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लखनऊ में आंदोलनरत इंजीनियरों को मनाने में जुटा पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन, चेयरमैन ने की गुजारिश

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के बीच इन दिनों गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में अब आंदोलनरत इंजीनियरों को मनाने के लिए पावर कॉरपोरेशन जुट गया है. चेयरमैन ने संगठन से आंदोलन खत्म करने की गुजारिश की है.

लखनऊ में शक्ति भवन में इंजीनियरों का धरना जारी.
लखनऊ में शक्ति भवन में इंजीनियरों का धरना जारी.
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Published : Oct 10, 2021, 7:10 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (up power corporation) और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के बीच इन दिनों गतिरोध जारी है. मांगों को लेकर संगठन के बैनर तले अभियंता उपवास/अनशन कर रहे हैं. वहीं, पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन प्रदेश हित में संगठन को मनाने में जुटा है. दोनों पक्षों के बीच वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है. प्रबंधन ने पत्र लिखकर संगठन से आंदोलन खत्म करने की गुजारिश की है. वहीं, संगठन ने आंदोलन और तेज करने की बात कही है.

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने आंदोलनरत अभियंताओं, अवर अभियंताओं और अन्य कार्मिकों व संगठनों से अपील की है कि वे विद्युत उपभोक्ता और विभागीय हित में आंदोलन खत्म कर दें. वार्ता के माध्यम से सभी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करें. उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी समेत कई वजहों से कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति प्रभावित है. देशव्यापी कोयले की समस्या एक नई चुनौती बनकर खड़ी हो गई है. इस समय प्रमुख त्योहारों का सीजन भी है. उन्होंने कहा है कि पावर कॉरपोरेशन का घाटा 90,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. ऐसी विषम आर्थिक परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन कार्मिकों के वेतन को बढ़ाकर अतिरिक्त आर्थिक बोझ को सहने की स्थिति में नहीं है.

लखनऊ के शक्ति भवन में इंजीनियरों का धरना जारी.
लखनऊ के शक्ति भवन में इंजीनियरों का धरना जारी.

आंदोलन से पावर कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति और विद्युत आपूर्ति दोनों प्रभावित हो सकती है, यह प्रदेश हित में नहीं है. ऐसी परिस्थितियों में हम सभी का दायित्व है कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी और लगन से कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति सुधारने और विद्युत आपूर्ति सुचारु रखने में योगदान दें. प्रबंधन हमेशा कार्मिकों के हित के साथ खड़ा है और वार्ता के माध्यम से न्यायोचित समाधान के पक्ष में है. उन्होंने आंदोलनरत संगठनों एवं कार्मिकों से आग्रह किया है कि वे आंदोलन खत्म कर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था बेहतर करने में जुट जाएं.

ये भी पढ़ेंः किसान न्याय रैली में गरजीं प्रियंका- खुद को गंगा पुत्र कहने वाले पीएम ने किसानों का किया अपमान



उधर, पिछले 10 दिनों से मांगों को लेकर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के बैनर तले अभियंता शक्ति भवन पर उपवास-अनशन कर रहे हैं. सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर दिया गया है. रविवार को इसका दूसरा दिन था. इस मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर जीवी पटेल ने कहा कि आंदोलन की समीक्षा के लिए केंद्रीय संचालन समिति की बैठक हुई, जिसमें संगठन के केंद्रीय नेतृत्व को आंदोलन के संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया. संगठन के केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जयप्रकाश ने कहा कि 33 दिनों से पूरी ईमानदारी के साथ अन्याय और अविश्वास के खिलाफ वर्क टू रूल के तहत जूनियर इंजीनियर और प्रोन्नत अभियंता सत्याग्रह कर रहे हैं. उनके संघर्ष को अगर ऊर्जा प्रबंधन इसी तरह नजरअंदाज करता रहा तो सविनय अवज्ञा आंदोलन लगातार जारी रखा जाएगा. इस दौरान औद्योगिक अशांति या उपभोक्ता सेवा प्रभावित होती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबंधन की होगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार जैसे कार्यक्रमों या जेल भरो आंदोलन पर उतरने के लिए भी बाध्य हो सकते हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (up power corporation) और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के बीच इन दिनों गतिरोध जारी है. मांगों को लेकर संगठन के बैनर तले अभियंता उपवास/अनशन कर रहे हैं. वहीं, पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन प्रदेश हित में संगठन को मनाने में जुटा है. दोनों पक्षों के बीच वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है. प्रबंधन ने पत्र लिखकर संगठन से आंदोलन खत्म करने की गुजारिश की है. वहीं, संगठन ने आंदोलन और तेज करने की बात कही है.

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने आंदोलनरत अभियंताओं, अवर अभियंताओं और अन्य कार्मिकों व संगठनों से अपील की है कि वे विद्युत उपभोक्ता और विभागीय हित में आंदोलन खत्म कर दें. वार्ता के माध्यम से सभी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करें. उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी समेत कई वजहों से कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति प्रभावित है. देशव्यापी कोयले की समस्या एक नई चुनौती बनकर खड़ी हो गई है. इस समय प्रमुख त्योहारों का सीजन भी है. उन्होंने कहा है कि पावर कॉरपोरेशन का घाटा 90,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. ऐसी विषम आर्थिक परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन कार्मिकों के वेतन को बढ़ाकर अतिरिक्त आर्थिक बोझ को सहने की स्थिति में नहीं है.

लखनऊ के शक्ति भवन में इंजीनियरों का धरना जारी.
लखनऊ के शक्ति भवन में इंजीनियरों का धरना जारी.

आंदोलन से पावर कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति और विद्युत आपूर्ति दोनों प्रभावित हो सकती है, यह प्रदेश हित में नहीं है. ऐसी परिस्थितियों में हम सभी का दायित्व है कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी और लगन से कॉरपोरेशन की वित्तीय स्थिति सुधारने और विद्युत आपूर्ति सुचारु रखने में योगदान दें. प्रबंधन हमेशा कार्मिकों के हित के साथ खड़ा है और वार्ता के माध्यम से न्यायोचित समाधान के पक्ष में है. उन्होंने आंदोलनरत संगठनों एवं कार्मिकों से आग्रह किया है कि वे आंदोलन खत्म कर प्रदेश की विद्युत व्यवस्था बेहतर करने में जुट जाएं.

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उधर, पिछले 10 दिनों से मांगों को लेकर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के बैनर तले अभियंता शक्ति भवन पर उपवास-अनशन कर रहे हैं. सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू कर दिया गया है. रविवार को इसका दूसरा दिन था. इस मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर जीवी पटेल ने कहा कि आंदोलन की समीक्षा के लिए केंद्रीय संचालन समिति की बैठक हुई, जिसमें संगठन के केंद्रीय नेतृत्व को आंदोलन के संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया. संगठन के केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जयप्रकाश ने कहा कि 33 दिनों से पूरी ईमानदारी के साथ अन्याय और अविश्वास के खिलाफ वर्क टू रूल के तहत जूनियर इंजीनियर और प्रोन्नत अभियंता सत्याग्रह कर रहे हैं. उनके संघर्ष को अगर ऊर्जा प्रबंधन इसी तरह नजरअंदाज करता रहा तो सविनय अवज्ञा आंदोलन लगातार जारी रखा जाएगा. इस दौरान औद्योगिक अशांति या उपभोक्ता सेवा प्रभावित होती है तो इसकी सारी जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबंधन की होगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार जैसे कार्यक्रमों या जेल भरो आंदोलन पर उतरने के लिए भी बाध्य हो सकते हैं.

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