लखनऊ: बिजली विभाग के अधिकारी बिजली चोरी करा रहे हैं और पावर कारपोरेशन की विजिलेंस टीम अधिकारियों की पोल खोल रही है. जहां-जहां शहर में बिजली चोरी हो रही है, वहीं पर विजिलेंस टीम बिजली विभाग के अधिकारियों को बिना बताए ही छापेमारी कर रही है और इस छापेमारी में बिजली चोरी करते रंगे हाथों बिजली चोर पकड़े जा रहे हैं. बुधवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब पावर कारपोरेशन की विजिलेंस टीम ने छापेमारी की तो जिस अपार्टमेंट में कुछ दिन पहले बिजली चोरी पकड़ी गई थी, उसी अपार्टमेंट में एक बार फिर से बिजली चोरी हो रही थी.
कटिया लगाकर हो रही थी डायरेक्ट बिजली चोरी
पावर कारपोरेशन के निर्देश पर गुडंबा में बुधवार को फिर से उसी जगह पर बिजली चोरी पकड़ी गई, जहां पर बीते शुक्रवार को मध्यांचल एमडी के निर्देश पर विजिलेंस ने जांच की थी. बीते दिन हुई चेकिंग में 40 किलोवाट बिजली चोरी का मामला सामने आया था. बिना कनेक्शन गुडंबा में बिजली चोरी हो रही थी. बिजली चोरी की जांच में जेई और एसडीओ की मिलीभगत का खुलासा होने पर एमडी ने दोनों अभियंताओं को निलंबित कर दिया था.
इसके विरोध में जूनियर इंजीनियर संगठन ने अभियंता को गलत तरह से निलंबित किये जाने को लेकर विरोध जताया था. जीपीआरए पावर हाउस के अवर अभियंता अरविंद यादव व उपखंड अधिकारी शैलेन्द्र कुमार को निलंबित करने के बाद परिसर के मालिक मो. आजम खान के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. कटिया लगाकर डायरेक्ट बिजली चोरी मामले में बिजली विभाग ने छह परिसर पर एक लाख शमन शुल्क, निर्धारण शुल्क एक लाख 23 हजार व अस्थाई शमन शुल्क डेढ़ लाख रुपये लगाया है. 22 लाख 85 हजार रुपये जुमार्ना अलग से लगाया गया है.
फिर से की गई एफआईआर
यहां पर 11 किलोवाट की घरेलू, सात किलोवाट की कामर्शियल बिजली चोरी पकड़ी गई. इसे लेकर फिर से चोरी की एफआईआर दर्ज कराई गई. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी सूर्य पाल गंगवार ने कहा कि चार दिन पहले बिजली चोरी की सूचना मिली थी. उसी मामले में दो अभियंताओं पर कार्रवाई करते हुए उपभोक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए विभागीय कार्रवाई की गई है. अधीक्षण अभियंता बीके चौधरी ने बताया कि बिल्डर की आपस में लड़ाई की वजह से इस बात को तूल दिया जा रहा है. फिलहाल बिजली चोरी पर फिर से कार्रवाई की जा रही है.