लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सियासत तेज हो गई है. 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए जहां भारतीय जनता पार्टी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक लगातार बैठक कर आगामी चुनाव की रणनीति बना रही है तो वहीं समाजवादी पार्टी प्रदेश के सभी पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता बरतने के निर्देश दे रही है. भागीदारी मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश राजभर भी लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए रणनीति बना रहे हैं. वहीं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रहे हैं.
बता दें कि तीन दिन पूर्व ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि यदि प्रदेश की सत्ता से भाजपा को हटाना है तो सभी छोटे दलों को एक साथ आपसी मतभेद भुलाकर सामने आना होगा और तभी हम भाजपा को सत्ता से हटा पाएंगे. शिवपाल सिंह यादव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण में बड़ी संख्या में लोग मर रहे थे, उस समय सरकार पंचायत और बंगाल में चुनाव करा रही थी.
अखिलेश ने दिए चाचा शिवपाल से गठबंधन के संकेत
अभी तक जिस तरह से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार छोटे दलों से गठबंधन की बात तो कर देते थे, लेकिन चाचा शिवपाल के मामले पर चुप हो जाते थे. वहीं मंगलवार को जिस तरह से अखिलेश यादव ने चाचा के साथ गठबंधन की बात कही है तो निश्चित रूप से आने वाले समय में समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) दोनों दलों को इसका फायदा मिलेगा.
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2022 की रणनीति पर हो रही चर्चा
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित पदाधिकारियों की बैठक में 2022 के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की जा रही है. हालांकि इस बारे में पार्टी का कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहा है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि जिस तरह से मंगलवार को अखिलेश यादव ने गठबंधन के संकेत दिए थे, उस पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सीटों पर चर्चा करेगी.