लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अब लेटलतीफी नहीं चलेगी. इसके लिए योगी सरकार एकीकृत सॉफ्टवेयर सिस्टम विकसित करने जा रहा है. इसमें स्वास्थ्य विभाग, फॉरेंसिक विभाग, पुलिस व फूड एंड ड्रग विभाग को रिपोर्ट ऑनलाइन अपडेट करनी होगी. यह प्रकिया कोर्ट तक पीड़ितों को समय से न्याय दिलाने में मददगार साबित होगी.
डॉक्टर, पुलिस, फॉरेंसिक रिपोर्ट सीधे कोर्ट में डिजिटल माध्यम से पहुंचाने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है. इसके लिए 'मेडिको लीगल एक्जामिनेशन एंड पोस्टमार्टम रिपोर्ट' (Medico legal examination and post mortem report) व 'इंटीग्रेटेड लेबोरेटरी रिपोर्टिंग सिस्टम' (Integrated Laboratory Reporting System software) का साफ्टवेयर तैयार होगा. यह चंडीगढ़ एनआईसी द्वारा विकसित एप से कनेक्ट होगा. इससे रिपोर्ट आसानी से अपडेट की जा सकेगी.
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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने 10 दिसम्बर को अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद को पत्र लिखा था. इसमें यूपी के तीन जिलों में पहले योजना पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने का निर्देश है. इसमें अलीगढ़, बाराबंकी व मुजफ्फरनगर का चयन किया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ऑनलाइन व्यवस्था देश के तीन राज्यों ने लागू कर दी है. इसमें हरियाणा, चंडीगढ़ व पंजाब में एप और सॉफ्टवेयर दोनों का उपयोग किया जा रहा है. ऐसा होने पर डॉक्टर व पुलिस को केस से सम्बंधित पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन ही सबमिट करनी होगी. एप पर सबंधित केस या घटना के क्राइम सीन का ब्योरा भी अपडेट करना होगा. इसमें घटना के फोटो ग्राफ, वीडियो का रिकॉर्ड भी होगा. लिहाजा दफ्तरों में फाइलों का बोझ घटेगा.
केंद्र सरकार ने राज्यों को 15 अगस्त को पोस्टमार्टम के लिए नया आदेश जारी किया है. इसमें 24 घंटे पोस्टमार्टम की सुविधा सुनिश्चित किए जाने को कहा गया है. ऐसे में यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने 23 नवंबर को सभी जिलों के सीएमओ को पत्र जारी किया. इसमें नए आदेश के तहत पोस्टमार्टम रात में भी करने को कहा है.
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