लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण परिवेश से जुड़ीं 30 लाख से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना तैयार कर ली गई है. इसके तहत करीब 3.15 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की योजना है.
राज्य आजीविका मिशन के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है. इस वर्ष 3.30 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया जाएगा और इसके अंतर्गत रिवाल्विंग फंड और सामाजिक निवेश फंड (सीआईएफ) के तहत 1500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
इस बड़ी धनराशि से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं ग्रामीण महिलाएं जिन्हें दीदियां कहते हैं. उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा. इन समूहों में महिलाओं की संख्या 10 से 15 तक होती है. इस लिहाज से दी जाने वाली धनराशि का लाभ उत्तर प्रदेश में करीब 30 लाख से अधिक महिलाओं को होगा. वर्ष 2022-23 में सवा दो लाख स्वयं सहायता समूह को सवा दो लाख व 1.20 लाख समूहों को सामुदायिक फंड देने का लक्ष्य निर्धारित तय किया गया है.
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के डायरेक्टर भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि स्वयं सहायता समूह के गठन का लक्ष्य रखा गया है. इसके माध्यम से स्वयं सहायता समूह से ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा जाएगा. इस योजना के माध्यम से उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे उन्हें स्वरोजगार में मदद मिलेगी और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगीं. इसके तहत स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे ग्रामोद्योग स्थापित करने और ट्रेनिंग देने के साथ ही उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की योजना है.
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