो उनमें जिम्मेदारी का भाव होता है. उन्हें अपनी नौकरी जाने का डर सताता रहता है, इसलिए वह गलत काम नहीं करते, लेकिन जब अनुबंधित बसों पर चालक परिचालक बस मालिक के ही होंगे तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि यात्रियों को दिक्कत न हो और परिवहन निगम का घाटा न हो.'
क्या कहते हैं रोडवेज अधिकारी : उत्तर प्रदेश राज सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) व प्रवक्ता अजीत कुमार सिंह का कहना है कि 'बसों की फ्लीट बढ़ाए जाने की आवश्यकता है, जिससे यात्रियों को सुविधा मिल सके. महाकुंभ तक बसों की फ्लीट काफी हो जाएगी, जिससे परिचालकों की कमी पड़ सकती है. विधिक कार्यों की वजह से परिचालकों की भर्ती में विलंब हो रहा है. ऐसे में अब यह योजना है कि प्राइवेट बसों में बस मालिक के अपने ही परिचालक हों, हालांकि अभी इस पर मुहर नहीं लगी है. जहां तक बात परिवहन निगम का अधिकार न रहने की हो तो यह बिल्कुल सही नहीं है. परिवहन निगम लगातार इनकी मॉनिटरिंग करेगा. एक्शन लेने का अधिकार होगा.'