लखनऊ : प्रदेश के विभिन्न राजकीय पॉलिटेक्निक में चल रहे एक और दो वर्षीय पाठ्यक्रम का पुनरीक्षण एवं राजकीय महिला पॉलिटेक्निक में कम प्रवेश वाले पाठ्यक्रमों को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है. प्राविधिक शिक्षा परिषद के शोध, विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान कानपुर ने इसके लिए एक 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. यह कमेटी इन कोर्स में प्रवेश क्षमता के सापेक्ष जीरो अथवा बहुत कम प्रवेश होने वाले कोर्स की समीक्षा कर उन्हें स्थगित करने यथावत चलाने का निर्णय लेगी. यह कमेटी विगत 5 वर्षों में हुए इन विषयों में प्रवेश एवं अध्ययन विद्यार्थियों की स्थिति की समीक्षा कर इन विषयों के स्थगित करने या उनके स्थान पर उद्योगों के मांग के अनुरूप रोजगार परक पाठ्यक्रमों को शुरू करने का भी निर्णय करेगी. पाॅलिटेक्निक काॅलेजों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है जिसकी अंतिम तिथि 1 मई निर्धारित है.
16 मार्च को इस पर होगा निर्णय : संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव राम रतन ने बताया कि 'शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान कानपुर के निदेशक की ओर से इन पाठ्यक्रमों के भविष्य पर निर्णय लेने के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में राजकीय महिला पॉलिटेक्निक अमेठी के प्रधानाचार्य एसके सिंह, राजकीय पॉलिटेक्निक मुरादाबाद के प्रधानाचार्य तजम्मूल अफजाल, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक गोरखपुर के प्रधानाचार्य वीरेंद्र कुमार, राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ के प्रधानाचार्य राकेश वर्मा, राजकीय महिला पॉलिटेक्निक लखनऊ के प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव, राजकीय पॉलिटेक्निक बाराबंकी के प्रधानाचार्य राखी सोनी, सहायक निदेशक प्राविधिक शिक्षा विभाग कानपुर नीरज कुमार व सहायक निदेशक प्राविधिक शिक्षा कमलेश मणि त्रिपाठी शामिल हैं. जो आगामी 16 मार्च को सुबह 10:00 बजे एक बैठक आयोजित कर रही है. इस बैठक में इन पाठ्यक्रमों के भविष्य पर निर्णय लिया जाएगा.'
सचिव राम रतन ने बताया कि 'करीब 22 कोर्स ऐसे हैं, जिनमें प्रवेश न के बराबर हुए हैं. उन्होंने बताया कि इन 22 कोर्सों में कुल 19075 सीटें हैं, जिनके सापेक्ष सत्र 2022-23 में कुल 1477 सीटें ही भर सकी थीं, वहीं सत्र 2021-22 में इन 22 कोर्सों में कुल 18 हजार सीटें थीं, जिसके सापेक्ष 1585 प्रवेश हुए थे. इनमें से 5 कोर्स ऐसे थे, जिनमें सत्र 2020-21 में एक भी प्रवेश नहीं हुआ था, जबकि सत्र 2022-23 में इन कोर्सों में जितनी सीटें थीं उसके सापेक्ष काफी कम प्रवेश हुए थे.' सचिव ने बताया कि 'पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी में बीते साल 375 सीटों के सापेक्ष केवल 57 प्रवेश ही हुए थे, वही पीजी डिप्लोमा इन साइंस एंड मशीन लर्निंग में 450 सीटों के सापेक्ष 31 प्रवेश हुए थे. इसके अलावा पीजी डिप्लोमा इन ड्रोन टेक्नोलॉजी की 375 सीटों के सापेक्ष 24 प्रवेश हुए थे, जबकि पीजी डिप्लोमा इन इंटरनेट ऑफ थिंग्स में 375 सीटों के सापेक्ष केवल 7 प्रवेश ही इस साल हो पाए थे. ऐसा ही हाल बाकी सभी पाठ्यक्रम के रहे हैं.'
इन पाठ्यक्रम पर लटकी है तलवार
पीजी डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन
पीजी डिप्लोमा इन बायो टेक्नोलॉजी (टिशु कल्चर)
पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट
पीजी डिप्लोमा इन टैक्सटाइल डिजाइन
पीजी डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी
पीजी डिप्लोमा इन कस्टमर सर्विस मैनेजमेंट
पीजी डिप्लोमा इन मार्केटिंग एंड सेल्स मैनेजमेंट
पीजी डिप्लोमा इन ब्यूटी एंड हेल्थ केयर
पीजी डिप्लोमा इन फैशन टेक्नोलॉजी
पीजी डिप्लोमा इन रिटेल मैनेजमेंट
पीजी डिप्लोमा इन अकाउंटेंसी (विद कंप्यूटराइज अकाउंट एंड टैक्सेशन)
पीजी डिप्लोमा इन वेब डिजाइन
पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग
पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी
पीजी डिप्लोमा इन डाटा साइंस एंड मशीन लर्निंग
पीजी डिप्लोमा इन ड्रोन टेक्नोलॉजी
पीजी डिप्लोमा इन इंटरनेट थिंकिंग
पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन
होम साइंस
लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस
पीजी डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन
मॉडर्न ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस
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