लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शारदा प्रताप शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव की पार्टी की रथ यात्रा रैली परिवर्तन यात्रा के नाम से 12 अक्टूबर को वृंदावन बिहारी लाल भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के बाद शुरू होगी. उन्होंने कहा कि मथुरा से यात्रा शुरू होकर आगरा से निकलेगी. यह रैली 7 चरणों में निकलेगी. शारदा प्रसाद शुक्ल ने कहा जैसे भगवान कृष्ण धर्म के पक्ष में थे, हम भी अधर्मियों के नाश के लिए लड़ने जा रहे हैं. हमारी ओर से अधर्म के नाश के लिए चुनाव में जाने की तैयारी कर ली गी है. इसके लिए शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश की हर विधानसभा में जाकर का दो बार दौरा किया है.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि लखीमपुर कांड के दौरान मृतकों के परिजनों से मिलने के लिए शिवपाल यादव को पुलिस ने घेर लिया था लेकिन, वह घर के पीछे की दीवार से फांदकर भाग गए और सबसे ज्यादा समर्थकों के साथ लखनऊ रवाना हुए थे. लेकिन प्रदेश की सरकार ने उन्हें लखनऊ बॉर्डर पर गिरफ्तार करवा दिया था. इस बात को खुद मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि शिवपाल यादव के साथ सबसे ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके नजरबंद किया गया.
शारदा प्रताप शुक्ला ने कहा कि 12 अक्टूबर से 27 नवंबर के बीच 7 चरणों में इस यात्रा की शुरुआत मथुरा वृंदावन से की जाएगी और 27 नवंबर को यात्रा का अंतिम चरण में होते हुए रायबरेली में समाप्त हो जाएगी. उन्होंने कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है लेकिन, कोई बोलने वाला नहीं है. ऐसे में हमारे अन्नदाता किसानों को संरक्षण देने का काम शिवपाल यादव ने ही किया है. भाजपा सरकार के लोग इतने घमंडी हो गए हैं कि वह गाड़ियों से कुचल कर किसानों को मारने जा रहे हैं.
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प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचारियों की सरकार चल रही है, सिर्फ नाम बदला जा रहा है क्योंकि यह समझते हैं कि नाम बदलने से विकास होगा, जबकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की मांग हमेशा से रही है कि छात्रों को अच्छी एजुकेशन मिले, महिलाओं को सम्मान मिले, नौकरी मिले. किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिया जाए.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा कि कृष्ण के क्षेत्र से लड़ाई की शुरुआत इसलिए की है क्योंकि उन्होंने पूरे विश्व को एक संदेश दिया था कि अन्याय के खिलाफ विरोध करना होगा, चाहे वह घर के भीतर हो या बाहर, समाज में हो या सरकार में.