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लखनऊ: किसानों को दी 10 घंटे बिजली, बिल वसूला 24 घंटे का - लखनऊ विद्युत विभाग समाचार

राजधानी लखनऊ में विद्युत विभाग किसानों से ज्यादा बिजली का बिल वसूल रहा है. विद्युत विभाग महज 10 घंटे विद्युत आपूर्ति करके किसानों से 24 घंटे बिजली आपूर्ति का बिल वसूलता है, जिसको लेकर किसानों में नाराजगी है. किसानों ने इसकी शिकायत ऊर्जा मंत्री से की है.

शक्ति भवन लखनऊ
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Published : Oct 23, 2020, 1:01 AM IST

लखनऊ: बिजली विभाग आम उपभोक्ताओं के साथ ही किसानों को भी ठगने में कोई कोताही नहीं करता है. महज 10 घंटे विद्युत आपूर्ति करके किसानों से 24 घंटे बिजली आपूर्ति का बिल वसूलता है. इसे लेकर किसानों में नाराजगी है. इसकी शिकायत भी ऊर्जा मंत्री से हुई है. कहा गया है कि किसानों को शहरी शेड्यूल के मुताबिक बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि बिजली सिर्फ 10 घंटे बमुश्किल मिल रही है.

इस पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए पावर कारपोरेशन को निर्देशित किया है कि इस गलती को तत्काल सुधारा जाए. यह ठीक नहीं है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि किसानों से बिजली का बिल ग्रामीण शेड्यूल्ड के मुताबिक ही वसूल किया जाए.

24 कृषि फीडरों के किसान हुए शिकार
लेसा के हजारों किसानों से कई गुना अधिक बिजली बिल की वसूली की जा रही है. मध्यांचल के प्रबंध निदेशक ने चार माह पहले लेसा के सभी 24 कृषि फीडर पर जो भी किसान हैं उनकी बिलिंग को शहरी शेड्यूल्ड के बजाय ग्रामीण शेड्यूल के आधार पर करने के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन आज तक पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

वर्तमान में जिन मीटर्ड किसानों से दो रुपये प्रति यूनिट और फिक्स्ड चार्ज 70 रुपये प्रति हार्स पावर की दर पर वसूली होनी है, उनसे छह रुपये प्रति यूनिट और फिक्स्ड चार्ज 130 रुपये प्रति हार्स पावर शहरी शिडूल्ड की वसूली हो रही है. बड़ा सवाल यह है कि जब सप्लाई सिर्फ 10 घंटे हो रही है तो 24 घंटे की बिजली बिलिंग क्यों की जा रही है?

ग्रामीण शेड्यूल्ड पर हो किसानों से बिजली बिल की वसूली
इस मामले पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन को कार्रवाई करने का लिखित निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि अबिलम्ब कृषि फीडर के किसानों की बिलिंग ग्रामीण शिडूल्ड के आधार पर शुरू कराई जाए. इस मामले पर कोई भी शिकायत आने पर उच्चाधिकारियों की जबाबदेही तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी.

अब शायद किसानों को मिले राहत
किसानों के साथ बिजली विभाग की ठगी पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि बिजली विभाग अपनी जेब भरने के लिए उपभोक्ताओं के साथ ही किसानों से भी ज्यादा बिल वसूल लेता है. शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. अब ऊर्जा मंत्री से शिकायत हुई है तो शायद इस पर अमल हो. अधिकारी अपने में सुधार लाएं, जिससे किसानों को ग्रामीण शेड्यूल्ड के अनुसार बिजली के बिल का भुगतान करना पड़े.

लखनऊ: बिजली विभाग आम उपभोक्ताओं के साथ ही किसानों को भी ठगने में कोई कोताही नहीं करता है. महज 10 घंटे विद्युत आपूर्ति करके किसानों से 24 घंटे बिजली आपूर्ति का बिल वसूलता है. इसे लेकर किसानों में नाराजगी है. इसकी शिकायत भी ऊर्जा मंत्री से हुई है. कहा गया है कि किसानों को शहरी शेड्यूल के मुताबिक बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि बिजली सिर्फ 10 घंटे बमुश्किल मिल रही है.

इस पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सख्त रुख अपनाते हुए पावर कारपोरेशन को निर्देशित किया है कि इस गलती को तत्काल सुधारा जाए. यह ठीक नहीं है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि किसानों से बिजली का बिल ग्रामीण शेड्यूल्ड के मुताबिक ही वसूल किया जाए.

24 कृषि फीडरों के किसान हुए शिकार
लेसा के हजारों किसानों से कई गुना अधिक बिजली बिल की वसूली की जा रही है. मध्यांचल के प्रबंध निदेशक ने चार माह पहले लेसा के सभी 24 कृषि फीडर पर जो भी किसान हैं उनकी बिलिंग को शहरी शेड्यूल्ड के बजाय ग्रामीण शेड्यूल के आधार पर करने के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन आज तक पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.

वर्तमान में जिन मीटर्ड किसानों से दो रुपये प्रति यूनिट और फिक्स्ड चार्ज 70 रुपये प्रति हार्स पावर की दर पर वसूली होनी है, उनसे छह रुपये प्रति यूनिट और फिक्स्ड चार्ज 130 रुपये प्रति हार्स पावर शहरी शिडूल्ड की वसूली हो रही है. बड़ा सवाल यह है कि जब सप्लाई सिर्फ 10 घंटे हो रही है तो 24 घंटे की बिजली बिलिंग क्यों की जा रही है?

ग्रामीण शेड्यूल्ड पर हो किसानों से बिजली बिल की वसूली
इस मामले पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने प्रबंध निदेशक पावर कारपोरेशन को कार्रवाई करने का लिखित निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि अबिलम्ब कृषि फीडर के किसानों की बिलिंग ग्रामीण शिडूल्ड के आधार पर शुरू कराई जाए. इस मामले पर कोई भी शिकायत आने पर उच्चाधिकारियों की जबाबदेही तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी.

अब शायद किसानों को मिले राहत
किसानों के साथ बिजली विभाग की ठगी पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि बिजली विभाग अपनी जेब भरने के लिए उपभोक्ताओं के साथ ही किसानों से भी ज्यादा बिल वसूल लेता है. शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. अब ऊर्जा मंत्री से शिकायत हुई है तो शायद इस पर अमल हो. अधिकारी अपने में सुधार लाएं, जिससे किसानों को ग्रामीण शेड्यूल्ड के अनुसार बिजली के बिल का भुगतान करना पड़े.

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